Western Railway ने सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करते हुए एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वेस्टर्न रेलवे ने सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करते हुए 6 करोड़ रुपये की बचत की है। पश्चिम रेलवे ने दिसंबर 2024 तक 13.72 मेगावाट पिक क्षमता के सौर पैनल 242 स्थानों पर स्थापित किए हैं, जिनमें 146 स्टेशन और 96 रेलवे के ईमारत शामिल हैं। ये सभी पश्चिम रेलवे के छह क्षेत्रों में फैले हुए हैं, जिनमें मुंबई सेंट्रल, वडोदरा, रतलाम, अहमदाबाद, राजकोट और भावनगर डिवीजन शामिल हैं। इससे न केवल बिजली की बचत हुई है, बल्कि यह कार्बन उत्सर्जन को भी कम करने में मदद कर रहा है।
वेस्टर्न रेलवे के इन प्रयासों का परिणाम यह हुआ है कि यह सौर ऊर्जा संयंत्र 5,48,720 पेड़ों के बराबर कार्बन अवशोषण क्षमता के हैं। हम आपको बता दें कि साल 2023-24 के दौरान, पश्चिम रेलवे के सौर पैनल ने 12.36 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया, जिससे 9888.21 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई और कुल 6.43 करोड़ रुपये की बचत हुई। वहीं, 2024-25 के पहले 9 महीनों में, 10.27 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ, जिससे 8212.15 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई और कुल 6.00 करोड़ रुपये की बचत हुई।
WR पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाता है
इसके अलावा, पश्चिम रेलवे ने सोलर वाटर हीटर, स्ट्रीट लाइट्स और सौर पैनल को लेवल क्रॉसिंग गेट्स पर भी स्थापित किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रेलवे अपने ऊर्जा संसाधनों का अधिकतम उपयोग करता है और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाता है। पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ विनीत अभिषेक ने दी सीएसआर जर्नल से ख़ास बातचीत करते हुए बताया कि Western Railway अपनी सभी इमारतों पर अधिकतम स्तर तक सौर पैनल स्थापित करने की योजना बना रहा है, ताकि देश के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के उद्देश्य को हासिल किया जा सके। पश्चिम रेलवे का यह प्रयास न केवल रेलवे नेटवर्क को हरित और सतत बनाने का है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा दक्षता में एक बड़ा कदम भी है, जो अन्य क्षेत्रों के लिए एक आदर्श बन सकता है।