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July 11, 2025

बिहार में Assembly Elections से पहले Voter List पर सवाल, Seemanchal में Aadhar और Residential Proof में गड़बड़ी?

 बिहार में आगामी Assembly Elections 2025 से पहले सीमांचल के जिलों में Voter List की गड़बड़ी ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया जैसे जिलों में Aadhar Card की संख्या जनसंख्या से भी अधिक होने के चलते Election Commission ने मतदाता सूची का Intensive Revision of Voter List अभियान शुरू कर दिया है।
Election Commission के सूत्रों के अनुसार, हर Assembly Constituency में औसतन 10,000 Fake Voters की आशंका जताई गई है। किशनगंज में जहां Aadhar Cards की संख्या जनसंख्या के 105.16% तक पहुंच गई है, वहीं अररिया में यह आंकड़ा 102.23%, कटिहार में 101.92% और पूर्णिया में 101% तक है। यह सब इस तथ्य के बावजूद कि Aadhar न तो नागरिकता प्रमाण है और न ही इसे अकेले Residential Certificate के रूप में मान्यता प्राप्त है।
Seemanchal क्षेत्र सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण Siliguri Corridor के निकट स्थित है, जिसे ‘Chicken’s Neck’ भी कहा जाता है। पिछले दो दशकों में यहां जनसांख्यिकी में तेज़ बदलाव दर्ज किया गया है। 1951 से 2011 तक इस क्षेत्र में मुस्लिम आबादी में 16% की वृद्धि हुई है। हालिया Caste Census के मुताबिक, किशनगंज में मुस्लिम आबादी 68%, अररिया में 50%, कटिहार में 45% और पूर्णिया में 39% तक पहुंच गई है।
इन आंकड़ों ने केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है। विपक्ष इस पूरे पुनरीक्षण अभियान को मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में Targeted Action बताकर हमलावर है। महागठबंधन इस प्रक्रिया को समुदाय विशेष के खिलाफ बताकर राजनीतिक लाभ लेना चाहता है।
हालांकि सवाल यह भी उठ रहा है कि अक्टूबर-नवंबर में प्रस्तावित चुनाव से पहले Election Commission महज 3-4 महीनों में इस व्यापक पुनरीक्षण को कैसे पूरा करेगा? विपक्ष इसे केवल एक “Time-Bound Exercise” मान रहा है और पारदर्शिता की मांग कर रहा है।

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