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भविष्य के लिए तैयार करता इंडियन ऑयल सीएसआर

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”भारत की प्रेरणा इंडियन ऑयल” इस उद्घोष से लगातार भारत में इंडियन ऑयल सेवा देती रही है। इंडियन ऑयल में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) साल 1964 में स्थापना के समय से ही सफलता की आधारशिला रहा है। इंडियन ऑयल, भारत की वो सार्वजनिक उपक्रम जिसका आकार विशालकाय होने का आभास देते हैं। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) एक हज़ार पेटेंट वाले मील के पत्थर को पार करने वाला पहला ऑयल पीएसयू (PSU) है। नए नए इनोवेशन के साथ ही इंडियन ऑयल सीएसआर वर्ष 2030 के लिए भारत के एसडीजी लक्ष्यों के लिए एक उत्प्रेरक है।
इंडियन ऑयल जैसे सार्वजनिक कॉरपोरेशन अनिवार्य रूप से समाज का अंग है जो महत्वपूर्ण सार्वजनिक संसाधनों का प्रसार करते हैं। इसलिए वित्तीय बाधाओं के बावजूद दायित्वों की ज़रूरत से अवगत हैं और शायद यही कारण है कि इंडियन ऑयल लाभ कमाने वाले मात्र बड़े कॉर्पोरेट के तौर पर नही माना जाता है, बल्कि समाज की भलाई के लिए और समाज के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए हितकारी संगठन है। इंडियन ऑयल समूह ने अपने कई ईएसजी (ESG) लक्ष्यों को संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित वैश्विक लक्ष्यों के साथ इस तरह से जोड़ दिया है कि वे कौशल भारत मिशन और स्वच्छ भारत अभियान जैसी सरकारी योजनाओं के कल्याणकारी उद्देश्यों को पूरा करते हैं।

इंडियन ऑयल का सीएसआर खर्च साल-दर-साल बढ़ रहा है, पांच साल पहले 113.79 करोड़ रुपयों से बढ़कर फ़ाइनेंशियल ईयर 2018-19 में ये 490.60 करोड़ हो गया। सीएसआर फंडिंग पर खर्च की गई वास्तविक राशि पिछले चार सालों के लिए निर्धारित खर्च से अधिक थी। कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (Corporate Social Responsibility) के लिए आवंटित 490.60 करोड़ रुपये सीएसआर परियोजनाओं पर खर्च किए गए थे। यानी कि 100 फीसदी बजट का उपयोग CSR Initiatives के लिए किया गया।

1. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के बारे में

इंडियन ऑयल हमारे देश की सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनियों में से एक है जो अफोर्डेबल एनर्जी के लिए जानी जाती है, इंडियन ऑयल की उपस्थिति वैश्विक स्तर पर भी है। यह दुनिया के सबसे बड़े समूह के प्रतिष्ठित फॉर्च्यून ग्लोबल 500′ सूची में दुनिया के सबसे बड़े कॉर्पोरेट्स के बीच 117 वें स्थान पर है। 33,000 कर्मचारियों से ज्यादा की ताकत के साथ, कर्मचारी-संचालित पहलों के माध्यम से परिवर्तन को प्रभावित करने के लिए इसके पास पर्याप्त कार्यबल है। भारत की ऊर्जा के रूप में, इंडियन ऑयल भारत के पेट्रोलियम उत्पादों की बाजार हिस्सेदारी का लगभग आधा हिस्सा है, जिसमें वर्ष 2019-20 में 78.54 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) की बिक्री हुई थी। 32 फीसदी से अधिक राष्ट्रीय रिफाइनिंग क्षमता और 71 फीसदी डाउनस्ट्रीम क्षेत्र पाइपलाइन थ्रूपपुट क्षमता इंडियन ऑयल के पास हैं।
पिछले 60 वर्षों में इंडियन ऑयल एक इंटीग्रेटेड एनर्जी जायंट के रूप में विकसित हुआ है जो कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की खोज और उत्पादन करता है; पेट्रोलियम उत्पादों और पेट्रोकेमिकल्स का शोधन, पाइपलाइन के जरिये ट्रांसपोटेशन का भी काम इंडियन ऑयल करता है। आगे की सोच रखने वाले सभी संगठनों की तरह ही इंडियन ऑयल ने भी यही समझा है कि स्वच्छ ऊर्जा ही भविष्य है। इंडियन ऑयल रिन्यूएबल एनर्जी और प्राकृतिक गैस में खेल के शीर्ष पर होने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है।

