महाराष्ट्र के Lake City के नाम से मशहूर शहर ठाणे में जल स्रोतों के संरक्षण और सफाई के प्रयासों को एक बल मिल रहा है। तालाब की साफ सफाई और उनका संरक्षण अब सीएसआर से किया जा रहा है। इस कड़ी में एक अहम कदम उठाते हुए ग्रीन यात्रा नामक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने ठाणे शहर के ऐतिहासिक जेल तालाब का संरक्षण का काम सफलतापूर्वक पूरा किया है। ये काम कोटक महिंद्रा बैंक के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड के तहत किया गया। हम आपको बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद ठाणे से ही आते है और एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है ठाणे शहर।
जेल तालाब 6.81 एकड़ में फैला है और इस संरक्षण परियोजना के अंतर्गत झील से करीब 30 हजार मीट्रिक टन का कचरा निकला गया जिसकी वजह से तालाब की पानी की क्षमता में भारी वृद्धि हुई है। पहले जहां तालाब की गहराई केवल 15 फीट थी, वहीं अब इसे बढ़ाकर 25 फीट कर दिया गया है। ग्रीन यात्रा के प्रयासों के कारण तालाब का पुनर्जीवन हुआ है, जिससे न केवल जल स्रोतों का संरक्षण हुआ है, बल्कि आसपास के पर्यावरण को भी लाभ पहुंचा है। सीएसआर की मदद से ये काम जलवायु परिवर्तन और पानी की कमी जैसी समस्याओं से निपटने में मददगार साबित होगा।
ठाणे में सीएसआर से झीलों की सफाई के लिए आधुनिक रोबोटिक नावों का इस्तेमाल
ठाणे जिले में कई झील और तालाब है। इन झीलों और तालाबों की सफाई को और प्रभावी बनाने के लिए कई Corporates सामने आकर काम कर रहे हैं। इन झीलों की साफ़ सफाई करने के लिए ओएनजीसी कंपनी ने ठाणे नगर निगम क्षेत्र में रोबोटिक नावें प्रदान की हैं। इन नावों की खासियत यह है कि ये तालाबों और झीलों की सतह पर तैरते हुए कचरा और अन्य अवशेषों को इकट्ठा करती हैं। हर नाव में 200 किलोग्राम तक का कचरा संग्रहण करने की क्षमता है, जिससे झीलों की सफाई के काम को आसान और कुशल बनाया जा रहा है। इस आधुनिक तकनीक के उपयोग से जल स्रोतों की सतह पर जमा होने वाले कचरे को समय-समय पर हटाया जा सकेगा, जिससे पानी की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
CSR की ये पहल Environment Conservation की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है
Pond Rejuvenation Project के इस परियोजना की सफलता में सीएसआर (Corporate Social Responsibility – CSR in Thane) फंड का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सीएसआर फंड के माध्यम से निजी कंपनियां समाज और पर्यावरण के सुधार के लिए अपना योगदान देती हैं। ओएनजीसी (ONGC CSR) जैसी कंपनियों ने ठाणे क्षेत्र में झीलों और तालाबों के संरक्षण के लिए अपने सीएसआर फंड का उपयोग किया है जिससे पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के प्रयास को बल मिला। ग्रीन यात्रा और ओएनजीसी के इन प्रयासों से ठाणे के जल स्रोतों की सफाई और संरक्षण का ये काम न केवल स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी राहत है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण (Environment Conservation) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुंबई की तरह ठाणे शहर में भी बड़े पैमाने पर स्लम्स है ऐसे में झोपड़पट्टी पुनर्वसन के लिए महाराष्ट्र की राज्य सरकार गरीब जनता के लिए कई योजना चला रही है ऐसे में ठाणे के झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले गरीब जनता को अच्छी जिंदगी देने के लिए ठाणे एसआरए ने उन्हें तोहफा दिया है। Thane SRA ने एक अभय योजना शुरू किया है जिसके अंतर्गत 2011 से पहले की झोपड़ी खरीद-फरोख्त के मामलों में, परिशिष्ट-2 में सिर्फ मूल झोपड़ीधारक का नाम दर्ज होता था और जिसने झोपड़ी खरीदी में उसका नाम नहीं आता था। लेकिन 15 अक्टूबर 2024 को राज्य सरकार ने एक नया निर्णय लिया है। इसके तहत, 2011 से पहले खरीदी-बेची गई झोपड़ियों के परिशिष्ट-2 में अब झोपड़ी खरीदने वाले व्यक्ति का नाम दर्ज किया जा सकेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने एक बार की “अभय योजना” शुरू की है। इस फैसले से मुंबई महानगर क्षेत्र के कई झोपड़ी धारकों को फायदा होगा और उनकी झोपड़ियों के दस्तावेजों में उनका नाम दर्ज हो सकेगा।