Home Header News राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद मोदी और योगी ने कही...

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद मोदी और योगी ने कही ये बड़ी बात

952
0
SHARE
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के तुरंत बाद पीएम मोदी और सीएम योगी कही ये बड़ी बात
 
अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है Consecration Ceremony of Ram Mandir। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुख्य यजमान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi in Ayodhya) गर्भगृह में पूजा-अर्चना की। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat), उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद रहे। राम मंदिर (Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा की खास बात ये रही कि शुभ मुहूर्त सिर्फ 84 सेकंड का ही था। इसके बाद रामलला (Ramlalla In Ayodhya) की मनमोहक छवि भी सामने आई। समूचा देश आज राममय हो गया है। और अवध नगरी नव्या, भव्य और दिव्य लग रही है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए रामराज्य और राम चेतना की बात कही। भगवान प्रभु श्री राम पर पीएम मोदी और सीएम योगी ने कई ऐसी बड़ी बातें कही है जिसे हर देशवासी को जानना चाहिए। तो आइये जानते है Yogi Modi Speech

राम मंदिर से राष्ट्र की चेतना- पीएम मोदी

राम नगरी कही जाने वाले उत्तर प्रदेश के अयोध्या में VVIP मेहमानों का आना रविवार से ही शुरू हो गया था। करीब 7000 गणमान्य अयोध्या में इस खास समारोह में शामिल हुए। Pran Pratishtha के बाद बाद सभी साक्षी महानुभावों को दर्शन कराया गया। लेकिन प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह कैलेंडर की तारीख नहीं बल्कि एक नए कालचक्र का उद्गम है। बहुत सारे लोग कहते थे कि राम मंदिर बनेगा तो आग लग जाएगी। लेकिन उन्हें नहीं पता कि राम आग नहीं ऊर्जा हैं। उनके आने से नई ऊर्जा का संचार हो रहा है। राम विवाद नहीं समाधान हैं। अब हम सभी देशवासयों को इस पल से समर्थ, सक्षम, भव्य दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं। हमारी चेतना का विस्तार राम से राष्ट्र तक होना चाहिए। हनुमान जी की सेवा और समर्पण ऐसे गुण हैं जिन्हें हमें बाहर नहीं खोजना पड़ता है। प्रत्येक भारतीय में भक्ति, सेवा और समर्पण के भाव भारत के विकास का आधार बनेंगे। मेरी आदिवासी मां शबरी का नाम आते ही अप्रतिम विश्वास जाग उठता है। मां शबरी तो कब से कहती थीं कि राम आएंगे। प्रत्येक भारतीय में जन्मा यही विश्वास भव्य भारत का आधार बनेगा। यही तो है राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार। आज देश में निराशा के लिए रत्तीभर स्थान नहीं है। अगर कोई खुद को सामान्य मानता है तो उसे गिलहरी के योगदान को याद करना चहिए। छोटे बड़े हर प्रयास की अपनी ताकत होती है।

राम ही हैं राष्ट्र की चेतना-पीएम मोदी

यह राम मंदिर राष्ट्रचेतना का मंदिर है। राम भारत का आदार हैं। राम भारत का विचार हैं। राम भारत का विधान हैं। राम भारत की चेतना हैं, राम भारत के चिंतन हैं। राम प्रवाह हैं, राम प्रभाव हैं। राम रीति भी हैं और राम नीति भी हैं। राम नित्यता हैं, निरंतरता हैं। राम व्यापक हैं। विश्व हैं। विश्वात्मा हैं। इसलिए जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव वर्षों या शताब्दियो तक नहीं बल्कि हजारों वर्षों के लिए होता है। पीएम मोदी ने कहा, सागर से सरयू तक हर जगह रामनाम छाया हुआ है। प्रभु राम भारत की आत्मा के कण-कण से जुड़े हुए हैं। हर युग में लोगों ने राम को जिया है। हर युग में लोगों ने राम को अपनी तरह से अभिव्यक्त किया है। यह राम रस जीवन प्रवाह की तरह बहता रहता है। प्राचीन काल से भारत के हर कोने के लोग राम रस का आचमन करते रहे हैं। राम कथा असीम है। आज देश उन लोगों को भी याद कर रहा हे जिनके कार्य और समर्पण की वजह से हम शुभ दिन देख रहे हैं। उन अनगिनत संतों, कारसेवकों के हम ऋणी हैं। आज का यह अवसर उत्सव का क्षण तो है ही उसके साथ ही यह क्षण भारतीय समाज की परिपक्वता है। यह अवसर सिर्फ विजय का नहीं, विनय का भी है। रामलला के मंदिर के निर्माण भारतीय समाज के धैर्य का प्रतीक है। राम मंदिर समाज के हर वर्ग को एक उज्ज्वल भविष्य के पथ पर चलने की प्रेरणा लेकर आया है। मैं आज उन लोगों से आह्वान करूंगा कि आइए और अपनी सोच पर पुनर्विचार कीजिए। राम आग नहीं हैं, राम ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, समाधान है। राम हमारे नहीं, सबके हैं।

