राजस्थान में भजनलाल सरकार ने Panchayati Raj System में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन पूरा कर लिया है। राज्य सरकार की अधिसूचना के बाद अब प्रदेश में 3400 नई पंचायतें जुड़ गई हैं, जिससे सरपंच, उपसरपंच और वार्ड पंचों की संख्या में बड़ा इजाफा हो गया है। नई सीमाओं के साथ अब राजस्थान में पंचायत चुनाव New Structure के आधार पर होंगे।
पंचायतों के पुनर्गठन से राजस्थान का नया नक्शा – 3400 नई पंचायतें बनीं
राजस्थान में पहले कुल 11194 ग्राम पंचायतें थीं, लेकिन भजनलाल सरकार द्वारा जारी New Notification के बाद अब यह संख्या बढ़कर करीब 14,000 हो गई है। इससे ग्रामीण विकास और प्रशासनिक पहुंच मजबूत होने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने एक साल पहले जिलों से प्रस्ताव मंगवाए थे, जिसके बाद Panchayati Raj Department ने गहन समीक्षा, सुनवाई और Objection Disposal के बाद अंतिम अधिसूचना जारी की।
नई पंचायतों के गठन के साथ—
3400 नए सरपंच
3400 नए उपसरपंच
और बड़ी संख्या में वार्ड पंच चुने जाएंगे।
यह ग्रामीण प्रतिनिधित्व और Local Governance को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
नए जिलों में जिला परिषदों का गठन, नई सीटें बढ़ीं
गहलोत सरकार के समय बनाए गए आठ नए जिलों में अब आधिकारिक रूप से जिला परिषदों का गठन कर दिया गया है।
इसका सीधा मतलब है कि—
8 नए जिला प्रमुख
दर्जनों अतिरिक्त प्रधान और पंचायत समिति के पद
भी अब चुनाव प्रक्रिया में शामिल होंगे। इस कदम को Local Public Representation बढ़ाने की दिशा में बड़ा Administrative Reform माना जा रहा है।
Desert Districts को छूट, गांवों को मिला नया प्रतिनिधित्व
राजस्थान के रेगिस्तानी जिले जैसे—
जैसलमेर
बाड़मेर
बीकानेर
जोधपुर
इनमें population density और geographical spread के चलते सरकार ने मापदंडों में relaxation दिया।
इसके चलते इन जिलों में नई पंचायतों की संख्या अन्य हिस्सों की तुलना में अधिक रही। सरकार का तर्क है कि बड़ी दूरी, सीमित संसाधनों और न्यून जनसंख्या वाले इलाकों में नई Panchayat Units बनने से—
लोगों की पहुंच बढ़ेगी
सरकारी योजनाओं की monitoring बेहतर होगी
village-level empowerment मजबूत होगा
स्थानीय लोकतंत्र को बड़ा विस्तार
3400 नई ग्राम पंचायतों का गठन न केवल प्रशासन को grassroots level पर मजबूत करेगा बल्कि— Development Schemes की Monitoring
Accountability
Rural Participation, Administrative Accessibility
जैसे क्षेत्रों में बड़ी सुधार लाएगा।
अब राजस्थान में पंचायत चुनाव एक completely new structure और updated electoral map के आधार पर होंगे, जिससे राज्य की राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था में व्यापक बदलाव देखने को मिल सकता है।
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