प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) की 20वीं किश्त जारी करते समय केंद्र सरकार की गहन डेटा जांच में मुरादाबाद जिले से बड़ा मामला सामने आया है। जांच में करीब 4,500 दंपती ऐसे पाए गए, जो पति-पत्नी दोनों इस योजना का लाभ ले रहे थे, जबकि नियमों के अनुसार, एक परिवार से केवल एक व्यक्ति ही इसका पात्र होता है। जैसे ही यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ, केंद्र सरकार ने इन सभी लाभार्थियों की अगली किश्तें तत्काल रोक दीं। राहत यह है कि अब तक मिली रकम वापस नहीं मांगी जाएगी, बल्कि आगे की किश्तों में समायोजन (adjustment) करके सुधार किया जाएगा।.
कैसे पकड़ा गया मामला?
मुरादाबाद जिले में कृषि विभाग ने पीएम किसान योजना की 20वीं किश्त के लिए करीब 2.67 लाख किसानों का डेटा पोर्टल पर लॉक किया था। इनमें से 2.64 लाख किसानों के खाते में राशि ट्रांसफर हुई। इसी प्रक्रिया के दौरान जब आधार लिंक और बैंक खातों की डीप स्कैनिंग कराई गई, तब यह खुलासा हुआ कि करीब 4,500 जोड़े पति-पत्नी दोनों योजना में लाभार्थी के रूप में दर्ज हैं। कई किसानों ने अलग-अलग जमीन और बैंक खातों का उपयोग कर खुद को पात्र दिखा दिया था। सिस्टम में दोनों नाम अलग-अलग ID से जुड़े हुए थे, जिससे वे अनजाने में डबल लाभ लेते रहे।
अब सरकार ऐसे तय करेगी किसे मिलेगा अगला भुगतान?
केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि अब आगे से एक ही परिवार में एक व्यक्ति को ही किसान सम्मान निधि की राशि दी जाएगी।मुरादाबाद के कृषि विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि सभी दंपतियों का डेटा दोबारा सत्यापित किया जाए। इसके लिए पति-पत्नी दोनों को अपने
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आधार कार्ड,
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बैंक खाता विवरण,
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भूमि रिकॉर्ड (खतौनी)

