आज International Women’s Day यानी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। यह दिन महिलाओं को समाज में बराबरी और लोगों को उनके अधिकारों को लेकर जागरूक करने के मकसद से मनाया जाता है। यह दिन खासतौर पर महिलाओं और उनसे जुड़े मुद्दों को समर्पित है। इस ख़ास अवसर पर आईये जानतें हैं ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकारी योजनाओं के बारें में Schemes for Empowerment of Rural Women। भारत सरकार ग्रामीण महिलाओं सहित महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। सरकार ने महिलाओं के शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए उनके मुद्दे को संबोधित करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है ताकि हमारे देश की महिलाएं तेज रफ़्तार और Sustainable National Development में समान भागीदार बन सकें। राजनीति में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने संविधान में संशोधन के माध्यम से पंचायती राज संस्थानों में 1/3 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की हैं । जिसकी वजह से आज Panchayati Raj Institutions में 14.50 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि Elected Women Representatives हैं, जो कुल निर्वाचित प्रतिनिधियों का लगभग 46 फीसदी है। सरकार इनकी क्षमता बढ़ाने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण प्रदान कर रही है।
ग्रामीण भारत की महिलाओं के लिए सरकारी योजनाएं
इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं के समग्र विकास और सशक्तिकरण (Holistic Development and Women Empowerment) के लिए कई पहल की गई हैं। भारत सरकार खासकर ग्रामीण महिलाओं/लड़कियों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं/कार्यक्रम करती है जिसमें सामुदायिक भागीदारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन – एनआरएलएम (National Rural Livelihoods Mission – NRLM) के तहत, लगभग 9.00 करोड़ महिलाएं लगभग 83.5 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों (Self Help Group) से जुड़ी हुई हैं, जो ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को कई Innovative और सामाजिक और पारिस्थितिक रूप से जिम्मेदार तरीकों से बदल रही हैं। साथ ही Collateral Free Loans की मदद से सरकारी सहायता का भी लाभ उठा रही हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 (मनरेगा) भी ग्रामीण महिलाओं के हक़ में काम करते हुए कम से कम एक तिहाई नौकरियां महिलाओं को दी जा रही है।
ये सरकारी योजनाएं ग्रामीण भारत की महिलाओं को बना रही है आर्थिक संपन्न
राष्ट्रीय कृषि बाजार या ई-एनएएम (National Agriculture Market or e-NAM), कृषि उत्पादों के लिए एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म महिलाओं को अपने प्रोडक्ट्स बाजारों तक पहुंचने में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद कर रहा है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम यानी National Cooperative Development Corporation – NCDC महिला सहकारी समितियों के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। क्योंकि बड़ी संख्या में महिलाएं फ़ूड प्रोसेसिंग, वृक्षारोपण, फिशरीज, डेरी जैसे तमाम गतिविधियों से निपटने वाली सहकारी समितियों में शामिल हैं। अन्य योजनाओं में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (Beti Bachao Beti Padhao – BBBP), समग्र शिक्षा, बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना, स्वच्छ विद्यालय मिशन, स्वच्छ भारत मिशन आदि शामिल हैं। Women Employment की क्षमता बढ़ाने के लिए महिला श्रमिकों को सरकार Women Industrial Training institutes, National Vocational Training Institutes and Regional Vocational Training Institutes के नेटवर्क के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता (Economic Independence of Women through Skill Development and Vocational Training) सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कौशल भारत मिशन भी शुरू किया है।
महिलाओं और उनसे जुड़े मुद्दों को समर्पित करता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
मिशन पोषण 2.0 के तहत आंगनवाड़ी सेवाएं एक Universal Scheme है जिसके तहत गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं पूरक पोषण कार्यक्रम (Supplementary Nutrition Programme- SNP) सहित सेवाओं के लिए पात्र हैं। गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के बीच स्वास्थ्य संबंधी व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana – PMMVY) लागू की है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) एक केंद्र प्रायोजित डीबीटी योजना है जिसमें गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के बैंक/डाकघर खाते में सीधे ₹ 5000/- (तीन किस्तों में) का नकद प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है। इस योजना के माध्यम से 3.20 करोड़ से अधिक महिलाओं तक लाभ पहुंचाया गया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है आधी आबादी का जश्न
‘स्वच्छ भारत मिशन’ (Swachchh Bharat Mission) के तहत 11.00 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण, ‘उज्ज्वला योजना’ (UjjawalaYojana) के तहत गरीबी रेखा से नीचे की लगभग 9.58 करोड़ महिलाओं को स्वच्छ रसोई गैस कनेक्शन और ‘जल जीवन मिशन’ (Jal Jeevan Mission) के तहत 19.46 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 12.59 करोड़ से अधिक को नल से पीने के पानी के कनेक्शन से जोड़ना। ये कठिन परिश्रम और देखभाल के बोझ को कम करके महिलाओं के जीवन को बदल दिया है। प्रधान मंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान जिसका उद्देश्य प्रत्येक पात्र परिवार के एक सदस्य को कवर करके 6 करोड़ व्यक्तियों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाना है। इसके तहत 53% से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं।