app-store-logo
play-store-logo
November 10, 2025

अंधविश्वास की आग में झुलसा मासूम: सर्दी-जुकाम का इलाज करवाने के बजाय भोपा के पास ले गए परिजन, गर्म सरिए से दागने से फैला संक्रमण, मौत से मचा हड़कंप

The CSR Journal Magazine
भीलवाड़ा ज़िले में एक बार फिर अंधविश्वास ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। 9 महीने के मासूम की जान उस वक्त चली गई जब मामूली सर्दी-जुकाम के इलाज की बजाय परिजन उसे एक भोपा के पास ले गए। भोपा ने इलाज के नाम पर गर्म सरिया से बच्चे को कई जगह दाग दिया, जिससे infection फैल गया और तीन दिन बाद बच्चे की मौत हो गई।

मामूली बीमारी बनी मौत की वजह

भीलवाड़ा जिले के Inras village में यह दर्दनाक घटना सामने आई है। देवा बागरिया का 9 महीने का बेटा गोविंद मंगलवार को सर्दी-जुकाम और सांस लेने में तकलीफ से परेशान था। लेकिन अस्पताल ले जाने के बजाय परिजन अंधविश्वास में फंस गए और उसे गांव के भोपा के पास ले गए। भोपा ने झाड़-फूंक के दौरान गर्म सरिए को आग में तपाकर बच्चे के शरीर पर कई जगह दाग लगा दिए। दावा किया गया कि इससे बच्चा “ठीक” हो जाएगा, पर नतीजा इसके उलट निकला। बच्चे की हालत और बिगड़ गई और वह बेहोश होने लगा। परिजन पहले तो घरेलू उपचार करते रहे, लेकिन जब स्थिति गंभीर हो गई तो गुरुवार को बच्चे को Mahatma Gandhi Hospital, Bhilwara ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने बच्चे को तुरंत वेंटिलेटर पर रखा, लेकिन तीन दिन तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ने के बाद शनिवार रात मासूम ने दम तोड़ दिया।

डॉक्टरों का खुलासा: गर्म सरिये से फैला infection’

PMO Dr. Arun Gaur ने बताया कि बच्चे को पहले से निमोनिया था, जो सामान्य इलाज से ठीक हो सकता था। लेकिन भोपा द्वारा गर्म सरिए से दागने के कारण गंभीर संक्रमण फैल गया। उन्होंने कहा, “गर्म सरिया या झाड़-फूंक जैसी प्रक्रिया scientifically wrong है। इससे मरीज के शरीर में bacterial infection, bleeding, और organ damage तक हो सकता है।” डॉ. गौड़ ने यह भी बताया कि बच्चे को intra-granular infection हो गया था, जिससे उसके फेफड़े और ब्रेन दोनों प्रभावित हुए। उन्होंने कहा, “यह घटना दिखाती है कि अंधविश्वास के कारण लोगों की जान जा रही है। अगर समय पर मेडिकल ट्रीटमेंट होता, तो यह बच्चा बच सकता था।” उन्होंने जनता से अपील की कि किसी भी बीमारी में पहले डॉक्टर से संपर्क करें, न कि भोपा या झाड़-फूंक करने वाले लोगों के पास जाएं।

पुलिस ने भोपा के खिलाफ मामला दर्ज किया

मामले की जानकारी अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को दी। सूचना मिलते ही Sadar Police Station In-charge Kailash Bishnoi मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि बच्चे को गर्म सरिए से दागने की वजह से संक्रमण फैला और मौत हुई। पुलिस ने आरोपी भोपा के खिलाफ IPC Section 304 और अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। भोपा की तलाश की जा रही है, जबकि पुलिस ने बच्चे के माता-पिता और अन्य परिजनों से पूछताछ भी की है। Postmortem report और forensic evidence के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

अंधविश्वास की जकड़ में ग्रामीण समाज, प्रशासन पर सवाल

राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में आज भी भोपा और झाड़-फूंक करने वालों पर अंधविश्वास कायम है। Education and health awareness की कमी के कारण कई लोग छोटी बीमारियों में भी अस्पताल जाने से बचते हैं।
भीलवाड़ा जिले में यह कोई पहली घटना नहीं है, पिछले कुछ वर्षों में भी कई बच्चे झाड़-फूंक या दागने की प्रथा की वजह से जान गंवा चुके हैं। स्थानीय समाजसेवियों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों में awareness campaigns चलानी चाहिए ताकि लोग वैज्ञानिक उपचार पर भरोसा करें। Women and Child Development Department और Health Department को मिलकर ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए विशेष अभियान शुरू करने की जरूरत है।

अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता जरूरी

इस दर्दनाक घटना ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि 21वीं सदी के भारत में आज भी लोग भोपा और झाड़-फूंक जैसी कुप्रथाओं में क्यों उलझे हैं? 9 महीने के मासूम की मौत सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की चेतावनी है, कि अंधविश्वास से केवल नुकसान होता है। जरूरत है medical awareness, education, और strict legal action की ताकि भविष्य में किसी और मासूम की जान ऐसी कुरीतियों की भेंट न चढ़े।

Long or Short, get news the way you like. No ads. No redirections. Download Newspin and Stay Alert, The CSR Journal Mobile app, for fast, crisp, clean updates!

App Store –  https://apps.apple.com/in/app/newspin/id6746449540 

Google Play Store – https://play.google.com/store/apps/details?id=com.inventifweb.newspin&pcampaignid=web_share

Latest News

Popular Videos