1.1 इंडियन ऑयल (Indian Oil CSR) में सीएसआर और सस्टेनेबिलिटी

इंडियन ऑयल क्लाइमेट पॉजिटिव की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इंडियन ऑयल के इंजीनियर जलवायु की प्राथमिकताओं को परिप्रेक्ष्य में रखते हुए हमारे देशवासियों की भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रक्रियाओं को डिजाइन कर रहे हैं। खुदरा विक्रेताओं और वितरकों के बीच संयंत्रों के भीतर और आपूर्ति श्रृंखला में रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग करने के लिए इंडियन ऑयल का एक सचेत प्रयास है।
इंडियन ऑयल के आउटलेट्स पर कंपनी “रिटेल आउटलेट सोलराइजेशन” अभियान के तहत इनको ग्रीन करने में जुटी है। इंडियन ऑयल ने पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के बजाय सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए अपने नेटवर्क में पेट्रोल पंपों और एनर्जी स्टेशनों को प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया है।
सौर के लिए सकारात्मक रूप से प्रोत्साहित करने की वजह से सोलर एनर्जी से संचालित रिटेल दुकानों की संख्या एक वर्ष में 9,140 से 14,173 हो गई। इनमें से अधिकांश पेट्रोल पंप गांवों या छोटे शहरों में हैं। इस Clean Energy पहल से लाभ ये भी था कि रिटेल व्यापारी दिन के उजाले के बाद या फिर जब से बिजली उपलब्ध है के बाद बिजनेस करने में सक्षम थे। रिटेल व्यापारी डीजल जेनसेट में होने वाले खर्च भी बचाये।

1.2 Sustainability प्रयासों के लिए प्रशंसा

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने अपने Sustainability के प्रयासों के लिए कई इनाम भी पाए है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के सस्टेनेबिलिटी के लिए कंपनी की खूब सराहना भी हुई है। फ्रॉस्ट एंड सुलिवन (Frost & Sullivan) और TERI द्वारा कंपनी ने ’मेगा लार्ज बिजनेस प्रोसेस सेक्टर में लीडर’ के रूप में  Sustainability 4.0 का पुरस्कार 2018 जीता। इंडियन ऑयल ने इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड के साथ ‘Greening of the Oil & Gas Business and Sustainability’ पर PETROTECH-2019 Special Technical Award भी जीता।

2. सरकारी योजनाओं के साथ इंडियन ऑयल सीएसआर (CSR -Corporate Social Responsibility)

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की उपस्थिति पूरे भारत वर्ष में है। उत्तर भारत के लेह से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों, दक्षिण में केरल से लेकर पश्चिम में गुजरात तक। इंडियन ऑयल का सीएसआर पहल आकांक्षात्मक जिलों (Aspirational Districts) और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी चलते हैं इसलिए सीएसआर पहल की गुंजाईश और बढ़ जाती है। इस उद्देश्य के लिए, राष्ट्रीय स्तर पर सरकारी योजनाओं के बीच बने रहने के लिए सीएसआर टीम सचेत कदम उठाती है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन भारत सरकार के साथ मिलकर सीएसआर पहल करती है ताकि ज्यादा से ज्यादा सामाजिक बदलाव लाकर लोगों की जिंदगियों को बदला जा सके।

