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एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में पिरामल फाउंडेशन करेगा 100 करोड़ का निवेश

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कोरोना के आपातकाल से एक और राहत की ख़बर आयी है, ये ख़बर पिरामल फाउंडेशन की तरफ से आयी है। पिरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड की परोपकारी संस्था पिरामल फाउंडेशन (पीईएल) ने कोरोना की दूसरी लहर के विनाशकारी प्रभाव को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है। देश की थिंक टैंक यानी निति आयोग (Niti Aayog) के साथ साझेदारी करते हुए पिरामल फाउंडेशन (Piramal Foundation) देश के आकांक्षी जिलों यानी एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में कोविड की दूसरी लहर के कारण वर्तमान आपातकाल में राहत और बचाव के लिए ग्रामीण और आदिवासी ब्लॉकों में 100 कोविड देखभाल केंद्र स्थापित करेगा। इसके साथ ही पिरामल फाउंडेशन होम केयर सपोर्ट के लिए भी काम करेगा।

कोरोना से राहत के लिए पिरामल फाउंडेशन करेगा 100 करोड़ का निवेश

कोरोना राहत के लिए पिरामल फाउंडेशन ने निति आयोग के साथ साझेदारी की है और इस राहत के लिए पिरामल फाउंडेशन 100 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। देश के 25 सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट के ग्रामीण और आदिवासी ब्लॉकों में 100 कोविड देखभाल केंद्र स्थापित किया जायेगा। इसके साथ ही देश के 112 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में जहां स्वास्थ्य सेवाओं की खराब पहुंच है, खासकर जनजातीय और ग्रामीण आबादी वाले इलाकों में होम केयर सपोर्ट सिस्टम स्थापित भी किया जायेगा। पिरामल फाउंडेशन एक हज़ार से ज्यादा गैर सरकारी संगठनों और एक लाख से अधिक वॉलेंटियर्स की मदद से देश के तमाम 1143 ब्लॉकों में 20 लाख लोगों तक सहायता पहुंचाने का प्रयास करेगी।

Piramal Foundation का महाराष्ट्र के 4 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट पर ज्यादा जोर

अकेले महाराष्ट्र के 4 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट गढ़चिरौली, नंदुरबार, उस्मानाबाद और वाशिम के 32 ब्लॉकों में 1.25 लाख लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य पिरामल फाउंडेशन ने रखा है। महाराष्ट्र में ये 4 आकांक्षी जिले सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित हुए हैं। इन जिलों में कोरोना से 1.6 लाख लोग प्रभावित हुए और करीब 3063 मौतें हुई और ये संख्या दिन ब दिन खतरनाक रूप से बढ़ भी रही है। महाराष्ट्र में हुई कोरोना से मौतों में 3.3 फीसदी मौतें इन एस्पिरेशनल जिलों में हुई हैं।

पिरामल फाउंडेशन की पहल से स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी बेहतर

पीरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड की वाइस-चेयरपर्सन और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. स्वाति पीरामल का कहना है कि ” कोरोना महामारी की दूसरी लहर में बीमारी शहरी क्षेत्रों से ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैलती जा रही है। तीसरी लहर की गंभीरता को कम करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ग्रामीण इलाकों में सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे और कुशल कर्मियों के साथ साथ ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। कोरोना के मामलों को रोकने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं से सुसज्जित होना पड़ेगा। इसके लिए तत्काल और अभिनव कार्रवाई की बहुत जरुरत है। इस अंतर को एड्रेस करने के लिए पीरामल फाउंडेशन की पहल स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने वाले बोझ को कम करने और ग्रामीण और आदिवासी के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में सुधार करने में मदद करेगा।

Piramal Foundation से 112 मिलियन से अधिक लोगों की जिंदगियों में हुआ है सकारात्मक बदलाव

25 आकांक्षी जिलों में प्रखंड स्तर पर 30 बिस्तरों वाले 100 अस्थायी कोविड देखभाल केंद्रों की योजना बनाई गई है। जिसमें महाराष्ट्र के 4 जिले शामिल हैं। 112 #AspirationalDistrict में 20 लाख ग्रामीण और आदिवासी समुदायों को Home Care Center की सहायता प्रदान की जाएगी। सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के लिए पिरामल फाउंडेशन प्राथमिक शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, बाल मृत्यु दर को कम करने, मातृ स्वास्थ्य में सुधार, और सुरक्षित पहुंच में सुधार, पेयजल जैसे मुद्दों पर केंद्रित है। 2018 में, पिरामल फाउंडेशन ने 7 राज्यों के 25 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट को बदलने के लिए नीति आयोग के साथ भागीदारी की थी। पिरामल फाउंडेशन वर्तमान में देश के 25 राज्यों में काम करता है और 112 मिलियन से अधिक लोगों की जिंदगियों में सकारात्मक बदलाव लायी है।