नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पास हो गया, अब बारी है राज्यसभा की। गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्षियों के विरोध के बावजूद नागरिकता संशोधन बिल को लोकसभा में सोमवार को पेश किया और उसे पास कराया। बिल पर करीब सात घंटे लंबी बहस चली उसके बाद बहुमत से बिल पास भी हो गया। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अपने सासदों को व्हीप भी जारी किया था। अगर नागरिक संशोधन बिल कानून बन जाता है तो पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न के चलते आए हिन्दू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म को लोगों को सीएबी के तहत भारतीय नागरिकता मिल जाएगी।
नागरिक संशोधन बिल लोकसभा में पास होते ही इस पर बवाल मच गया है, बिल के चलते जो विरोध की आवाज उठ रही है उसकी वजह ये है कि इस बिल के प्रावधान के मुताबिक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले मुसलमानों को भारत की नागरिकता नहीं दी जाएगी। कांग्रेस समेत कई पार्टियां इसी आधार पर बिल का विरोध कर रही हैं। देश के पूर्वोत्तर राज्यों में इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है, और उनकी चिंता है कि पिछले कुछ दशकों में बांग्लादेश से बड़ी तादाद में आए हिन्दुओं को नागरिकता प्रदान की जा सकती है। पूर्वोत्तर राज्यों में ये विरोध हिंसक रूप भी अख्तियार कर चुका है।
गौर करनेवाली बात ये भी है कि एनडीए की सहयोगी रही शिवसेना जो अब कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार चला रही है, इस बिल का समर्थन कर रही है। भारत के इस आंतरिक मामले में पाकिस्तान की नापाक टिप्पणी भी आई है। पाकिस्तान ने भारत के नागरिकता संशोधन विधेयक को ‘पक्षपातपूर्ण’ बताया और इसे नई दिल्ली का पड़ोसी देशों के मामलों में ‘दखल’ का ‘दुर्भावनापूर्ण इरादा’ बताया। वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने फिर जहर उगलते हुए इस विधेयक को आरएसएस के ‘हिंदू राष्ट्र’ की अवधारणा की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम करार दिया है। हालांकि भारत ने इसका जवाब भी करारा दिया है।
लोकसभा में भारी शोर-शराबे के बीच नागरिकता संशोधन बिल पारित हो गया। बिल के विरोध में 80 तो पक्ष में 311 वोट पड़े। सरकार की असली परीक्षा राज्यसभा में होगी क्योंकि राज्यसभा में सत्ताधारी एनडीए के पास बहुमत नहीं है। मगर जिस तरह से अल्पमत में होने के बावजूद सरकार ने तीन तलाक और अनुच्छेद 370 को हटाने वाले विधेयक को पास करवा लिया था ठीक उसी तरह वह इसे भी पास करवा ही लेगी ऐसी उम्मीद है।