2.1 स्वच्छ भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत में इंडियन ऑयल बड़े पैमाने पर सहभागी होकर सीएसआर पहल कर रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने विभिन्‍न स्‍वच्‍छता परियोजनाओं की शुरवात की है। जिसमें स्‍कूलों में टॉयलेट बनाना, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर पर काम करना जैसे पहल कंपनी द्वारा किये जा रहें हैं। जिन स्थानों पर कंपनी का परिचालन है उन स्‍थानों पर भी बड़े पैमाने पर स्‍वच्‍छता अभियान चलाया जा रहा है। कंपनी के पास शहर के ठोस कचरे को संसाधित करने के लिए वाराणसी में 3 waste-to-energy संयंत्र हैं।
हाल ही में इंडियन ऑयल ने भूमिगत जल निकासी को साफ करने के लिए डिसिल्टिंग मशीन मैसूरु सिटी कॉरपोरेशन (MCC) को दान दिया है। डिसिल्टिंग मशीन की कुल कीमत 30 लाख है जिसे मैसूरु शहर को साफ रखने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। मैसूरु में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी विंग 12 आर ओ वॉटर प्लांट भी लगाएगी ताकि मैसूरु वासियों को साफ़ पीने का पानी मिल सके। स्वच्छ भारत अभियान के तहत मैसूरु में 100 से अधिक शौचालयों का निर्माण भी इंडियन ऑयल ने किया है।

2.2 डिजिटल इंडिया

इंडियन ऑयल ने अपने ग्राहकों, बिजनेस पार्टनर, कर्मचारियों और सप्लाई चेन में आसानी के लिए डिजिटल एप्लीकेशन विकसित किया है। संवाद से लेकर, कंपनी के उत्पादों और सेवाओं के बारे में अधिक जानने, शिकायतों, डिजिटल भुगतान करने, हर सेवा ई-प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।

2.3 स्टार्टअप इंडिया

डोमेस्टिक हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में इंडियन ऑयल ने स्टार्ट अप योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए 30 करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट भी किया है। योग्यता प्राप्त करने के लिए सामाजिक या पर्यावरणीय प्रासंगिकता आवश्यक थी। यह योजना फरीदाबाद में कंपनी के R & D केंद्र द्वारा संचालित थी।

2.4 मेक इन इंडिया

लोकल एनर्जी इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए, इंडियन ऑयल समूह ने स्वदेशी निर्माताओं को अपनी टेंडर्स में वरीयता दी है। 2018-19 में, सभी वस्तुओं की 29.07% खरीद (कच्चे तेल, पेट्रोलियम उत्पादों और प्राकृतिक गैस की खरीद को छोड़कर) को स्वदेशी माइक्रो-स्मॉल एंटरप्राइजेज (एमएसई) से लिया गया था।

2.5 स्किल इंडिया

इंडियन ऑयल ने सीएसआर के जरिये देश भर में कई नए और पुराने कौशल विकास केंद्र स्थापित किए। कौशल विकास Skill India (स्किल इंडिया) पहल ने 15,000 बेरोजगार युवाओं को लाभान्वित किया है। असम स्कूल ऑफ नर्सिंग, स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (भुवनेश्वर), ज्ञानोदय योजना एक कुशल रूपरेखा का हिस्सा है, जिसने भारत के युवाओं के रोज़गार को अपने तरीके से बढ़ाया है।