न्यायपालिका ने न्याय की लाज रख ली, भावुक हुए पीएम मोदी

Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha के दौरान पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारी कई पीढ़ियों ने राम का वियोग रहा है। हमारे संविधान की पहली प्रति में भी राम विराजमान हैं। मैं आभार व्यक्त करूंगा भारत की न्यायपालिका का जिसने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्यायबद्ध तरीके से ही बना। आज गांव-गांव में कीर्तन संकीर्तन हो रहे हैं। मंदिरों में उत्सव हो रहे हैं। पूरा देश आज दीपावली मना रहा है। यह कितनी बड़ी रामकृपा है कि हम सब इस पल को जी रहे हैं, इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं। आज दिन दिशाएं सब दिव्यता से परिपूर्ण हैं। यह समय सामान्य समय नहीं है। यह काल के चक्र पर सर्वकालिक स्याही से अंकित हो रही अमिट स्मृति रेखाएं हैं। साथियों हम सब जानते हैं कि जहां राम का काम होता है, वहां पवन पुत्र हनुमान अवश्य विराजमान होते हैं। इसलिए मैं राम भक्त हनुमान को भी प्रणाम करता हूं, मैं माता जानकी, लक्षमण जी सभी को नमन करता हूं। मैं पावन सरयू को भी प्रणाम करता हूं। मैं राम से क्षम याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक यह कार्य कर नहीं पाए। आज वो कमी पूरी हो गई है।

पीएम मोदी बोले, राम मंदिर नए कालचक्र का उद्गम

22 जनवरी 2024 का यह सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है। 22 जनवरी 2024, यह कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं, एक नए काल चक्र का उद्गम है। राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद से प्रतिदिन पूरे देश में उमंग और उत्साह बढ़ता ही जा रहा है। निर्माण कार्य देख देशवासियों में हर दिन एक नया विश्वास पैदा हो रहा है। आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है। आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है। गुलामी की मानसिकता को छोड़कर उठ खड़ा हो राष्ट्र अतीत से हौसला लेता हुआ राष्ट्र, ऐसे ही नव इतिहास का सृजन करता है। कितनी ब ड़ी राम कृपा है कि हम सब इस पल को जी रहे हैं और इसे घटित होते देख रहे हैं। आज दिग दिगंत सब दिव्यता से परिपूर्ण है। यह समय सामान्य समय नहीं है। यह काल के चक्र पर सर्वकालिक स्याही से अंकित हो रही अमित स्मृति रेखाएं हैं।

अब टेंट में नहीं, दिव्य मंदिर में रहेंगे रामलला, बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे प्रिय राम आ गए हैं। इस शुभ घड़ी की सभी देशवासियों को बधाई। मैं अभी गर्भगृह में ईश्वरीय चेतना का साक्षी बनकर आपके सामने उपस्थित हुआ हूं। कितना कुछ कहने को है लेकिन कंठ अवरुद्ध है। मेरा शरीर स्पंदित है। मेरा चित्त अभी भी उस पल में लीन है। हमारे अब टेंट में नहीं, दिव्य मंदिर में रहेंगे। मेरा पक्क विश्वास है, अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है उसकी अनुभूति विश्व के कोने-कोने में राम भक्तों को हो रही होगी। यह पल पवित्रतम है। यह वातावरण यह ऊर्जा, यह घड़ी प्रभु श्रीराम का हम सबपर आशीर्वाद है।

राम मंदिर वहीं बना जहां संकल्प लिया था- बोले योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री अयोध्या धाम में श्रीरामलला के बालरूप विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पूर्ण होने के उपरांत अपने मनोभाव प्रकट किया। उन्होंने कहा कि मंदिर वहीं बना है, जहां बनाने का संकल्प लिया था। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मन भावुक है और इस पल को वर्णित करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं। हर मन में राम नाम है। हर मार्ग अयोध्या की ओर आ रहा है। हर जिह्वा राम राम जप रही है। रोम रोम में राम रमे हैं। ऐसे लगता है कि हम त्रेता युग में आ गए हैं। आज हर राम भक्त के मन में गर्व है औऱ संतोष के भाव हैं। इस दिन के इंतजार में पांच सौ साल बीत गए। दर्जनों पीढ़ियां इस अधूरी कामना को लिए धरा धाम से साकेत धाम में लीन हो गईं। यह पहला ऐसा प्रकरण होगा जिसमें राष्ट्र के बहुसंख्यक समाज ने अपने ही देश में अपने आराध्य के लिए मंदिर निर्माण के लिए इतने वर्षों तक लड़ाई लड़ी हो। समाज के हर वर्ग ने जाति पांति, विचार दर्शन से ऊपर उठकर रामकाज के लिए स्वयं को सर्ग किया। अंततः वह अवसर आ गया। आज आत्मा प्रफुल्लित है कि मंदिर वहीं बना है जहां बनाने का संकल्प लिया था।

