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दिव्यांगजनों के मुश्किल भरे सफर को आसान बनाती हैं मुंबई की बेस्ट बसें

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मुंबई में सार्वजनिक परिवहन का अगर सबसे बेस्ट कोई विकल्प है तो वो है मुंबई की बेस्ट बसों (BEST Bus Service In Mumbai) की सर्विस। मुंबई लोकल ट्रेनों के बाद मुंबई की दूसरी लाइफ लाइन मानी जाती हैं बेस्ट बसें। क्या आम, क्या ख़ास, क्या गरीब और क्या अमीर मुंबई की जनता बहुत हद तक इन बसों पर निर्भर रहती है। ताकि मुंबईकर अपने गंतव्य स्थान पर सही समय पर और सुरक्षित पहुंच सकें। मुंबई की बेस्ट बसों में बड़े पैमाने पर दिव्यांगजन यात्रा करते हैं। आज अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस है (International Day Of People With Disabilities) ऐसे में आईये जानते हैं कि मुंबई की बेस्ट बसें कैसे हैं समावेशी और कैसे दिव्यांगजनों के मुश्किल सफर को आसान बनाती हैं।

मुंबई की बेस्ट बसों में बड़े पैमाने पर दिव्यांगजन करते हैं यात्रा

मुंबई में यात्रा करना कितना दुर्गम और कितना मुश्किल भरा होता है ये मुंबईकर तो बखूबी जानते है लेकिन जो नहीं जानता है वो इस उदाहरण से समझ ले कि अगर मुंबई की विरार लोकल में सुबह-शाम ट्रेन में सरसों का दाना ऊपर फेंक दिया जाय तो मजाल है कि वो फर्श पर गिर जाय, इतनी भीड़ होती है। इसलिए मुंबई की बेस्ट बसें मुंबईकरों की दूसरी लाइफ लाइन (Life Line Of Mumbai) मानी जाती है। मुंबई में हर दिन फिलहाल 3651 बसों में 32 लाख यात्री यात्रा करते है जिसमें दिव्यांगजनों की संख्या बहुत अधिक है। बेस्ट प्रशासन (BrihanMumbai Electric Supply and Transport) से मिले आकड़ों के मुताबिक नवंबर महीने 473695 टिकट दिव्यांगजनों के लिए इशू हुए हैं ऐसे में इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बेस्ट की बसों में दिव्यांगजन कितने बड़े पैमाने पर यात्रा करते है।

मुंबई की बेस्ट बसों में दिव्यांगों को व्हीलचेयर सहित लिफ्ट भी किया जाता है

दिव्यांगजनों (World Day of the Handicapped) के मुश्किल सफर को बेस्ट प्रशासन (BrihanMumbai Electric Supply and Transport) आसान बनाती हैं। बेस्ट प्रशासन दिव्यांगजनों की यात्रा को सुगम और आरामदायक साथ ही समावेशी बनाने के लिए बहुत सुविधाएं देती है। सबसे पहले यहां ये जिक्र करना जरुरी है कि अब की ज्यादातर बसें जो EV Vehicle हैं उसमें व्हीलचेयर (Wheel Chair in Bus During Journey) के साथ यात्रा कर सकते हैं। अगर कोई दिव्यांगजन व्हीलचेयर पर है तो वो सीधे तौर पर बेस्ट की बसों में यात्रा कर सकता है। दिव्यांगजन बस स्टॉप पर व्हीलचेयर पर बैठकर बस का इंतज़ार करे। बस आने के बाद बस में लगी मोटर ट्रॉली व्हीलचेयर सहित दिव्यांगजन को बस में लिफ्ट कर लेगी और गंतव्य स्थान पर ड्राप कर देगी। हालांकि दिव्यांगजन जल्दी इस सर्विस का इस्तेमाल खुद नहीं करते इसलिए ये सुविधा बहुत चलन और प्रचलित नहीं है।

मुंबई की बेस्ट बसों में दिव्यांगजनों के लिए ये है अन्य सुविधाएं

दिव्यांगजनों की मुश्किल यात्रा को आसान बनाने के लिए बेस्ट प्रशासन ने बसों में रिजर्व सीट रखें हैं ताकि अगर कोई दिव्यांगजन यात्री यात्रा कर रहा हो तो उसे बैठने के लिए सीट मिल सके। 40 फीसदी से ज्यादा अपंगत्व वाले दिव्यांगजनों को बेस्ट की बसों में मुफ्त यात्रा का भी प्रावधान है। दिव्यांग यात्री को भीड़ से बचाने के लिए बेस्ट प्रशासन ने बस के अगले दरवाजे से एंट्री की इजाजत दी हुई है। इसके साथ ही हर एक बस डिपो में दिव्यांग यात्रियों की सहूलियतों के लिए ग्राउंड फ्लोर पर ही बस पास पाने की सुविधा उपलब्ध है।
बेस्ट प्रशासन सिर्फ दिव्यांग यात्रियों की सहूलियतों का ही ख्याल नहीं रखता बल्कि बेस्ट अब जीरो कार्बन उत्सर्जन की तरफ बढ़ रही है। पूरे देश में किसी भी शहर में इतना इलेक्ट्रिक बस नही है जितना बेस्ट के पास है। अकेले 386 इलेक्ट्रिक बस बेस्ट के पास है। जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को देखते हुए साल 2025 तक 10 हज़ार इलेक्ट्रिक बसों का ध्येय रखा गया है। बहरहाल सिर्फ बेस्ट ही नहीं बल्कि यह सुनिश्चित करना हम सबका, पूरे समाज का दायित्व बनता है कि सभी दिव्यांगजन स्वतंत्र रूप से एक गरिमापूर्ण जीवन व्यतीत कर सकें।