बिहार में Assembly Election 2025 से पहले राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। जहां एक ओर Special Summary Revision 2025 के तहत Voter List Correction का कार्य चल रहा है, वहीं दूसरी ओर इस प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक दलों में चिंता और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। खासकर कांग्रेस पार्टी ने निर्वाचन आयोग पर मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर नाम हटाने की आशंका जताई है।
कांग्रेस ने उठाए सवाल, आज होगी चुनाव आयोग से मुलाकात
बिहार कांग्रेस ने SSR 2025 के तहत चल रही मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया पर गंभीर आपत्ति जताई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया में 20% वोटरों के नाम हटाए जाने की संभावना है, जो लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा कि अगर सांसदों तक को अपने दस्तावेज देने में परेशानी हो सकती है, तो आम मतदाता के लिए यह और भी कठिन होगा।
कांग्रेस नेता ने इसे Free and Fair Elections की मूल भावना के खिलाफ बताया और निर्वाचन आयोग से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की।
शाम 5 बजे ECI से मिलेगी कांग्रेस
इसी मुद्दे को लेकर आज शाम 5 बजे Chief Electoral Officer, Bihar से कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा। इसमें पार्टी के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। प्रतिनिधिमंडल SSR 2025 प्रक्रिया में पारदर्शिता, निष्पक्षता और संभावित विसंगतियों को लेकर ECI को ज्ञापन सौंपेगा।
महागठबंधन की बैठकें और रणनीति
आज पटना में राजनीतिक हलचल तेज है। RJD की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है, जिसकी अध्यक्षता लालू प्रसाद यादव कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस भी अपने सभी जिला अध्यक्षों के साथ रणनीतिक बैठक कर रही है। ये दोनों दल बिहार में Mahagathbandhan को मजबूत कर 2025 के चुनाव में सत्ता में वापसी का प्रयास कर रहे हैं।
उधर, AIMIM ने भी महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई है। पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लालू यादव को चिट्ठी लिखकर आग्रह किया है कि साथ मिलकर चुनाव लड़ने से ही Secular Votes का विभाजन रोका जा सकता है।
CPI(ML) ने भी जताई आपत्ति
CPI (ML) Liberation के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भी मतदाता सूची की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि SSR के नाम पर बड़ी संख्या में नाम हटाना, एक विशेष वर्ग को प्रभावित करने की रणनीति हो सकती है।
बिहार में Electoral Roll Revision अब एक तकनीकी प्रक्रिया नहीं रह गई, बल्कि इसके इर्द-गिर्द सियासी रणनीतियों और आरोपों की गूंज भी सुनाई देने लगी है। SSR 2025 की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर ECI पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।