प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना का लाभ गरीब और जरूरतमंदों को बड़े पैमाने पर हो रहा है। अगर हम बात करें उत्तर प्रदेश को तो आयुष्मान कार्ड धारक सबसे ज्यादा यूपी में हैं। उत्तर प्रदेश की गरीब जनता और जरूरतमंद को योजना का लाभ देने के लिए योगी सरकार 5 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाकर पूरे देश में अव्वल बनी है। Ayushman Card धारक मरीजों को गंभीर से गंभीर बीमारी में आसानी से इलाज मिल रहा है। उन्हे यह इलाज बड़े-बड़े कॉरपोरेट मेडिकल संस्थानों में एक्सपर्ट डॉक्टर्स द्वारा मुहैया कराया जा रहा है। अब तक 2500 करोड़ से अधिक की धनराशि गंभीर बीमारी वाले 6 लाख से अधिक मरीजों के इलाज में खर्च की जा चुकी है। इतना ही नहीं दूसरे Uttar Pradesh के Ayushman Card धारक भी प्रदेश की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले रहे हैं।
गरीब और जरूरतमंद मरीजों का आयुष्मान कार्ड से हो रहा है उपचार
The CSR Journal से ख़ास बात करते हुए उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव हेल्थ एंड फॅमिली वेलफेयर पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि गरीब जनता को आयुष्मान भारत का लाभ देने के लिए युद्धस्तर पर आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि उत्तर प्रदेश में 5 करोड़ 11 लाख 72 हजार 647 आयुष्मान कार्ड धारक हैं। जिन्हे प्रदेश के 5,669 अस्पतालों द्वारा इलाज मुहैया कराया जा रहा है। इनमें 2948 सरकारी और 2721 प्राइवेट अस्पताल शामिल हैं। इतना ही नहीं प्रदेश के कारॅपोरेट अस्पतालों मेें भी कार्ड धारकों को इलाज मिल रहा है। इसमें अपोलो, मेदांता, यशोदा, रिजेंसी, टेंडर पॉम जैस बड़े कॉर्पोरेट अस्पताल शामिल हैं। योजना के तहत अब तक 45,19,375 मरीजों के इलाज में 7040 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं। प्रमुख सचिव ने बताया कि उत्तर प्रदेश कार्ड बनाने के मामले में विगत कई वर्षों से पूरे देश में नंबर वन राज्य बना हुआ है, जबकि दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है, जहां 4 करोड़ 3 लाख कार्ड बनाए गए हैं। वहीं तीसरे स्थान पर बिहार है, जहां 3 करोड़ 26 लाख कार्ड बनाए गए हैं।
5600 से अधिक अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड के जरिए हो रहा उपचार
The CSR Journal से बातचीत करते हुए Sangeeta Singh, Chief Executive Officer of State Agency for Comprehensive Health and Integrated Services- Ayushman Bharat ने बताया कि आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों की गंभीर से गंभीर बीमारी का भी आसानी से इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक 2,557 करोड़ से टर्शियरी केयर के तहत 6,98,831 मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया गया है। इसमें 66,513 हृदय रोगियों का इलाज किया गया। इनके इलाज में 684 करोड़ रुपये खर्च किये गये। वहीं दूसरे राज्य के 1,79,141 मरीजों ने प्रदेश की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लिया। इनके इलाज में 491 करोड़ रुपये खर्च किये गये जबकि प्रदेश के बाहर रहने वाले 3,05,264 प्रदेशवासी मरीजों ने दूसरे प्रदेश में इलाज कराया। इनके इलाज में 821 करोड़ रुपये खर्च किये गये।
कॉरपोरेट अस्पतालों में में जमकर होता है सीएसआर
गरीब जब भी बीमार होते है उनके इलाज के लिए सिर्फ एक ही विकल्प होता है वो है सरकारी अस्पताल लेकिन सरकार की कई ऐसी सुविधाएं है जिनका फायदा उठाकर हम कॉरपोरेट और बड़े अस्पतालों में हम अपना इलाज करवा सकते हैं। इसमें सीएसआर की भूमिका अहम होती है। कॉरपोरेट हाउसेस अपना बड़ा सीएसआर इन अस्पतालों में खर्च करते है ताकि गरीबों का इलाज हो सके। अपोलो, मेदांता, यशोदा, रिजेंसी, टेंडर पॉम जैस ये बड़े कॉर्पोरेट अस्पताल (Corporate Hospital) हैं जहां पर सीएसआर खर्च किया जाता है।