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November 20, 2025

Uttar Pradesh में Navarambh Teacher Training की शुरुआत, आश्रय गृहों के बच्चों की पढ़ाई को मिलेगी नई दिशा

The CSR Journal Magazine
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ऐसे बच्चों की जिंदगी बदलने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है, जो आश्रय गृहों और बाल संरक्षण संस्थानों में रहते हैं। पहली बार राज्य में उनके लिए Navarambh Training Module शुरू किया गया है, जो इन बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने का एक गंभीर और अहम प्रयास है। इस कार्यक्रम में महिला कल्याण विभाग, UNICEF और SCERT की बड़ी भूमिका है, और इसका मकसद है कि इन बच्चों को भी वही सुविधाएं और सीखने के अवसर मिलें जो बाकी बच्चों को मिलते हैं। Basic Education Minister Sandeep Singh ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की और कहा कि हर बच्चे को सही दिशा देना और उसके आत्मविश्वास को बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि बच्चे किसी भी परिस्थिति में हों, उन्हें आगे बढ़ने का पूरा हक है। इसी सोच के साथ बेसिक शिक्षा विभाग के 46 चुने हुए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे इन बच्चों को बेहतर समझ सकें।

Uttar Pradesh Navarambh Teacher Training: बच्चों की जरूरतों को समझने पर जोर

यह कार्यक्रम SCERT लखनऊ में आयोजित Conclave on Justice for Children में लॉन्च किया गया। यहां मौजूद विशेषज्ञों ने बताया कि आश्रय गृहों में रहने वाले बच्चों का माहौल अलग होता है। कई बच्चे परिवार से दूर होते हैं, कई मानसिक तनाव में रहते हैं, और उनकी सीखने की गति भी अक्सर अलग होती है। ऐसे बच्चों के लिए शिक्षक का रोल और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। Child Protection, Digital Learning, Life Skills, Inclusive Education इन सभी को प्रशिक्षण का हिस्सा बनाया गया है ताकि बच्चों को आने वाले समय में आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी पूरी हो सके।

Uttar Pradesh Navarambh Teacher Training: डिजिटल लर्निंग से होगा बच्चों का भविष्य मजबूत

सरकार का मानना है कि Digital Learning in Shelter Homes उनकी जिंदगी बदल सकता है। आज के समय में पढ़ाई केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि कंप्यूटर, मोबाइल और ऑनलाइन लर्निंग भी बच्चों के लिए जरूरी है। इसी वजह से इस कार्यक्रम में शिक्षकों को यह भी सिखाया जा रहा है कि कैसे डिजिटल टूल्स से बच्चों की पढ़ाई आसान और मज़ेदार बनाई जा सकती है।

शिक्षकों को मिल रहा है चार दिन का स्पेशल प्रशिक्षण

नवरम्भ कार्यक्रम में चार सत्र रखे गए हैं, जो 21 नवंबर तक चलेंगे। इसमें शिक्षकों को बच्चों की मनोविज्ञान, उनके सामने आने वाली कठिनाइयों, Juvenile Justice System, सुरक्षा और संरक्षण जैसे विषयों पर गहराई से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक मोनिका रानी ने कहा कि आश्रय गृहों में रहने वाले बच्चों की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा शिक्षकों पर होती है। अगर शिक्षक उनकी सोच, उनकी सीमाएं और उनकी असल जरूरतों को समझ जाएँ, तो वे भी बाकी बच्चों की तरह तेज़ी से आगे बढ़ सकते हैं और आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

सरकार की मंशा, हर बच्चा लौटे मुख्यधारा में

सरकार का दावा है कि इस कार्यक्रम के जरिए बच्चों को एक ऐसा माहौल मिलेगा, जहां वे खुद पर भरोसा करना सीखेंगे। उनके सीखने का तरीका सुधरेगा, मानसिक मजबूती बढ़ेगी, और सबसे बड़ी बात वह खुद को समाज का हिस्सा महसूस करेंगे। नवरम्भ का यही लक्ष्य है बच्चे चाहे किसी भी परिस्थिति में हों, उन्हें ऐसा प्लेटफॉर्म मिले जहां वे अपनी जिंदगी को फिर से मजबूती के साथ शुरू कर सकें। UP में यह पहल बच्चों के लिए एक नई शुरुआत बन सकती है, सचमुच का Navarambh।
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