कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) एक ऐसी अवधारणा है, जो कंपनियों को समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनाती है। भारत देश में 1 अप्रैल 2014 से CSR law को अनिवार्य किया गया है। जिसके तहत कंपनियों को अपने प्रॉफिट का एक निश्चित हिस्सा समाज के उत्थान के लिए खर्च करना होता है। ये सीएसआर कानून कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 के तहत आता है जो कंपनियों को अपने बिजनेस के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों को भी समझने और निभाने की दिशा में प्रेरित करता है। भारत देश में बड़े पैमाने पर सीएसआर के काम किये जाते है जिसको लेकर कई भ्रांतियां भी है। कई ऐसे काम है जिससे समाज की भलाई तो जरूर होती है लेकिन कानूनन वो सीएसआर नहीं कहलाया जा सकता है। ऐसे में आइये इस विशेष रिपोर्ट में जानने है कि क्या है और क्या नहीं है सीएसआर। (सीएसआर क्या होता है – What is CSR and What is not CSR)
वैसे समाज की भलाई के लिए कई प्रकार से लोग चैरिटी, दान और Philanthropic गतिविधियां करते है लेकिन भारत में ये काम कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं हैं। लेकिन इससे पहले कि हम यह समझें कि भारतीय सरकार के अनुसार क्या CSR नहीं है, हमें उन गतिविधियों पर नज़र डालनी चाहिए जो भारत में CSR के अंतर्गत आती हैं। भारतीय कानून के अनुसार, CSR में कौन सी गतिविधियां शामिल हैं?
CSR गतिविधियों की सूची जो आती है सीएसआर के दायरे में (Schedule VII of CSR)
कंपनियों द्वारा CSR के तहत स्वीकृत गतिविधियां बहुत व्यापक हैं, और ये समाज के विभिन्न पहलुओं को छूती हैं। आइए इन गतिविधियों पर विस्तार से नज़र डालते हैं:
गरीबी और भूख का उन्मूलन – यह क्षेत्र न केवल खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि स्वास्थ्य देखभाल और स्वच्छता को बढ़ावा देने का भी काम करता है। इसमें सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना भी शामिल है।
शिक्षा का सुधार – विशेष शिक्षा और व्यावसायिक कौशल के विकास के साथ-साथ, यह गतिविधियां बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और विशेष जरूरतों वाले व्यक्तियों के लिए आजीविका संवर्धन परियोजनाओं को भी शामिल करती हैं।
लिंग समानता – CSR के तहत महिलाओं और अनाथ बच्चों के लिए आश्रय और घरों की स्थापना की जाती है। यह उन केंद्रों को स्थापित करने में भी मदद करती है जो बुजुर्गों की देखभाल करते हैं।
पर्यावरण की रक्षा – पर्यावरण के संरक्षण के लिए CSR गतिविधियों पारिस्थितिकी संतुलन, वन्यजीवों की सुरक्षा और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर केंद्रित होती हैं। इसमें नदी गंगा के पुनरुत्थान जैसे प्रयास भी शामिल हैं।
राष्ट्रीय धरोहर और संस्कृति का संरक्षण – ऐतिहासिक स्थलों और कलाओं के संरक्षण के लिए CSR गतिविधियां आवश्यक हैं। यह सार्वजनिक पुस्तकालयों की स्थापना और पारंपरिक कलाओं का विकास भी प्रोत्साहित करती हैं।
सशस्त्र बलों के लिए सहायता – CSR के अंतर्गत पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की भलाई के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं, जैसे कि स्वास्थ्य देखभाल और वित्तीय सहायता।
खेल का प्रोत्साहन – ग्रामीण खेलों और राष्ट्रीय स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए CSR कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो युवा प्रतिभाओं को सशक्त बनाते हैं।
आपातकालीन राहत – प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत और पुनर्वास गतिविधियां CSR के महत्वपूर्ण भाग हैं, जिससे प्रभावित समुदायों की मदद की जाती है।
सीएसआर कानून के तहत नहीं माने जाने वाली CSR Activities
हालांकि CSR का दायरा बहुत बड़ा है, लेकिन कुछ गतिविधियां ऐसी हैं जो CSR के तहत नहीं आतीं। आइए उन पर भी ध्यान दें –
बिजनेस में की गई एक्टिविटीज – जो गतिविधियां कंपनी के सामान्य व्यापार का हिस्सा हैं, जैसे उत्पादन और बिक्री, उन्हें CSR में शामिल नहीं किया जाता।
विदेश में की गई गतिविधियां – भारत के बाहर की गई सभी गतिविधियां CSR में नहीं आतीं, सिवाय भारतीय खेल प्रतिभाओं के प्रशिक्षण के।
राजनीतिक पार्टियों को योगदान – किसी भी राजनीतिक पार्टी को पैसे देना, चाहे वह सीधे हो या परोक्ष, इसे CSR में नहीं माना जाता।
कर्मचारियों को लाभ पहुंचाना – जो गतिविधियां केवल कंपनी के कर्मचारियों को लाभ पहुंचाती हैं, जैसे वेतन वृद्धि या बोनस, उन्हें CSR में शामिल नहीं किया जाता।
मार्केटिंग लाभ के लिए प्रयोजन – कंपनियों द्वारा अपने उत्पादों या सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए की जाने वाली गतिविधियां, जैसे विज्ञापन या स्पॉन्सरशिप, CSR नहीं होतीं।
कानूनी दायित्वों का पालन – यदि कोई गतिविधि किसी कानून के तहत अनिवार्य है, तो उसे CSR गतिविधि नहीं माना जाएगा।
प्रकृति में योगदान का चंदा – CSR गतिविधियों के लिए बनाए गए ट्रस्ट या संगठनों को धनराशि का योगदान, अगर वे CSR गतिविधियों से संबंधित नहीं हैं, तो यह CSR नहीं होगा।
एक बार की गतिविधियां – जैसे मैराथन, पुरस्कार वितरण, या एक बार की अन्य गतिविधियां जो कंपनी के ब्रांडिंग या मार्केटिंग के लिए होती हैं, उन्हें CSR में नहीं गिना जाता।
सीएसआर केवल एक कानूनी आवश्यकता नहीं है, बल्कि यह कंपनियों के लिए समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को दर्शाने का एक साधन है। कंपनियों को यह समझना होगा कि CSR केवल दान देने तक सीमित नहीं है। यह समाज के विकास में सक्रिय भागीदारी का एक माध्यम है। सीएसआर – Corporate Social Responsibility नियमों का पालन करना आवश्यक है ताकि कंपनियां न केवल अपने व्यवसाय को बढ़ा सकें, बल्कि समाज में स्थायी प्रभाव भी डाल सकें। कंपनियों को चाहिए कि वे अपने सीएसआर प्रयासों को सही दिशा में आगे बढ़ाएं और सुनिश्चित करें कि वे समाज के उत्थान में योगदान कर रही हैं। सही CSR नीतियों के माध्यम से कंपनियां न केवल अपने ब्रांड की छवि को सुधार सकती हैं, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभा सकती हैं, जिससे लंबे समय के विकास और स्थिरता सुनिश्चित हो सके।