मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग, पैरामेडिकल और डिजिटल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने पर जोर
उत्तर प्रदेश सरकार ने विकसित यूपी–2047 मिशन के तहत स्वास्थ्य सेवाओं को बिल्कुल नए स्तर तक पहुंचाने की बड़ी तैयारी शुरू कर दी है। राजधानी लखनऊ में आयोजित स्टेकहोल्डर्स कॉन्फ्रेंस में उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि आने वाले दस सालों में हेल्थ सेक्टर पर 1 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुसार राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को इतना मजबूत करना है कि हर नागरिक को उसके घर के पास बेहतर इलाज मिले। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश को स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में बीमारू राज्य कहा जाता था, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। आज प्रदेश में सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे, बेहतर बिजली आपूर्ति और तेजी से बढ़ता इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश को आकर्षित कर रहा है। इसका असर सीधे स्वास्थ्य सेवाओं पर भी दिख रहा है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि जहां पहले 40 मेडिकल कॉलेज थे, वहीं अब यह संख्या 81 तक पहुंच चुकी है।
मेडिकल शिक्षा और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा विस्तार
ब्रजेश पाठक ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा को मजबूत बनाना विकसित यूपी–2047 का मुख्य हिस्सा है। पहले जहां 5000 MBBS सीटें थीं, आज 12,000 से ज्यादा सीटें हो चुकी हैं। MS और MD की सीटें भी लगभग दोगुनी बढ़ गई हैं। यह कदम भविष्य में डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी है। इसके साथ ही हर पांच हजार की आबादी पर आरोग्य मंदिर शुरू किए गए हैं, जहां पैथोलॉजी जांच से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं आसानी से मिल रही हैं। सरकार के मुताबिक ये छोटे लेकिन बेहद उपयोगी हेल्थ सेंटर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत कर रहे हैं।
विकसित यूपी–2047: डिजिटल हेल्थ और AI पर भी फोकस
कांफ्रेंस में मौजूद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य सेवाओं में Digital Health, AI Tools, और Live Monitoring Systems के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर जोर दिया। संजीवनी एप के जरिये डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता पर रियल टाइम नजर रखी जा रही है। विशेषज्ञों ने कहा कि WHO मानकों के अनुरूप सेवाएं विकसित करने के लिए पैरामेडिकल, नर्सिंग और फार्मा सेक्टर में भी बड़ा विस्तार जरूरी है।
6 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी में UP की भूमिका
इस मौके पर मुख्यमंत्री सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत–2047 लक्ष्य में उत्तर प्रदेश 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था खड़ी करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है। इसमें शिक्षा और स्वास्थ्य दो सबसे मजबूत स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर होने से न केवल नागरिकों को सुविधा मिलेगी बल्कि राज्य की प्रोडक्टिविटी भी बढ़ेगी।
महामारी से निपटने के लिए रिसर्च को बढ़ावा
कांफ्रेंस में विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि कोविड जैसी महामारियों से निपटने के लिए मेडिकल रिसर्च को आगे बढ़ाना बेहद जरूरी है। इसके लिए राज्य में शोध संस्थानों और ट्रेनिंग सुविधाओं को मजबूत किए जाने की जरूरत बताई गई।
लोगों तक सीधे प्रभाव
सरकार का कहना है कि विकसित यूपी–2047 मिशन का सबसे बड़ा लक्ष्य है कि कोई भी नागरिक बिना लंबी दूरी तय किए अपने घर के पास इलाज पा सके। आने वाले वर्षों में नए मेडिकल कॉलेज, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और बेहतर नर्सिंग-पैरामेडिकल शिक्षा इस दिशा में बड़ा बदलाव लाएंगे। उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को विकसित देशों के स्तर पर ले जाने की यह योजना अगले दशक में राज्य की तस्वीर बदलने वाली है।