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सीएसआर – सौर ऊर्जा की रोशनी से रौशन होंगे यूपी के स्कूल

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सौर ऊर्जा की रोशनी से रौशन होंगे यूपी के स्कूल, सीएसआर का होगा इस्तेमाल
 
उत्तर प्रदेश के विकास में सीएसआर की भूमिका महत्वपूर्ण है। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीएसआर की ताकत को समझते हुए लगातार प्रदेश के विकास में CSR Funds के इस्तेमाल पर जोर दे रहे है। Corporate Social Responsibility के लिए उत्तर प्रदेश सरकार देश के कॉरपोरेट घरानों से कई MoU साइन कर रही है। हालही में उत्तर प्रदेश सरकार ने इंडियन ऑयल, गेल इंडिया और यूपी नेडा के साथ करार किया है। इससे यूपी के रायबरेली के सभी माध्यमिक स्कूलों को सौर ऊर्जा की रोशनी से रौशन किया जायेगा। Solar Energy का ये काम Indian Oil, Gail India और Uttar Pradesh New and Renewable Energy Development Agency (UPNEDA) के CSR फंड्स से किया जायेगा।

यूपी के स्कूलों में CSR के लगेंगे रूफटॉप सोलर, होगी बिजली की बचत

योजना के पहले चरण में रायबरेली के 200 के करीब माध्यमिक स्कूलों में सौर ऊर्जा (Solar Energy) संयंत्र लगाए जा रहे हैं। रायबरेली के सभी माध्यमिक स्कूलों में सोलर प्लान्ट्स का इंस्टालेशन हो जाने के बाद लखनऊ, सीतापुर, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, हरदोई और प्रतापगढ़ के भी सभी माध्यमिक स्कूलों को सौर-ऊर्जा से लैस किये जायेंगे। हम आपको बता दें कि सभी संयंत्र नेट मीटरिंग (Net Metering) से जुड़े होंगे जिससे माध्यमिक स्कूल हर साल अपनी जरूरत की बिजली इस्तेमाल के बाद बाकी बिजली सौर ऊर्जा ग्रिड में देकर कमाई भी कर सकते है। योजना का सारा खर्चा विधायक निधि और कंपनियों के CSR से निकाला जायेगा।

यूपी में सीएसआर से ग्रीन एनर्जी को मिलेगा बढ़ावा

इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि बढ़ती ऊर्जा की जरूरत को पूरा करने में सौर ऊर्जा सबसे बेहतर विकल्प है। प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सौर ऊर्जा की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि स्कूलों में सौर ऊर्जा के उपयोग से बच्चों में जागरूकता आएगी। साथ ही साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 गीगावाट ग्रीन एनर्जी के प्रयोग में लाए जाने के सपने को भी बढ़ावा मिलेगा।