भारत में अनिवार्य सीएसआर कानून के बनने से पहले देश के बड़े उद्योगपति समाज की भलाई के लिए करोड़ों दान दिया करते थे ये परंपरा आज भी देखने को मिलता है। देश के बड़े दानवीर समाज की भलाई के लिए बड़े पैमाने पर दान दे रहे है और ये आकड़ा लगातार हर साल बढ़ता ही जा रहा है। हुरुन इंडिया की ओर से जारी एडलगिव हुरुन इंडिया फिलैंथ्रोपी लिस्ट-2024 के मुताबिक शिव नादर पांच साल से लगातार पहले नंबर पर बने हुए हैं। लिस्ट में देश के सबसे बड़े दानवीरों को शामिल किया गया। लिस्ट 1 अप्रैल, 2023 से 31 मार्च, 2024 के बीच दिए दान के आंकड़ों के आधार पर बनाई गई।
एडेलगिव-हुरुन इंडिया ने जारी की फिलैंथ्रोपी लिस्ट 2024
एडेलगिव-हुरुन इंडिया फिलैंथ्रोपी लिस्ट 2024 से पता चलता है कि भारत भर में परोपकारी योगदान में एक प्रेरणादायक वृद्धि हुई है। 200 से अधिक परोपकारी लोगों ने लगभग ₹8,783 करोड़ का दान दिया है, इस वर्ष की रिपोर्ट सामाजिक परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए देश के सबसे धनी व्यक्तियों के बीच बढ़ते समर्पण को दर्शाती है। Hurun India Philanthropy List-2024 में दूसरे नंबर पर अंबानी परिवार हैं। उन्होंने 407 करोड़ रुपए दान दिए। इस लिस्ट में सबसे ज्यादा दानवीर मुंबई (61) के हैं। नई दिल्ली से 39, बेंगलुरु से 18, हैदराबाद से 12 और पुणे से 11 लोगों ने लिस्ट में जगह बनाई। अहमदाबाद से 9, चेन्नई से 8, कोलकाता से 8, गुरुग्राम से 5 और सूरत से 3 लोग सूची में शामिल हैं।
इस साल फिर दानवीर बने शिव नादर, करते है बड़े पैमाने पर सीएसआर
एचसीएल टेक्नोलॉजीज (HCL Shiv Nadar News) के संस्थापक शिव नादर ने 2024 में 2,153 करोड़ रुपये का दान देकर एक बार फिर भारत के सबसे बड़े परोपकारी की उपाधि को बरक़रार रखा है। उन्होंने अपनी शिव नादर फाउंडेशन (Shiv Nadar Foundation) के माध्यम से शिक्षा और प्रौद्योगिकी-संचालित (Education and IT) पहलों पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसका उद्देश्य भारत में शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाना है। (List of Top Philanthropist)
रोहिणी निलेकणी बनी भारत की सबसे उदार महिला परोपकारी
इंफोसिस की सह-संस्थापक रोहिणी निलेकणी ने 2024 में 154 करोड़ रुपये का दान देकर भारत की सबसे उदार महिला परोपकारी (Women Philanthropist) बनी है। उनकी संस्था, रोहिणी निलेकणी फिलांथ्रोपी का मुख्य ध्यान पर्यावरणीय स्थिरता और जमीनी स्तर पर सशक्तिकरण पर केंद्रित है।
भारतीय परोपकार में वृद्धि: दान में बढ़ोतरी
Philanthropist रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पिछले दो सालों की तुलना में दान में 55% की वृद्धि हुई है। कुल मिलाकर 203 परोपकारियों ने 8,783 करोड़ रुपये का दान किया है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण विकास जैसी विभिन्न क्षेत्रों में योगदान को दर्शाता है।
युवा परोपकार की लिस्ट में शामिल हुए निखिल कामत
ज़ेरोधा के को फाउंडर निखिल कामत 38 साल के है, इस उम्र में 2024 की सूची में सबसे युवा परोपकारी (Young Philanthropist) हैं। उनका योगदान शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और वित्तीय साक्षरता के क्षेत्र में है, जो युवा उद्यमियों के बढ़ते सामाजिक योगदान का प्रतीक है। 2024 की रिपोर्ट में 96 नए परोपकारी जुड़े, जिन्होंने कुल 1,556 करोड़ रुपये का दान दिया। प्रमुख नए दानकर्ताओं में इंडो एमआईएम के अध्यक्ष कृष्णा चिवुकुला और सुष्मिता एवं सुब्रतो बागची शामिल हैं, जिन्होंने शिक्षा और सामुदायिक कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया है।
अदाणी परिवार के दान में 16 फीसदी का इजाफा
गौतम अदाणी और परिवार ने 330 करोड़ रुपए का दान दिया। पिछले साल की तुलना में अदाणी परिवार के दान में 16 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया। दान अदाणी फाउंडेशन के जरिए शिक्षा, कौशल विकास और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में किया गया। अडानी परिवार दानवीर भी है और करते है बड़े स्तर पर सीएसआर।
Hurun India Philanthropy List-2024 – शिक्षा के लिए दी गई सबसे अधिक राशि
दानवीरों ने सबसे ज्यादा दान 3,680 करोड़ रुपए शिक्षा के लिए दिया। यह दान सूची में शामिल 123 लोगों ने दिया। पिछले साल की तुलना में यह करीब 138 फीसदी की बढ़ोतरी है। इसके बाद स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 626 करोड़ रुपए, ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए 331 करोड़ रुपए, पर्यावरण क्षेत्र को 177 करोड़ रुपए और इकोसिस्टम बिल्डिंग को 202 करोड़ रुपए दान दिए गए।
सीएसआर में मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस सबसे आगे
मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज 900 करोड़ रुपए के योगदान के साथ कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर – CSR Corporate Social Responsibility) सूची में शीर्ष पर रही। रिलायंस के बाद नवीन जिंदल की अगुवाई वाली जिंदल स्टील एंड पावर ने 228 करोड़ रुपए आवंटित किए, जो निर्धारित सीएसआर खर्च से 50 करोड़ रुपए अधिक है।