3. इंडियन ऑयल सीएसआर का अवलोकन

कंपनी गर्व से खुद को “जिम्मेदार सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमी” के रूप में पहचानती है और इस खुद लगाए गए विवरण के प्रति सच्चे रहने के प्रयास इंडियन ऑयल सीएसआर रणनीति में स्पष्ट हैं। इसके संचालन के आकार, दायरे को ध्यान में रखते हुए, हजारों मील और दर्जनों सेक्टर कवर करना बाकी है। सीएसआर टीम दशकों से विभिन्न प्रकार के सामाजिक कल्याण और सामुदायिक हस्तक्षेपों पर काम कर रही है। इंडियन ऑयल स्पष्ट रूप से सस्टेनेबिलिटी और सीएसआर नीति का पालन करती हैं जिसे आप ऑनलाइन भी देख सकते हैं। विभिन्न एनजीओ की साझेदारी में और सरकारी संस्थाएं की मदद से इंडियन ऑयल सीएसआर कार्यक्रमों को जीवंत करने के लिए मिलकर काम करती हैं। जिसका अध्यक्ष खुद अध्यक्षता करता है। कई वर्षों और विभिन्न राज्यों में जहां इंडियन ऑयल की मौजूदगी है वहां सीएसआर के कार्यक्रम निरंतर चल रहें हैं।

3.1 प्रमुख सीएसआर क्षेत्र जहां कंपनी का है जोर

इसमें कोई दो राय नहीं कि ईंधन की कमी वाली ग्रामीण अर्थव्यवस्था में, कंपनी हर कोने में आवश्यक ईंधन – केरोसिन, एलपीजी, पेट्रोल और डीजल उपलब्ध करा रही है। गांवों में फ़ूड सेफ्टी और मोबिलिटी के के अलावा, प्रमुख क्षेत्रों की रणनीतिक और सोशल प्रोग्रामिंग में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में इंडियन ऑयल हर क्षेत्र में सबसे कमजोर लोगों की मदद करना चाहता है। कंपनी के सीएसआर क्षेत्रों की बात करें तो ये क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण हैं –

सुरक्षित पेयजल और जल संसाधनों की सुरक्षा,

हेल्थ केयर और स्वच्छता,

शिक्षा और रोजगार बढ़ाने वाले व्यावसायिक कौशल,

महिलाओं का सशक्तिकरण

सामाजिक / आर्थिक रूप से पिछड़े समूहों का सशक्तीकरण

3.2 इंडियन ऑयल को मिले हैं ये पुरस्कार

इंडियन ऑयल को सीएसआर में सराहनीय काम करने के लिए देश में कई अवार्ड्स से नवाजा गया है। इंडियन ऑयल सीएसआर द्वारा संचालित लेह में वेजिटेबल सेलर प्रोजेक्ट ने 2019 दैनिक जागरण सीएसआर पुरस्कार और इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा पीएसई उत्कृष्टता पुरस्कार जीता। दो साल पहले हरियाणा में इंडियन ऑयल CSR की धमक देखने को मिली। हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित हरियाणा CSR शिखर सम्मेलन के दौरान सार्वजनिक उपक्रमों के बीच डायमंड हरियाणा CSR अवार्ड जीता। इंडियन ऑयल ने स्वच्छ पखवाड़ा (1-15 जुलाई, 2018) के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया और भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की स्वच्छ पखवाड़ा पुरस्कार 2018 में उपविजेता रही।

4. हेल्थकेयर

सभी के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा इंडियन ऑयल के लिए सर्वोपरि है, अपने कर्मचारियों से लेकर समुदायों तक कंपनी स्वास्थ्य और सुरक्षा के क्षेत्र में काम कर रही है। पिछले कुछ महीनों से कोरोना महामारी ने देश को जकड़ लिया है। अपने सीएसआर पहल से इंडियन ऑयल ने तमाम COVID-19 जागरूकता अभियान चलायी ताकि कोरोना महामारी से लोगों की सुरक्षा की जा सके। सुरक्षा उपायों और सावधानियों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए पूरे साल नियमित रूप से स्वास्थ्य कार्यक्रम कंपनी करती रहती है।

4.1 बाल एवं प्रसूति स्वास्थ्य केंद्र

बाल एवं मातृत्व स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती माताओं में एनीमिया, बच्चों में कुपोषण, पोलियो से बच्चों का टीकाकरण जैसी समस्याओं का समाधान किया जाता है। एक खुश मां का मतलब एक स्वस्थ बच्चा और एक शांतिपूर्ण घर। स्वस्थ प्रसव और खुश मातृत्व के लिए विवाहित महिलाओं को पोषण और आत्म-देखभाल का प्रशिक्षण भी इन स्वास्थ्य केंद्रों पर दिया जाता है।

