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November 26, 2025

भारत को टेस्ट इतिहास की सबसे शर्मनाक हार: गुवाहाटी में दक्षिण अफ्रीका ने 408 रन से रौंदा, 2-0 से सीरीज़ पर कब्ज़ा

The CSR Journal Magazine
गुवाहाटी टेस्ट टीम इंडिया के लिए एक ऐसा दिन लेकर आया, जिसकी कल्पना शायद किसी भारतीय क्रिकेट प्रशंसक ने नहीं की होगी। दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 408 रन से हराकर दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ में 2-0 से क्लीन स्वीप कर लिया। यह हार न सिर्फ भारत की टेस्ट इतिहास में रनों के अंतर से सबसे बड़ी हार है, बल्कि घरेलू मैदान पर भी अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन साबित हुई।

भारत की बल्लेबाज़ी हुई ध्वस्त — 549 के लक्ष्य के सामने 140 पर ढेर

मैच के चौथे दिन दक्षिण अफ्रीका द्वारा रखे गए 549 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम पूरी तरह लड़खड़ा गई। चौथे दिन के अंत तक भारत दो विकेट खो चुका था, और पाँचवें दिन तो पूरी टीम बुरी तरह बिखर गई।  साई सुदर्शन (14), कुलदीप यादव (5), ध्रुव जुरेल (2) और कप्तान ऋषभ पंत (13) सस्ते में चलते बने। केवल रविंद्र जडेजा एकमात्र बल्लेबाज़ रहे जिन्होंने संघर्ष दिखाया। उन्होंने 87 गेंदों पर 54 रन बनाए और टेस्ट करियर का 28वां अर्धशतक लगाया। पर उनके आउट होते ही भारतीय पारी की बची हुई कड़ी भी टूट गई।
नीतीश रेड्डी और मोहम्मद सिराज बिना खाता खोले पवेलियन लौटे।
दक्षिण अफ्रीका की ओर से साइमन हार्मर ने गेंदबाजी में कहर बरपाते हुए 6 विकेट चटकाए। केशव महाराज ने 2, जबकि मार्को यानसेन और मुथुसामी ने 1-1 विकेट लिया।
भारत की टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी रन-अंतर वाली हार
इस हार के साथ भारत ने अपना सबसे खराब रिकॉर्ड दर्ज कर लिया:
408 रन से हार बनाम दक्षिण अफ्रीका, 2025 (गुवाहाटी)
इससे पहले भारत की सबसे बड़ी हार 2004 नागपुर टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 342 रन से थी।
सीरीज़ में पूरी तरह बिखरी टीम इंडिया — लगातार दूसरे साल घर पर सीरीज़ हार
पिछले 13 महीनों में ऐसा दूसरी बार हुआ है कि भारत को अपने घर में टेस्ट सीरीज़ में क्लीन स्वीप झेलना पड़ा। 2024 में न्यूजीलैंड ने भारत को 3-0 से मात दी थी।
अब दक्षिण अफ्रीका ने 2-0 से सूपड़ा साफ कर दिया।
यह आँकड़ा और भी चिंताजनक इसलिए है कि पिछले 60 वर्षों में पहली बार भारत ने 7 घरेलू टेस्ट में से 5 हार दिए हैं।

भारत हर विभाग में पीछे

द. अफ्रीका ने पहली पारी में 489 रन बनाए। इसके जवाब में भारत 201 रन पर ढेर हो गया।
दक्षिण अफ्रीका ने फॉलोऑन न देते हुए दूसरी पारी 260/5 पर घोषित की और भारत के सामने 549 रन का पहाड़ जैसा लक्ष्य छोड़ा। भारत की बल्लेबाज़ी दोनो पारियों में बुरी तरह असफल रही। न ओपनिंग चली, न मिडिल ऑर्डर टिक पाया। न कोई बड़ा साझेदारी बन सकी, न कोई बल्लेबाज़ क्रीज़ पर जूझ सका।

क्या टीम इंडिया को नई दिशा की जरूरत?

इतिहास बताता है कि घर पर भारत को हराना सबसे मुश्किल माना जाता था, लेकिन पिछले दो सालों में यह धारणा तेजी से टूट रही है।  भारतीय क्रिकेट के सामने अब कई सवाल खड़े हो गए हैं—क्या टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है? क्या घरेलू पिचों का फायदा अब नहीं मिल रहा?
क्या बल्लेबाज़ी लाइन-अप में स्थिरता की कमी सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है?

भारत के लिए खतरे की घंटी

गुवाहाटी टेस्ट सिर्फ एक हार नहीं है, बल्कि टीम इंडिया को आईना दिखाने वाला पल है।
दक्षिण अफ्रीका ने हर विभाग में भारत को पछाड़ा—रणनीति में, कौशल में, मानसिक मजबूती में और फिटनेस में भी। भारत अब विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की रेस में पिछड़ सकता है, और आने वाली घरेलू सीरीज़ में भी दबाव बढ़ना तय है।  इस शर्मनाक हार से निकलने के लिए टीम को बड़े बदलावों और नई सोच की जरूरत होगी—वरना लंबे समय तक भारत टेस्ट क्रिकेट में पिछड़ सकता है।

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