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April 16, 2025

Tahira Kashyap को सात साल बाद दोबारा हुआ Breast Cancer

Actor आयुष्मान खुराना की पत्नी और फिल्म निर्माता Tahira Kashyap को दोबारा Breast Cancer हो गया है, जिसकी जानकारी उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर करके दी। Tahira kashyap एक बार फिर ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) का शिकार हो गई है। ताहिरा ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने 7 साल बाद दोबारा ब्रेस्ट कैंसर होने के बारे में बताया है। बता दें कि इससे पहले ताहिरा कश्यप को साल 2018 में Breast Cancer होने के बारे में पता चला था। खुद को दोबारा Breast Cancer होने के बारे में जानकारी देते हुए ताहिरा कश्यप ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए एक फोटो शेयर की है, जिसमें उन्होने लिखा, “सात साल की खुजली या नियमित स्क्रीनिंग की शक्ति – यह एक दृष्टिकोण है। मैं दूसरे वाले के साथ जाना चाहती थी और उन सभी के लिए यही सुझाव देना चाहती थी जिन्हें नियमित Memogram करवाने की जरूरत है। मेरे लिए दूसरा दौर… मुझे दोबारा यह मिल गया।” साल 2018 में ताहिरा को स्टेज जीरो Breast Cancer हुआ था, लेकिन इलाज के बाद वे ठीक हो गई थीं, जिसके बाद साल 2025, यानी अब एक बार दोबारा वे ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो गई है।

Breast Cancer Recurrence के कारण

Oncologists के मुताबिक़ Breast Cancer के मरीज की सर्जरी में यदि सिर्फ Tumor को हटाया जाता है और ब्रेस्ट के बाकी हिस्सो को नहीं हटाया जाता है, तो दोबारा कैंसर हो सकता है। इसके अलावा दोबारा Breast Cancer होने के कई कारण हो सकते हैं। घने रेशेदार टिशू या Cancer से पहले के घाव की मौजूदगी कैंसर के दौबारा होने की संभावना को काभी हद तक बढ़ा सकते हैं। अगर शुरुआती कैंसर के दौरान कैंसर सेल्स पूरी तरह से नहीं हटाया गया है तो कुछ सेल्स शरीर में बने रह सकते हैं, जो बाद में दोबारा विकसित हो सकते हैं, जिससे Cancer का जोखिम बढ़ सकता है। कई Breast Cancer हार्मोन रिसेप्टर पॉजिटिव होते हैं, यानी वे एस्ट्रोजेन या प्रोजेस्टेरोन हार्मोन पर निर्भर होते हैं। अगर हार्मोन स्तर में असंतुलन हो या इलाज के दौरान हार्मोन रिसेप्टर को ब्लॉक करने वाली दवाइयां ज्यादा प्रभावी न हों, तो कैंसर फिर से हो सकता है। अगर पहले वाले Cancer के इलाज के दौरान Chemotherapy, Radiotherapy या Hormone Therapy पूरी तरह से प्रभावी नहीं रही, तो कैंसर सेल्स फिर से एक्टिव हो सकती हैं। अगर किसी व्यक्ति का Immune System ख़राब है, जैसे कि Cancer के इलाज के बाद या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण, तो शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली कैंसर सेल्स को पहचानने और खत्म करने में असफल हो सकती है।

Recurrence की संभावना

बेहतर स्क्रीनिंग और ट्रीटमेंट ऑप्शन के कारण Breast Cancer से होने वाली मृत्यु दर में कमी आई है। फिर भी, 25-30 प्रतिशत मरीजों में बीमारी दोबारा होती है।जबकि Breastcancer.org अनुसार, “ज्यादा एग्रेसिव Breast Cancer सबटाइप्स में दोबारा कैंसर होने की दर ज्यादा होती है। रिसर्च से पता चलता है कि शुरुआती चरण के ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित लगभग 40 फ़ीसदी लोगों में दोबारा कैंसर होने की संभावना है और इंफ्लेमेटरी Breast Cancer से पीड़ित 50 प्रतिशत लोगों में दोबारा कैंसर होने की संभावना होती है। इन दो उपप्रकारों में ब्रेस्ट कैंसर के अन्य उपप्रकारों की तुलना में दोबारा होने की ज्यादा संभावना है।”

