इस वर्ष तुलसी विवाह पर विशेष ग्रह योग
इस वर्ष तुलसी विवाह के दिन शुक्र और चंद्रमा का दुर्लभ गोचर होने ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन शुक्र तुला राशि में और चंद्रमा मीन राशि में प्रवेश करेंगे। यह संयोग धन, प्रेम और सौभाग्य बढ़ाने वाला माना गया है। इन ग्रह परिवर्तनों का असर कई राशियों पर विशेष रूप से शुभ रहेगा।
देवउठनी एकादशी और भद्रा काल का प्रभाव
देवउठनी एकादशी (प्रबोधिनी एकादशी) इस वर्ष 1 नवंबर 2025 को मनाई जा रही है। इसी दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं और तुलसी विवाह का आयोजन होता है। हालांकि, इस बार एक विशेष स्थिति बनी है — भद्रा काल 1 नवंबर की दोपहर 3:30 बजे से रात 2:26 बजे तक रहेगा। चूंकि भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता, इसलिए तुलसी विवाह इस बार 2 नवंबर को किया जाएगा।
तुलसी विवाह के शुभ मुहूर्त
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ब्राह्म मुहूर्त: सुबह 4:50 से 5:42 तक
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अमृत काल: सुबह 9:29 से 11:00 तक
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अभिजित मुहूर्त: 11:42 से 12:26 तक
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विजय मुहूर्त: दोपहर 1:55 से 2:39 तक
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गोधूली मुहूर्त: शाम 5:35 से 6:01 तक इन मुहूर्तों में तुलसी विवाह करना सबसे शुभ माना गया है।
इन राशियों की किस्मत चमकेगी तुलसी विवाह पर
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कन्या राशि: तुलसी विवाह के बाद कन्या राशि वालों का सुनहरा समय शुरू होगा। नौकरी में सफलता, अटके कार्यों की पूर्ति और विदेश जाने के अवसर मिल सकते हैं। परिवारिक रिश्तों में भी सुधार आएगा।
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तुला राशि: शुक्र-चंद्रमा के गोचर से तुला राशि के जातकों की शादी या प्रेम जीवन से जुड़ी अड़चनें दूर होंगी। नए रिश्तों में स्थिरता और भाग्य का साथ मिलेगा।
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मीन राशि: मीन राशि वालों को इस दिन आर्थिक लाभ और करियर में नई ऊंचाइयां मिल सकती हैं। नई नौकरी या प्रमोशन के अवसर बनेंगे और मित्रों के साथ संबंध मजबूत होंगे।