अवधपुरी में रामलला का विराजना भारत में रामराज्य की स्थापना की उद्घोषणा है – योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अवधपुरी में रामलला का विराजना भारत में रामराज्य की स्थापना की उद्घोषणा है। जिस अयोध्या को “अवनि की अमरावती” और “धरती का वैकुंठ” कहा गया, वह सदियों तक अभिशिप्त रही। उपेक्षित रही। सुनियोजित तिरस्कार झेलती रही। अपनी ही भूमि पर सनातन आस्था पददलित होती रही, चोटिल होती रही। राम का जीवन हमें संयम की शिक्षा देता है और भारतीय समाज ने संयम बनाये रखा, लेकिन हर एक नए दिन के साथ हमारा संकल्प और दृढ़ होता गया। और आज देखिए… पूरी दुनिया अयोध्या जी के वैभव को निहार रही है। हर कोई अयोध्या आने को आतुर है। आज अयोध्या में त्रेतायुगीन वैभव उतर आया है। दिख रहा है। यह धर्म नगरी ‘विश्व की सांस्कृतिक राजधानी’ के रूप में प्रतिष्ठित हो रही है। पूरा विश्व दिव्य और भव्य अयोध्या का साक्षात्कार कर रहा है।
आज जिस सुनियोजित एवं तीव्र गति से अयोध्यापुरी का विकास हो रहा है, वह प्रधानमंत्री जी के दृढ़संकल्प, इच्छाशक्ति एवं दूरदर्शिता के बिना संभव नहीं था। कुछ वर्षों पहले तक यह कल्पना से परे था कि अयोध्या में एयरपोर्ट होगा। यहां नगर के भीतर 04 लेन सड़क होगी। सरयू जी में क्रूज चलेंगे। अयोध्या की खोई गरिमा वापस आएगी, डबल इंजन सरकार के प्रयासों से यह सब सपना साकार हो रहा है। “सांस्कृतिक अयोध्या, आयुष्मान अयोध्या, स्वच्छ अयोध्या, सक्षम अयोध्या, सुरम्य अयोध्या, सुगम्य अयोध्या, दिव्य अयोध्या और भव्य अयोध्या” के रूप में पुनरोद्धार के लिए हजारों करोड़ रुपये लग रहे हैं। आज यहां राम जी की पैड़ी, नया घाट, गुप्तार घाट, ब्रह्मकुंड आदि विभिन्न कुंडों के कायाकल्प, संरक्षण, संचालन और रखरखाव का कार्य हो रहा है। रामायण परंपरा की ‘कल्चरल मैपिंग’ कराई जा रही है, राम वन गमन पथ पर रामायण वीथिकाओं का निर्माण हो रहा है।

अयोध्या की गलियों में गोलियों की गड़गड़ाहट नहीं होगी – योगी

इस नई अयोध्या में पुरातन संस्कृति और सभ्यता का संरक्षण तो हो ही रहा है, भविष्य की जरूरतों को देखते हुए आधुनिक पैमाने के अनुसार सभी नगरीय सुविधाएं भी विकसित हो रहीं हैं। इस मोक्षदायिनी नगरी को आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से ‘सोलर सिटी’ के रूप में विकसित किया जा रहा। नई अयोध्या पूरे विश्व के सनातन आस्थावानों, संतों, पर्यटकों, शोधार्थियों, जिज्ञासुओं के लिए प्रमुख केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। यह एक नगर या तीर्थ भर का विकास नहीं है, यह उस विश्वास की विजय है, जिसे ‘सत्यमेव जयते’ के रूप में भारत के राजचिह्न में अंगीकार किया गया है। यह लोकआस्था- जन विश्वास की विजय है। भारत के गौरव की पुनरप्रतिष्ठा है। अयोध्या का दिव्य दीपोत्सव नए भारत की सांस्कृतिक पहचान बन रहा है और श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्‍ठा समारोह भारत की सांस्‍कृतिक अन्‍तरात्‍मा की समरस अभिव्‍यक्ति सिद्ध हो रहा। श्रीरामजन्मभूमि मंदिर की स्थापना भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आध्यात्मिक अनुष्ठान है, यह राष्ट्र मंदिर है। निःसन्देह! श्रीरामलला विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा राष्ट्रीय गौरव का ऐतिहासिक अवसर है। निश्चिंत रहिए! रामकृपा से अब कभी कोई भी अयोध्या की परिक्रमा में बाधक नहीं बन पाएगा। अयोध्या की गलियों में गोलियों की गड़गड़ाहट नहीं होगी। कर्फ्यू नहीं लगेगा। अपितु राम नाम संकीर्तन से गुंजायमान होगी।