एक आशियाने के लिए हम और आप ताउम्र कोशिश करते रहते है, बड़े शहर में सिर पर छत हो जाए बस इंसान को और क्या चाहिए, एक एक पाई इकट्ठा कर जिंदगी भर की पूंजी लगाने के बावजूद अगर हमारा आशियाना अवैध घोषित हो जाय तो मानो सबकुछ छिन गया, दिल्ली के लोगों के लिए बरसों से एक ही समस्या थी, उनकी अवैध घोषित कालोनियों के लिए कब खुशखबरी आएगी, ये इंतेज़ार अब खत्म हो गया, दिल्ली में चुनावी माहौल शुरू हो गया और इसी के साथ शुरू हो चुकी है दिल्ली वालों के लिए एक एक उनके हितों की योजनाएं।
राजधानी दिल्ली की करीब 1,800 अनधिकृत कॉलोनियों को पक्का करने का रास्ता साफ करते हुए उपराज्यपाल ने कई अहम कदमों को मंजूरी दे दी है। इन सभी कॉलोनियों में अब पीएम-उदय योजना लागू की जाएगी। इसके अलावा दिल्ली रिफॉर्म्स ऐक्ट के सेक्शन 81 के तहत दर्ज केसों को भी वापस लिया जाएगा। उपराज्यपाल ने राजधानी के 79 गावों के शहरीकरण को भी मंजूरी दे दी है।
मंजूरी मिलने के बाद इन अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोग अपने घर के मालिकाना हक के दस्तावेज बनवा सकेंगे। और यहां रहनेवाले लोगों को मूलभूत नागरिक सुविधाएं हासिल करने और लोन लेने में भी सुविधा होगी। गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट की ओर से दिल्ली की 1,797 कॉलोनियों को नियमित करने के प्रस्ताव को मंजूरी तो मिली ही इसके साथ ही संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। यह प्रस्ताव राजधानी के 175 वर्ग किलोमीटर में फैली 1,797 चिह्नित अवैध कॉलोनियों पर लागू होगा।
सरकार के इस फैसले से दिल्ली के 40 लाख लोगों को फायदा होगा, जो इन 1,797 अवैध कॉलोनियों में बसे हैं। अगले साल की शुरुआत में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले यह अहम मुद्दा बना हुआ है। कॉलोनियों के नियमतिकरण को मंजूरी दिए जाने के बाद केंद्र सरकार का नेतृत्व कर रही बीजेपी इसका श्रेय लेना चाहेगी। वही आम आदमी पार्टी भी इसको भुनायेगी। कुछ भी हो लेकिन फायदा आम दिल्लीवासियों का ही है।