महाराष्ट्र के चंद्रपुर ज़िले में ताडोबा-अंधारी व्याघ्र परियोजना के ठीक पास बसा सतारा गांव आज पूरे देश में चर्चा का केंद्र बन गया है। एक ट्रैवल व्लॉगर द्वारा शूट किए गए वीडियो ने गांव की स्वच्छता, शाश्वत विकास और सामुदायिक अनुशासन को उजागर किया, और इसी वीडियो को जाने-माने उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी सोशल मीडिया पर साझा करते हुए गांव की सराहना की।
आनंद महिंद्रा को भी चकित कर गया ‘आदर्श गांव’
वीडियो शेयर करते हुए महिंद्रा ने लिखा कि यह क्लिप इतनी वायरल हो रही थी कि उन्होंने खुद इसके तथ्यों की पुष्टि की। उनके शब्दों में,“यह हमारे ही देश की शांत सफलता की कहानी है। सतारा गांव केवल स्वच्छता या सामुदायिक सुविधाओं के कारण आदर्श नहीं है, बल्कि अपनी जीवनशैली की वजह से उदाहरण है। बड़े बजट की या चमकदार इमारतों की जरूरत नहीं, बल्कि नेतृत्व और एकजुटता की और सतारा गांव के लोग हमें यही सिखाते हैं। महिंद्रा ने गांव के परिवर्तन का श्रेय स्थानीय नेता गजानन को दिया, जिनकी कोशिशों ने पांच वर्षों में गांव का पूरा स्वरूप बदल दिया।
गांव की पहचान: स्वच्छता और अनुशासन
व्लॉगर अंकिता कुमार के वीडियो ने यह दिखाया कि सतारा, आम भारतीय गांवों की छवि को पूरी तरह बदल देता है। गांव की व्यवस्था इतनी सटीक है कि पहली नजर में किसी को यकीन ही नहीं होता कि यह किसी पर्यटन योजना या निजी टाउनशिप का हिस्सा नहीं, बल्कि पूरी तरह गांववासियों द्वारा विकसित स्थान है।
कचरा नहीं, सिर्फ सफाई
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गांव की गलियां बिल्कुल साफ-सुथरी हैं।
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बच्चे हर शाम कचरा इकट्ठा करने में मदद करते हैं।
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बड़े लोग बारी-बारी से पूरे गांव की सफाई की जिम्मेदारी निभाते हैं।
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खुले नाले या कचरे के ढेर कहीं दिखाई नहीं देते।
साझा सोलर वॉटर हीटर
गांव में एक बड़ा सामुदायिक सोलर वॉटर हीटर लगा है, जिससे हर घर को मुफ्त में गर्म पानी मिलता है। इससे लकड़ी की खपत भी कम होती है।
RO वॉटर ATM कार्ड और मीटर वाला पानी
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हर घर में मीटर से जुड़ा नल है।
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पीने का पानी गांव का खुद का RO वॉटर ATM सिस्टम देता है।
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लोग जितना पानी इस्तेमाल करते हैं, केवल उसका ही भुगतान करते हैं।
बुजुर्गों के लिए सामुदायिक स्पॉट,बच्चों के लिए छोटी लाइब्रेरी
गांव में बुजुर्गों के लिए आरामदायक सामुदायिक स्थान बनाया गया है, जहां वे रोज बैठकर टीवी देखते हैं और समय बिताते हैं। बच्चों के लिए एक छोटी लेकिन सुंदर लाइब्रेरी है, जो उनमें पढ़ने का शौक और जिज्ञासा बढ़ाती है। पूरे गांव में ऑटोमैटिक सोलर स्ट्रीट लाइटें लगी हैं, जिससे बिजली बचती है और रात में सुरक्षा बनी रहती है।
वर्षा जल संचयन, कंपोस्टिंग और स्वच्छ पशुशाला
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गांव में वर्षा जल संचयन और कंपोस्टिंग की बेहतरीन व्यवस्था है।
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पशुओं के शेड इतने साफ हैं कि किसी तरह की दुर्गंध भी नहीं आती।
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गांव में एक भी खुला शौचालय नहीं है।