4.2 इंडियन ऑयल आरोग्यम

आरोग्यम इंडियन ऑयल की एक प्रमुख सीएसआर परियोजना है। यह पिछले वित्तीय वर्ष में लॉन्च किया गया था और तीन रिफाइनरियों के क्षेत्रों में 140 गांवों को शामिल किया गया था। आरोग्यम मोबाइल मेडिकल यूनिट फ्री मेडिकल केयर करता है। आरोग्यम मोबाइल मेडिकल यूनिट उन दुर्गम इलाकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं जहां ये स्वास्थ्य सेवाएं नहीं पहुंच पा रहीं हैं। आरोग्यम मोबाइल मेडिकल यूनिट ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के लिए एक माइलस्टोन बन रहे हैं। आरोग्यम मोबाइल मेडिकल यूनिट का बड़े पैमाने पर लोग मेडिकल लाभ ले रहें हैं।

4.3 असम ऑयल डिवीजन अस्पताल

इंडियन ऑयल सीएसआर के अंतर्गत असम के डिगबोई में डिविजन अस्पताल है। इस अस्पताल की वजह से डिगबोई और असम के आसपास के लोगों को बहुत बड़े पैमाने पर इलाज संभव हो पा रहा है। 200 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में हर साल 1 लाख रोगियों का इलाज होता है। असम ऑयल डिवीजन अस्पताल में हर साल 2,000 ऑपरेशन किए जाते हैं। इंडियन ऑयल की सीएसआर टीम नियमित रूप से ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य शिविर और हेल्थ चेकअप का आयोजन कराते हैं। जो न तो इलाज का खर्च उठा सकते हैं और न ही किसी विशेषज्ञ तक पहुंच सकते हैं।

4.4 स्वर्ण जयंती सामुदायिक अस्पताल

इंडियन ऑयल के सीएसआर पहल से उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्वर्ण जयंती सामुदायिक अस्पताल बनाया गया। ये अस्पताल 1999 में जनता के लिए खोल दिया गया। इंडियन ऑयल के गोल्डन जुबली पर स्वर्ण जयंती सामुदायिक अस्पताल का शुभारंभ हुआ। मथुरा रिफाइनरी के आसपास के निवासियों को इस 50-बेडेड अस्पताल की सुविधा का लाभ मिलता है। इलाके के लोगों के लिए उपचारों को सब्सिडी भी दी जाती है। गरीबी-रेखा से नीचे रहने वाले वंचितों को उपचार मुफ्त दिया जाता है। पिछले साल अकेले स्वर्ण जयंती समुदाय अस्पताल में 56,437 मरीजों का इलाज किया गया था और सर्जनों ने 727 ऑपरेशन किए थे।

5. पशु कल्याण

भारत में पशु कल्याण के लिए सीएसआर पहल बहुत कम है, कुछ ही कॉर्पोरेट्स ऐसे हैं जो पशु कल्याण में सीएसआर करते हैं, इनमें से एक है इंडियन ऑयल। पिछले साल, इंडियन ऑयल ने एनजीओ ब्लू क्रॉस को एक हाइड्रोलिक प्रणाली के साथ एम्बुलेंस दान किए थे जो जानवरों को बचाते हैं और उन्हें आश्रय देते हैं। इंडियन ऑयल की ये एक और अनूठी सीएसआर पहल है जो “सभी के लिए अच्छा स्वास्थ्य” पर आधारित है।

