कोरोना फ्री होने के लिए प्लाज्मा थेरेपी से जगी उम्मीद
कोरोना संकट के बीच भारत के लिए खुशखबरी आई है, जहां एक तरफ पूरे देश में कोरोना वायरस अपना कहर बरपा रहा है, वहीं दूसरी तरफ भारत के तीन राज्य कोरोना से मुक्त हो चुके हैं। ये खुशखबरी यहीं खत्म नहीं होती है। गुड न्यूज़ ये भी है कि प्लाज्मा थेरेपी भारत के लिए वरदान साबित हो रही है। ये बड़ी और बेहद ख़ुशी की खबर है कि कोरोना वायरस के इलाज में प्लाज्मा थेरपी कारगर हो सकती है, दिल्ली के 4 मरीजों पर इसका प्रयोग किया गया जिसके नतीजे अच्छे आए हैं। ये बात खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताई। लोक नायक हॉस्पिटल के चार मरीजों को प्लाज्मा ट्रीटमेंट दिया गया। अच्छी खबर यह है कि चारों मरीजों के पॉजिटिव नतीजे दिख रहे हैं। केजरीवाल के साथ आए डॉक्टर ने बताया कि चार में से दो अगले कुछ दिन में डिस्चार्ज हो सकते हैं। इससे पहले तक ये लोग वेंटिलेटर पर जाने की स्थिति में थे। अब दोनों को आईसीयू से साधारण वॉर्ड में शिफ्ट किया जानेवाला है।
कोरोना फ्री के लिए क्या है प्लाज्मा थेरपी?
किसी खास वायरस या बैक्टीरिया के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी तभी बनता है, जब इंसान उससे पीड़ित होता है। अभी कोरोना वायरस फैला हुआ है, जो मरीज इस वायरस की वजह से बीमार हुआ था। जब वह ठीक हो जाता है तो उसके शरीर में इस कोविड वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनता है। इसी एंटीबॉडी के बल पर मरीज ठीक होता है। जब कोई मरीज बीमार रहता है तो उसमें एंटीबॉडी तुरंत नहीं बनता है, उसके शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनने में देरी की वजह से वह सीरियस हो जाता है। ऐसे में जो मरीज अभी अभी इस वायरस से ठीक हुआ है, उसके शरीर में एंटीबॉडी बना होता है, वही एंटबॉडी उसके शरीर से निकालकर दूसरे बीमार मरीज में डाल दिया जाता है। वहां जैसे ही एंटीबॉडी जाता है मरीज पर इसका असर होता है और वायरस कमजोर होने लगता है, इससे मरीज के ठीक होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।
प्लाज्मा थेरेपी से उपचार के साथ साथ ये भी ख़ुशख़बरी है कि देश के ये तीन राज्य है अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और गोवा जहां अब एक भी कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस नहीं है। जहां हम कोरोना के बढ़ते मामलों की ख़बरें सुनते है वही ये राज्य कोरोना की बीमारी से मुक्त हो गए है।
गोवा बना पहला राज्य, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर से भी कोरोना भागा
गोवा में कोरोना वायरस से संक्रमित सभी सात मरीज ठीक हो चुके हैं और सभी को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। ये बात खुद गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बताया। The CSR Journal से खास बातचीत करते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बताया कि अब गोवा में कोरोना का कोई सक्रिय मरीज नहीं है मतलब गोवा कोरोना से मुक्त हो गया है। राणे ने कहा कि सातों मामलों में अंतिम मरीज तीन अप्रैल को सामने आया था। सभी का इलाज किया गया और रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। गोवा में अब कोरोना वायरस संक्रमण को सक्रिय मामलों की संख्या शून्य हो गई है। उन्होंने कहा, अब जबकि राज्य में कोरोना का एक भी एक्टिव मामला नहीं है, यह हमारी जिम्मेदारी है कि लॉकडाउन का पालन करते रहें, सामाजिक दूरी बनाए रखें, जांच की दायरा बढ़ाएं और केंद्र व राज्य सरकार द्वारी जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
पूर्वोत्तर दे रहा वायरस को मात
मणिपुर में कोरोना के महज दो मामले सामने आए थे, जो अब पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने ट्वीट कर ये जानकारी दी कि मणिपुर अब कोरोना मुक्त राज्य है, जो दो मरीज सामने आए थे, वह अब रिकवर हो गए हैं। अब दोनों का टेस्ट नेगेटिव आया है, ऐसे में राज्य में कोई नया केस नहीं सामने आया है। पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण का एक मामला सामने आया था, जो अब पूरी तरह से ठीक हो चुका है। ऐसे ही मिजोरम में कोरोना संक्रमण का एक मामला सामने आया है, लेकिन नगालैंड में कोरोना का एक भी केस नहीं आया है। इस तरह से नगालैंड कोरोना से पूरी तरह से सुरक्षित है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने भी बताया कि उनका राज्य कोरोना वायरस से मुक्त हो गया है। त्रिपुरा में कोरोना के दो मामले सामने आए थे और अब दोनों पूरी तरह से ठीक होकर अपने घरों को लौट चुके हैं।
इन राज्यों में एक भी कोरोना का केस नहीं
इसके अलावा देश के पांच राज्य ऐसे भी हैं, जहां अभी तक कोरोना वायरस का एक भी केस सामने नहीं आया है। ये पांचों राज्य नागालैंड, सिक्किम, दमन दीव, दादर एंड नागर हवेली और लक्षदीप हैं। हालांकि इनमें दमन दीव, दादर एवं नागर हवेली और लक्षदीप केंद्र शासित प्रदेश हैं। इन पांचो राज्यों में में कोरोना का अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है।
मात्र 7 राज्यों में कोरोना के लगभग 80 फीसदी मरीज
दूसरी तरफ देश के 7 राज्य ऐसे हैं, जिनमें कोरोना वायरस के कुल केसों में से करीब 79% मामले सामने आए हैं। इन सात राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तरप्रदेश हैं। यहां तक कि तीन राज्य में कोरोना के लगभग आधे यानि 48 प्रतिशत मामले सामने आए हैं। इन 7 राज्यों में ही कोरोना के 78.84 फीसदी मामले सामने आए हैं। पहले स्थान पर महाराष्ट्र है, जबकि दूसरे स्थान पर गुजरात और तीसरे नंबर पर दिल्ली आता है। इन तीन राज्यों में ही कोरोना वायरस के कुल मामलों में से 48.17% मामले सामने आए हैं।