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वर्ल्ड लीवर डे – कोरोना काल में लीवर को ऐसे रखें स्वस्थ

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कोरोना महामारी में अपने आप को कोरोना से बचाना ही सबसे बड़ी बात हो गयी है। कोरोना से बचाव ही कोरोना का इलाज है। कोरोना से तभी बचा जा सकता है जब हमारी इम्युनिटी स्ट्रॉग हो। जब हम अपने शरीर का बहुत अच्छे से ख्याल रखें। कोरोना से बचने के लिए जब हम अपने आप को स्वस्थ रखें। एक स्वस्थ शरीर ही दुनिया की सबसे बड़ी पूंजी है। सबसे बड़ी कमाई है। स्वस्थ शरीर के लिए हमें अपने अंधरुनि अंगों को भी स्वस्थ रखना होगा। इन महत्वपूर्ण अंगों में से एक है लीवर। जिसे स्वस्थ रखकर हम कोरोना की लड़ाई को भी जीत सकते है। आज वर्ल्ड लीवर डे है तो आईये जानते है कोरोना काल में हम कैसे अपने लीवर को स्वस्थ रखें।

19 अप्रैल को वर्ल्ड लीवर डे (World Liver Day) मनाया जाता है

लीवर ब्रेन को छोड़कर शरीर का सबसे जटिल और दूसरा सबसे बड़ा अंग हैं। यह आपके शरीर के पाचन तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आप जो भी खाते और पीते या दवा लेते हैं। वे सभी लीवर से होकर गुजरती हैं। आप लीवर के बिना जीवित नहीं रह सकते हैं। यह एक ऐसा अंग है कि यदि आप अपने लीवर की उचित तरीके से देखभाल नहीं करते है, तो उसे आसानी से नुकसान पहुंच सकता हैं। यही कारण है कि लीवर संबंधित रोगों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 19 अप्रैल को वर्ल्ड लीवर डे (World Liver Day) मनाया जाता है।

कोरोना महामारी में लिवर से जुड़ी बीमारियां होने का जोखिम ज्यादा

कोरोना वायरस महामारी की वजह से लोगों का बाहर निकलना बंद हो गया है। इस कारण ज्यादातर लोगों की जीवनशैली निष्क्रिय हो गई है और साथ ही में बीमारियों से बचने के डर से लोग अपने मन से एंटीबायोटिक्स का भी ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं। ये दोनों ही अहम रिस्क फैक्टर हैं जिनकी वजह से भविष्य में Liver से जुड़ी बीमारियां (Liver disease) होने का जोखिम अधिक है। इसके अलावा खान-पीने की भी कुछ ऐसी चीजें हैं जिनका ज्यादा सेवन करने से आपकी लीवर खराब हो सकता है।

लीवर का काम ये भी होता है

• संक्रमण और रोग से लड़ना।
• ब्लड शुगर को नियमित करना।
• शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को निकालना।
• कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करना।
• रक्त के थक्के (अधिक मोटा/गाढ़ा करना) के निर्माण में सहायता करना।
• पित्त निकालना (तरल जो कि पाचन तंत्र में वसा को तोड़ने में मदद करता है)।
आमतौर पर जब तक कि लीवर रोग पूरी तरह से बढ़े और क्षतिग्रस्त न हो जाए, तब तक यह किसी भी साफ़ संकेत या लक्षण को प्रकट नहीं करता है। इस स्थिति में संभावित लक्षण भूख और वज़न में कमी तथा पीलिया हो सकता है।

लीवर को स्वस्थ रखना है तो ये करें उपाय

• लहसुन, अंगूर, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां, सेब और अखरोट खाएं।
• जैतून का तेल का उपयोग करें।
• नींबू और नीबू का रस तथा हरी चाय पीएं।
• वैकल्पिक अनाज (मोटा अनाज़, बाजरा और कूटू) के सेवन को प्राथमिकता दें।
• हरी पत्तेदार सब्जियां (बंद गोभी, ब्रोकोली और गोभी) शामिल करें।
• आहार में हल्दी का उपयोग करें।

अपने लीवर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं

स्वस्थ और संतुलित आहार खाने और नियमित व्यायाम करने से लीवर को स्वस्थ रखा जा सकता है। खाने में जैसे कि अनाज, प्रोटीन, मिल्क प्रोडक्ट, फल और सब्जियां तथा वसा का सेवन करें। ऐसे खाना खाएं, जिनमें रेशा भरपूर मात्रा में हों जैसे कि ताजे फल और सब्जियां, साबुत अनाज युक्त ब्रेड, चावल और अनाज।

Liver का सेहतमंद रखना है तो इन चीजों से बचें

अल्कोहल, स्मोकिंग और ड्रग्स को ‘न’ बोलें: अल्कोहल, स्मोकिंग और ड्रग्स Liver की कोशिकाओं को नष्ट करता हैं या नुकसान पहुंचता हैं। जब आप अल्कोहल (Alcohol) यानी शराब पीते हैं तो आपका लीवर उसे पचाने के लिए तोड़ने की कोशिश करता है और इस दौरान केमिकल रिएक्शन होता है जिससे लीवर की कोशिकाएं डैमेज हो सकती हैं। इस वजह से लीवर से जुड़ी कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। लिहाजा लंबे समय तक शराब का सेवन लीवर को खराब कर सकता है।
फास्ट फूड और नमक वाली चीजों का इस्तेमाल न करें – फ्रेंच फ्राइज, बर्गर, पिज्जा, नमक वाले आलू चिप्स, फ्रोजन फूड आदि का सेवन ज्यादा न करें (Fast food and salty food) क्योंकि इनमें सैचुरेटेड फैट और नमक की मात्रा अधिक होती है। इन चीजों को ज्यादा खाने से शरीर में इन्फ्लेमेशन हो सकता है जिससे लीवर सिरोसिस की बीमारी हो सकती है। साथ ही ज्यादा सोडा का सेवन करने की वजह से वजन बढ़ने और मोटापे का भी खतरा रहता है। मोटापे की वजह से लीवर में फैट जमा होने लगता है जिससे फैटी लीवर डिजीज का जोखिम बढ़ जाता है।
किसी भी दवा को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। जब दवाओं का सेवन गलत तरीके से किया जाता है, तो लीवर आसानी से ख़राब हो सकता हैं। लीवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों जैसे कि एयरोसोल, सफाई उत्पादों, कीटनाशकों और टॉक्सिक पदार्थों से बचें।

अपने लीवर की सुरक्षा के लिए हैपेटाइटिस को रोकना

हेपेटाइटिस शब्द का उपयोग लीवर सूजन के लिए किया जाता हैं। यह वायरल संक्रमण या अल्कोहल जैसे हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आने के कारण होता है। हेपेटाइटिस लक्षण रहित और सीमित लक्षणों के साथ हो सकता है, लेकिन इसमें प्राय: पीलिया, अत्यधिक थकान (भूख में कमी) और अस्वस्थता हो सकती है। हेपेटाइटिस दो प्रकार- तीव्र (एक्यूट) और दीर्घकालिक (क्रोनिक) होता है। हेपेटाइटिस के खिलाफ़ टीकाकरण कराएं। हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी के लिए टीकाकरण उपलब्ध हैं।