The CSR Journal ने मनाया दान दिवस, 10 बच्चियों को अडॉप्ट कर शिक्षा का जिम्मा उठाने का लिया संकल्प, दिवाली के मौके पर जलाया बेटियों को शिक्षित करने का लौ
CSR डोमेन में देश की सबसे बड़ी न्यूज़ आर्गेनाईजेशन The CSR Journal ना सिर्फ कॉरपोरेट को सोशली रिस्पांसिबल बना रही है बल्कि हर एक सिटीजन को अपने समाज के प्रति जिम्मेदार बनाने का काम कर रही है। समाज के प्रति जिम्मेदारी का पाठ हम तभी लोगों को पढ़ा सकते है जब हम खुद समाज के प्रति जिम्मेदार हों। ऐसे में The CSR Journal ने दिवाली के ख़ास मौके पर दान दिवस मनाया। इस साल दान दिवस के अवसर पर दी सीएसआर जर्नल ने 10 जरूरतमंद बच्चियों को अडॉप्ट करने का सराहनीय कदम उठाया है।
The CSR Journal और Daksh Nagarik Foundation की सहयोग से बच्चों को मिला स्टेशनरी और स्कूल बैग
The CSR Journal के संस्थापक संपादक अमित उपाध्याय ने इस ख़ास मौके पर घोषणा की है कि ये 10 बच्चे अब से The CSR Journal के सहयोग से अपनी शिक्षा की यात्रा पूरी कर सकेंगे। दी सीएसआर जर्नल 10 गरीब और जरूरतमंद बच्चियों को अडॉप्ट कर रही है। इन बच्चियों के पढ़ाई का पूरा खर्चा The CSR Journal वहन करेगा। ये पैसा बच्चियों के अभिभावकों का ना देते हुए जरूरतमंदों के स्कूलों में जमा किया जायेगा। इस पहल के साथ ही जरूरतमंद बच्चों की स्कूल किताबें, यूनिफॉर्म, स्टेशनरी, और अन्य शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा। बच्चियों की पढ़ाई किस तरह से चल रही है, सुविधाएं पाने के बाद उनका रिपोर्ट कार्ड कैसे है ये सुनिश्चित करने के लिए The CSR Journal का हर एक स्टाफ उन बच्चियों से मिलेगा भी और उनकी पढ़ाई का ट्रैक रिकॉर्ड भी रखेगा।
दिवाली के मौके पर दान दिवस मनाकर शिक्षा के लिए लौ जलाया The CSR Journal
दान दिवस के इस आयोजन में The CSR Journal, Daksh Nagarik Foundation के साथ मिलकर बच्चों को स्टेशनरी, स्कूल बैग, किताबें, और अन्य शैक्षणिक सामान भी दान किया। यह प्रयास उन बच्चों को शिक्षा की राह में आने वाली आर्थिक बाधाओं को दूर करने के उद्देश्य से किया गया है, जिनके पास संसाधनों की कमी के कारण पढ़ाई जारी रखने में मुश्किलें आती हैं। The CSR Journal की इस पहल का उद्देश्य न केवल बच्चों की शिक्षा में सहयोग करना है बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव के साथ साथ समाज के वंचित वर्गों के बच्चों को एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जाने का प्रयास भी है।
शिक्षित समाज और महिला सशक्तिकरण हमारा लक्ष्य – अमित उपाध्याय
The CSR Journal के संस्थापक संपादक अमित उपाध्याय ने कहा कि, “हमारा उद्देश्य इन बच्चियों की शिक्षा को सुनिश्चित करना है ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सकें। हम मानते हैं कि शिक्षा एक अधिकार है और इसके माध्यम से ही समाज में स्थाई बदलाव लाया जा सकता है, महिला सशक्तिकरण किया जा सकता है। हम चाहते हैं कि ये बच्चे पढ़-लिखकर समाज के बेहतर नागरिक बनें और आने वाले समय में देश की प्रगति में योगदान दें। समाज में बदलाव लाना है तो इसकी शुरुआत खुद से होनी चाहिए ऐसे में मैं लोगों से मैं अपील करता हूं कि एक छोटी सी ही क्यों न हो लेकिन हर एक को प्रयास जरूर करना चाहिए। दान दिवस पर यह पहल केवल एक शुरुआत है। हम भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करते रहेंगे और अधिक से अधिक बच्चों को इस तरह की सुविधाएं प्रदान करेंगे। हमारा लक्ष्य है कि शिक्षा का अधिकार हर बच्चे तक पहुंचे और आर्थिक अभाव शिक्षा के रास्ते में बाधा न बने।”
समाज में सकारात्मक संदेश देने के लिए साथ आये कई संस्थान
ये दान दिवस पूरे एक हफ्ते चला जहां The CSR Journal ने लोगों से अपील की थी कि लोग सामने आये और पुराने कपडे, स्टेशनरी और अन्य उपयोगी और जरुरत की चीजें दान करें। इस अपील के बाद बड़े पैमाने पर कपड़े और स्टेशनरी दान में आये जो Akshaya Shakti इस NGO की मदद से आदिवासी जिले पालघर में जरूरतमदों को भेजा जायेगा। इस विशेष आयोजन में The CSR Journal का साथ दिया Reliance New Energy Limited के डायरेक्टर Dhanraj Nathwani, Microscan Infocommtech Pvt. Ltd के Managing Director & CEO Sandeep Donde, Aakshya Infra Projects Private Limited के एमडी Lakshyya Gupta, PlayboxTV के Founder & CEO Aamir Mulani ने। इस दौरान मशहूर सिंगर अंकुर पाठक ने अपना स्पेशल परफॉरमेंस देकर इस आयोजन को और भी खास बना दिया।
आने वाले दिनों में 100 बच्चियों को अडॉप्ट करेगा The CSR Journal
बच्चियों को अडॉप्ट कर The CSR Journal शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए प्रयासरत है और पूरे साल भर 100 बच्चियों के शिक्षा का बीड़ा उठाने के लिए कटिबद्ध है। इस पहल को समाज में सकारात्मक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। इस आयोजन ने यह साबित कर दिया है कि समाज के कमजोर वर्ग के बच्चों के उत्थान के लिए विभिन्न संस्थाएं एकजुट होकर काम करें तो शिक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव संभव है। The CSR Journal का यह प्रयास न सिर्फ उन 10 बच्चियों के लिए बल्कि समाज के अन्य जरूरतमंद बच्चों के लिए भी एक प्रेरणा है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस पहल से प्रेरणा लेकर अन्य संस्थाएं और व्यक्ति भी इस तरह के प्रयासों में आगे आएंगे और शिक्षा के अधिकार को मजबूत करने में अपना योगदान देंगे।