महिलाओं को कब स्क्रीनिंग करनी चाहिए

भारत समेत दुनिया के तमाम देशों के लिए कैंसर चिंता का विषय बनता जा रहा है। इन दिनों जितनी तेजी से आधुनिक लाइफस्टाइल बढ़ रही है, कैंसर के मरीजों का ग्राफ भी उतनी ही तेजी से ऊपर जा रहा है। बीते कुछ साल में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में Cancer के ज्यादा मामले देखे गए हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, साल 2022 में भारत में 14,13, 316 कैंसर के मामले दर्ज किए गए थे। इन मामलों में 7,22,138 Cancer के केस महिलाओं से जुड़े हुए थे। भारत में महिलाओं में Breast Cancer और Cervical Cancer के मामले सबसे ज्यादा दर्ज किए जाते हैं। महिलाओं में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखकर हर महिला के लिए समय-समय पर कैंसर स्क्रीनिंग जरूरी है।

स्तन कैंसर – Breast Cancer

आंकड़ों की मानें, तो भारत में महिलाओं में होने वाले कैंसर में Breast Cancer सबसे आम है। हर साल 170,000 से ज़्यादा नए ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने दर्ज किए जाते हैं। ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं के सीने में गांठ महसूस होती है, जो वक्त के साथ बड़ी होती जाती है। ब्रेस्ट कैंसर की पहचान करने का सबसे आसान तरीका है Memography का। डॉ. पूजा बब्बर का कहना है कि 40 से 44 आयु की महिलाएं Breast Cancer की पहचान के लिए साल में एक बार मैमोग्राफी करवा सकती हैं। वहीं, 50 साल के बाद Breast Cancer पता लगाने के लिए साल में दो बार मैमोग्राफी करवानी पड़ सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो, जिन महिलाओं की फैमिली में ब्रेस्ट कैंसर की हिस्ट्री या जेनेटिक म्यूटेशन (BRCA1 या BRCA2) रहा है, उन्हें डॉक्टर की सलाह पर ये टेस्ट जरूर करवाने चाहिए।

महिलाओं में Cervical-Ovarion Cancer

Cervical Cancer भारतीय महिलाओं में पाया जाने वाला दूसरा आम कैंसर है। सर्वाइकल कैंसर की पहचान के लिए Pep Smear Test और एचपीवी (HPV) टेस्ट किए जाते हैं। सर्वाइकल कैंसर का जल्दी पता लगाने के लिए 21 से 29 साल की महिलाओं को हर 3 साल में एक बार Pep Smear टेस्ट करना चाहिए। वहीं, 30 साल और उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं को हर पांच साल में 1 बार पॅप स्मीयर टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। सर्वाइकल कैंसर कम उम्र में भी सामने आ सकता है। इससे बचाव के लिए HPV Vaccine डॉक्टर की सलाह पर जरूर लगवाएं। महिलाओं में Ovarion Cancer का पता लगाने के लिए वर्तमान में कोई सुनिश्चित मेडिकल टेस्ट मौजूद नहीं है। लेकिन किसी महिला के परिवार में ओवरी कैंसर की हिस्ट्री रही है, तो उन्हें समय-समय पर अल्ट्रासाउंट और ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर का कहना है कि ये मेडिकल टेस्ट कैंसर सेल्स का सही समय पर पता लगाने में मदद करते हैं। इससे इलाज सही समय पर शुरू करके मरीज की जान बचाई जा सकती है। अगर आप कैंसर का पता लगाने के लिए मेडिकल टेस्ट करवाने से डर रहे हैं, तो अब वक्त है इसे निकालकर आगे बढ़ने का। क्योंकि सही समय पर जांच करवा कर एक महिला सिर्फ खुद की जिंदगी नहीं बचा सकती है, बल्कि परिवार और समाज को भी आगे बढ़ाने मे मदद कर सकती है।

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