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October 31, 2025

सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की रहस्यमयी मौत से मचा हड़कंप, 2019 जैसा खतरा फिर लौट आया

The CSR Journal Magazine
बर्ड फ्लू या एवियन बोटुलिज्म? जांच में होगा खुलासा राजस्थान की Sambhar Lake, जो सर्दियों में लाखों Migratory Birds की पसंदीदा शरणस्थली होती है, एक बार फिर रहस्यमयी मौतों के कारण सुर्खियों में है। Didwana-Kuchaman जिले के Nawa क्षेत्र में कई पक्षी मृत और घायल अवस्था में मिले हैं। वन विभाग और पशुपालन विभाग ने पूरे झील क्षेत्र में Search Operation शुरू कर दिया है। जयपुर तक Alert जारी किया गया है, ताकि संक्रमण फैलने से पहले रोकथाम की जा सके।

नावां में मिले मृत और घायल पक्षी, जयपुर तक Alert

Nawa Region में प्रवासी पक्षियों के शव मिलने से प्रशासन और वन विभाग में हड़कंप मच गया है। जानकारी के मुताबिक, अब तक लगभग 12 पक्षियों के शव झील से बरामद किए गए हैं, जबकि कुछ घायल पक्षियों का Rescue Center पर उपचार जारी है। Nagaur DFO Vijay Shankar Pandey ने बताया कि मृत पक्षियों का निस्तारण तय SOP के अनुसार किया जा रहा है ताकि संक्रमण न फैले। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि मौतें Bird Flu के कारण हुई हैं या Avian Botulism से। मृत पक्षियों के सैंपल जांच के लिए Bareilly स्थित Central Avian Research Institute और Bhopal Lab भेजे जा रहे हैं।

Search Operation तेज, Jaipur Forest Department भी सक्रिय

नावां क्षेत्र में मृत पक्षियों की सूचना के बाद जयपुर जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है। Jaipur DFO V. Ketan Kumar ने बताया कि वन विभाग, पशुपालन विभाग, Sambhar Municipality और Sambhar Salt Authority की संयुक्त टीम द्वारा Search Operation चलाया जा रहा है। इसमें स्थानीय Volunteers और NGOs की मदद भी ली जा रही है। फिलहाल, सांभर इलाके में कोई बड़ी Casualty दर्ज नहीं हुई है, लेकिन झपोक और काचरोदा क्षेत्रों में घायल पक्षियों के लिए विशेष मेडिकल टीम तैनात की गई है। जरूरत पड़ने पर Drone Survey और SDRF टीम को भी तैनात किया जाएगा ताकि झील के हर हिस्से की निगरानी की जा सके।

2019 की त्रासदी की याद ताज़ा Avian Botulism का खतरा

साल 2019 में सांभर झील में हजारों प्रवासी पक्षियों की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया था। जांच में सामने आया था कि यह मौतें Avian Botulism Infection के कारण हुई थीं।
इस बार भी पशु चिकित्सक Dr. Moti Chaudhary ने बताया कि पक्षियों में देखे जा रहे लक्षण Botulism Infection जैसे हैं।
उन्होंने कहा कि यह बीमारी चार चरणों में बढ़ती है
1️⃣ Leg Paralysis (Lake Leg)
2️⃣ Wing Paralysis
3️⃣ Total Neck Drop
4️⃣ Nictitating Membrane Paralysis
इन लक्षणों के बाद पक्षियों की गर्दन झुक जाती है और उनकी मृत्यु हो जाती है।
डॉ. चौधरी ने चेतावनी दी कि अगर मृत पक्षियों का सही तरीके से निस्तारण नहीं हुआ, तो झील में मौजूद लाखों पक्षियों की जान खतरे में पड़ सकती है।

Early Arrival of Migratory Birds खतरे में खूबसूरत झील का पारिस्थितिकी तंत्र

इस साल मानसून के दौरान हुई अच्छी बारिश और नदियों की आवक के कारण झील लबालब है, जिससे इस बार प्रवासी पक्षी जल्दी पहुंच गए। आमतौर पर अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से मार्च तक झील में प्रवास करने वाले पक्षियों में इस बार Greater और Lesser Flamingos, Ducks, Waders, और कई प्रजातियों की Small Birds बड़ी संख्या में आईं। लेकिन अब इन पक्षियों की मौत ने झील की Ecological Balance पर सवाल खड़े कर दिए हैं। Forest Department ने बताया कि अब झील के पूरे क्षेत्र में लगातार Patrolling की जाएगी और Preventive Monitoring जारी रहेगी।
सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की रहस्यमयी मौतें न केवल एक Environmental Alarm हैं, बल्कि यह याद दिलाती हैं कि प्राकृतिक पारिस्थितिकीय स्थलों की सुरक्षा कितनी ज़रूरी है। 2019 जैसी त्रासदी को दोहराने से रोकने के लिए प्रशासन और वन विभाग पूरी तरह सक्रिय हैं। अब सबकी निगाहें Lab Reports पर टिकी हैं जो यह साफ करेंगी कि इन मौतों के पीछे Bird Flu है या Avian Botulism जैसी घातक बीमारी।

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