खगड़िया में पार्टी के जिलाध्यक्ष बदलते ही लोजपा रामविलास के लिए मुश्किलें बढ़ गई है। पूर्व जिलाध्यक्ष शिवराज यादव के नेतृत्व में पार्टी के सभी पदाधिकारी ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है। मतलब खगड़िया में नेतृत्व बदलने को लेकर चिराग पासवान के फैसले के बाद घमासान शुरु हो गया है। इस घटना के बाद खगड़िया जिले की राजनीति में हलचल देखा जा रहा है। पूर्व जिलाध्यक्ष शिवराज यादव ने खगड़िया सांसद पर गाली ग्लौज और अभ्रदत्ता करने का आरोप लगाया है। हालाकिं इस मामले में सांसद राजेश वर्मा ने साफ साफ कहा है कि यह निर्णय प्रदेश संगठन का है। जिसको मानना सभी पार्टी के कार्यकर्ता को है। आगामी दिनों में संगठन बहुत बड़ी मजबूती से बिहार विधानसभा चुनाव में होगा।
शिवराज ने क्या कहा ?
पूर्व जिलाध्यक्ष शिवराज यादव गुरुवार को जब मीडिया के सामने आए तो वे अपने पार्टी के सभी पदाधिकारी के साथ थे। हालांकि उनके साथ वे लोग भी शामिल हुए जो आए दिन पार्टी में रहकर सांसद राजेश वर्मा को लेकर सोशल मीडिया में विरोध करते हैं। पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने उनको पार्टी के प्रदेश महासचिव बनाये जाने के एक दिन बाद पार्ट से इस्तिफा दे दिया है। शिवराज ने अपनी करीब 35 मिनट की बात में सांसद राजेश वर्मा पर ही आरोप लगाया। उन्होंने सांसद पर गाली ग्लौज और प्रताड़िता करने का आरोप लगाया है। शिवराज ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की अवहेलना करने के कारण पूरी टीम ने त्याग पत्र दे दिया है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश नेतृत्व देता है दायित्व
खगड़िया सांसद राजेश वर्मा ने कहा कि उनके उपर कौन क्या कह रहा है वो इसमें नहीं जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे खगड़िया के सांसद हैं। उनको यहां की जनता ने भरोसे के साथ लोकसभा भेजा है। वे अपने अंतिम सांस तक जनता के हित में ही लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि संगठन में फेरबदल पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व का काम है। जो आवश्यक्ता अनुसार सभी को जिम्मेदारी देता है। सांसद ने कहा कि लोजपा रामविलास हमेशा मजबूत है और रहेगा।
शिवराज का सोशल मीडिया दाव नहीं आया काम
गौरतलब है कि पूर्व जिलाध्यक्ष शिवराज यादव के साथ पार्टी से त्याग पत्र देने वाले सभी टीम के द्वारा विगत कई माह से सोशल मीडिया पर अपने ही पार्टी और जनप्रतिनिधि के विरोध में पोस्ट किये जा रहे थे। जिसकी सूचना पार्टी के राष्ट्रीय एवं प्रदेश नेतृत्व को था। इधर विगत कई दिनों से शिवराज यादव पार्टी के कामो से दूरी भी बना रहे थे। 19 जुलाई को पार्टी के समीक्षा बैठक के दौरान कई कार्यकर्ताओं ने शिवराज यादव और उनकी टीम पर सवाल भी उठाये थे। जिसके बाद प्रदेश नेतृत्व ने खगड़िया में शिवराज को हटाकर उनकी जगह मनीष कुमार उर्फ नाटा सिंह को जिलाध्यक्ष बना दिया।
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