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July 11, 2025

सोन नदी जल बंटवारा: Bihar को मिलेगा 5.75 MAF, Jharkhand को 2.00 MAF पानी

दो दशक पुराने Water Dispute का समाधान, Amit Shah की मध्यस्थता में बनी सहमति | लंबे समय से जारी Sone River Water Dispute का समाधान आखिरकार निकल आया है। Eastern Zonal Council की बैठक में Union Home Minister Amit Shah की अध्यक्षता में बिहार और झारखंड के बीच जल वितरण पर ऐतिहासिक सहमति बनी। इस समझौते के तहत बिहार को 5.75 MAF (Million Acre Feet) और झारखंड को 2.00 MAF पानी आवंटित किया गया है।
यह समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब दोनों राज्यों के बीच पिछले 20 वर्षों से सोन नदी के जल अधिकार को लेकर विवाद चला आ रहा था। Bihar 1973 के Bansagar Agreement के आधार पर पूरी 7.75 MAF पानी पर दावा करता रहा, जबकि Jharkhand, राज्य निर्माण (2000) के बाद से उसमें अपना हिस्सा मांगता रहा।

ऐतिहासिक बैठक में शामिल नेता

रांची में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने हिस्सा लिया। केंद्र सरकार की सक्रियता और अमित शाह की पहल से यह पुराना विवाद सुलझ सका।

विवाद की पृष्ठभूमि

1973 में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और बिहार के बीच Bansagar Project के तहत जल बंटवारा तय हुआ था, जिसमें बिहार को 7.75 MAF पानी मिला था। 2000 में झारखंड बनने के बाद नए राज्य ने अपने क्षेत्रीय अधिकारों के तहत जल हिस्सेदारी की मांग की, लेकिन वर्षों तक समाधान नहीं निकल सका।

सोन नदी का महत्व

Sone River, दक्षिण बिहार की Life-line for Irrigation मानी जाती है। इसका उद्गम मध्यप्रदेश के Amarkantak Hills से होता है और यह झारखंड व उत्तरप्रदेश होते हुए बिहार में प्रवेश करती है। मनेर में यह गंगा नदी से मिलती है। नदी का जल दक्षिण बिहार के कृषि क्षेत्र के लिए अत्यंत आवश्यक है।

आगे की दिशा

अब जल बंटवारे पर बनी सहमति से उम्मीद की जा रही है कि दोनों राज्य Water Management और Irrigation Planning को बेहतर ढंग से लागू कर सकेंगे। झारखंड को उसका अधिकार मिलने से विकास योजनाओं को गति मिलेगी, वहीं बिहार को अपनी Agricultural Water Needs पूरी करने में सुविधा होगी। यह समझौता cooperative federalism की एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है।

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