app-store-logo
play-store-logo
September 3, 2025

आखिर क्यूं ढक दिया गया था ताजमहल को WW2 के वक्त, 6 महीने तक रहा था बंद

The CSR Journal Magazine
क्या आप जानते हैं कि WW2 यानि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ताजमहल को पूरी तरह ढक दिया गया था, क्यूंकि उसके विध्वंस का खतरा पैदा हो गया था। ताजमहल पूरे 6 महीने तक बंद रहा था। ब्रिटेन ने अमेरिकी सेना की मदद से ताजमहल को बांस और बल्लियों से पूरी तरह ढक दिया था।यह पहला मौका था जब ताजमहल के दरवाज़े लगातार 188 दिनों तक सैलानियों के लिए बंद रहे।

ताजमहल- सफेद संगमरमर में लिपटी मोहब्बत की मुकम्मल कहानी

ताजमहल सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की एक अनमोल धरोहर है। ताजमहल सफेद संगमरमर में लिपटी मोहब्बत की कहानी है जिस पे दुनिया की नज़र रहती है। लेकिन इसी ताज पर एक नहीं, बल्कि 3 बार खतरे के बादल मंडराए थे। तब के तत्कालीन प्रशासन ने इस विश्व धरोहर को बचाने के लिए तीनों बार इसे ढक दिया था ताकि इसे दुश्मनों की नज़र से बचाया जा सके। द्वितीय विश्व युद्ध (WW2) के वक्त भारत में ब्रिटिश सरकार का राज था। दुश्मन देश स्मारकों और नामचीन इमारतों को चुन-चुन कर निशाना बना रहे थे। अमेरिका और ब्रिटेन को खुफिया जानकारी मिली कि जापान और जर्मनी मिलकर ताजमहल को नेस्तनाबूत करना चाहते हैं। ब्रिटिश सरकार ने हवाई हमले से बचाने के लिए ताजमहल को बांस और बल्लियों से इस तरह ढक दिया जैसे वो बांस का गट्ठर लगे और लड़ाकू विमान भ्रमित हो जाएं।

1965 और 1971 में भी था ताजमहल खतरे में

1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान भी ताजमहल को खास लिबास से ढका गया था। हालांकि इस बार बस 5 दिनों के लिए! 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के समय भी पाकिस्तानी सेना ताज को निशाना बनाना चाहती थी।  उस वक्त ताज को हरे कपड़े से ढका गया था ताकि दुश्मन को ताजमहल की जगह हरियाली नज़र आए। चाँदनी रात में ताजमहल के संगमरमर चमकें नहीं, इसलिए पूरी जमीन को झाड़ियों और पेड़ों की टहनियों से ढक दिया गया था। इतने खतरों से निकालकर मोहब्बत की ये शानदार दास्तां आज भी भारत के नक्शे पर उतनी ही चमक के साथ चाँदनी में नहाई शान से खड़ी है।

Latest News

Popular Videos