5.1 सर्व संतु निरमाया

सर्व संतू निरमाया का मतलब है “सभी के लिए अच्छा स्वास्थ्य”। इंडियन ऑयल का ये कार्यक्रम जानवरों के स्वास्थ्य को मनुष्यों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण मानता है। सर्व संतु निरमाया नामक इस सीएसआर पहल से कंपनी ने दिसंबर 2012 में इंसानों और जानवरों के लिए फ्री मेडिकल कंसल्टिंग और दवाओं का वितरण शुरू किया। सर्व संतु निरमाया सीएसआर पहल का सबसे ज्यादा अगर किसी को लाभ हुआ तो वो है मवेशी। डिगबोई रिफाइनरी के आसपास ये मवेशी स्वस्थ होने के बाद स्थानीय लोगों के लिए एक आजीविका का सोत्र बन गए। सर्व संतू निरमाया के अंतर्गत पिछले साल 21 कैंप आयोजित किए गए। जिसमें 2,507 मानव और 6,510 पशुओं का टीकाकरण किया गया और उन्हें मेडिकल देखभाल दी गई।

6. मैनुअल स्कैवेंजिंग को समाप्त करने की परियोजना

हमारे देश में विज्ञान के साथ साथ संस्कृति और कानूनी प्रणाली ने प्रगति तो की है, लेकिन बावजूद, कुछ चीजें हैं जो हमारे समाज के लिए एक दाग है। उन्ही सामाजिक बुराईयों में से एक है मैनुअल स्कैवेंजिंग यानी किसी व्यक्ति द्वारा स्वयं के हाथों से मानवीय अपशिष्टों (human excreta) मसलन मैल की सफाई करना या सर पर ढोना। मैनुअल स्कैवेंजिंग यह मानवीय गरिमा और जाति व्यवस्था का शर्मनाक अवशेष है। एक आकड़ों की माने तो नालों की सफाई के दौरान हर 5 दिन में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो जाती है।

इंडियन ऑयल मैनुअल स्कैवेंजिंग को ख़त्म करने के लिए एक समाधान लाया है; इसे इंडियन ऑयल ने Bandicoot नाम दिया है। दरअसल तकनीकी रूप से यह रोबोट स्कैवेंजिंग मशीन है और चार अंगों वाले मकड़ी की तरह दिखता है। Bandicoot रोबोटिक स्कैवेंजिंग मशीन में कई सेंसर और 7 कैमरें लगें हैं जिसे सीवर की सफाई के लिए इसे मैनहोल में उतारा जाता है। इंडियन ऑयल ने तमिलनाडु में कुंभकोणम नगर पालिका को मैनहोल सफाई रोबोट, बैंडिकूट दिया है।

7. इंडियन ऑयल विदुषी

हम हमेशा से सुनते आएं है कि एक लड़की अगर शिक्षित हो गयी तो वो पूरे परिवार को शिक्षित करेगी। ऐसे में लड़कियों की शिक्षा बेहद महत्त्वपूर्ण है लेकिन अमूमन हम समाज में कई ऐसे मामले देखते हैं कि पेरेंट्स किसी तरह प्राइमरी शिक्षा तो लड़कियों को दिला देते हैं। लेकिन जब बात उच्च शिक्षा की आती है, तो मां बाप पीछे हट जाते है। स्कूल और कॉलेज ड्रॉपआउट का सबसे बड़ा कारण होता है कि अभिभावक उच्च शिक्षा के लिए मोटी फीस नहीं भर पाते। ऐसे में हमारी बेटियां प्रतिभावान होते हुए भी डॉक्टर या इंजिनियर, खिलाडी नहीं बन पाती हैं। इंडियन ऑयल सीएसआर परियोजना विदुशी इंजीनियरिंग में लड़कियों को उच्च शिक्षा हासिल करने में मदद करती है। प्रोजेक्ट विदुषी आईआईटी, सीईटी आदि जैसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश पाने में लड़कियों की मदद करने के लिए काम कर रही है। भुवनेश्वर केंद्र ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ में प्रतिभावान लड़कियों को इंडियन ऑयल प्रशिक्षित करता है, जबकि नोएडा केंद्र, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल की महिला छात्रों को कोचिंग देता है।