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रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी और परिवार को ब्लैक मनी एक्ट के तहत नोटिस

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राजनीतिक हस्तियों के साथ साथ अब कॉरपोरेट घरानों पर भी आईटी और ईडी ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अब इस फेहरिस्त में देश के सबसे अमीर कॉरपोरेट घराना भी चपेट में आ गया है, रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी और उनके परिवार वालों के खिलाफ ब्लैक मनी एक्ट के तहत इनकम टैक्स ने नोटिस भेजा है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की मुंबई यूनिट को कई देश में कालेधन की सूचना मिली थी, जिसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ब्लैक मनी एक्ट 2015 के तहत मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी और उनके तीन बच्चों- अनंत, आकाश और ईशा अंबानी को नोटिस भेजा है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक,’ विदेशों में कथित अघोषित संपत्ति के सिलसिले में अंंबानीरिवार को 28 मार्च 2019 को नोटिस भेजा गया था। हम आपको बता दें कि केंद्र सरकार को 700 भारतीयों के नाम मिले थे, जिनके जेनेवा स्थित एचएसबीसी बैंक में एकाउंट्स थे, इसके बाद आयकर विभाग ने इन लोगों के खिलाफ जांच शुरू की थी। एचएसबीसी में 14 बैंक अकाउंट ऐसे हैं, जिसमें 601 मिलियन डॉलर की राशि जमा है जो कि रिलायंस ग्रुप के ऑफशोर होल्डिंग्स के हैं।

अंबानी परिवार को यह नोटिस मुंबई के आयकर विभाग के अडिशनल कमिश्नर की तरफ से भेजा गया है। इनकम टैक्स के नोटिस में आरोप है कि अंबानी के परिवार ने अपनी आमदनी के बारे में सही जानकारी नहीं दी। कई ऐसी कंपनियां हैं जिनका पता मुंबई का है, लेकिन इसकी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को नहीं दी गई है। यह नोटिस पूरी तरह से इनकम टैक्स की जांच पर आधारित है।

नीता अंबानी रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक और चेयरपर्सन है जो कि सीएसआर के तहत कई सामाजिक कामों को अंजाम देती है। नीता अंबानी पर आरोप है कि इन लोगों के नाम विदेश में अघोषित आमदनी है। ब्लैक मनी के तहत भेजे गए इस नोटिस से ये तो साफ हो गया है कि आईटी डिपार्टमेंट को जरूर कुछ दाल में काला मिला है, जाहिर है अंबानी परिवार को लिए आने वाले दिन मुश्किलें भरी हो सकती है लेकिन एक बात तो साफ है कि विदेशों में काले अघोषित धन रखने से कहीं ज्यादा नेक है कि नीता अंबानी की रिलायंस फाउंडेशन देश में सीएसआर के तहत काम कर समाज की दिशा बदले। बहरहाल रिलायंस की तरफ से इस तरह के किसी भी नोटिस से साफ़ इनकार किया गया है।