आज के इस सोशल मीडिया के ज़माने में अफवाहें जान लेने लगी है, कई मामले पहले भी देखी गयी है और ये सिलसिला लगातार जारी है, ताज़ा मामला महाराष्ट्र के पालघर का है जहां दो साधुओं समेत एक ड्राइवर की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गयी। अब मामला सांप्रदायिक रंग अख्तियार करने लगा है। जाहिर है लापरवाही जरूर हुई है, स्थानीय पुलिस द्वारा, सरकार द्वारा क्योंकि ये मॉब लिंचिंग का कोई पहला केस नहीं है इसके पहले भी मामले हुए है, अखलाख जैसे तमाम उदाहरण समाज में आज भी पनप रहें है। इन सब पर अंकुश जरूर लग जाता जब सरकारें सोशल मीडिया की अफवाहों पर लगाम लगा पाती। सख्त कानून होता, भीड़ समझदार होती। ये समझ पाती कि जो मैसेज, जो कहानी उन्हें बताई जा रही है उसमें क्या सच्चाई है और कितना झूठ।
बहरहाल सरकार, पुलिस और जनता ये तीनों अगर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को बखूबी समझती तो शायद निर्दोष साधुओं की मौत नहीं होती। जाहिर है साधुओं की मौत हुई है तो सम्प्रदाय जरूर जुड़ेगा। मामला गंभीर हो गया है, मामला मीडिया में सुर्खियां बन रही है तो अब जमकर राजनीती भी होगी लेकिन इसमें कोई भी राजनीति नहीं है। एक पालघर का मामला महज एक अफवाह पर आधारित है। एक अफवाह ने ही तीन लोगों की जिंदगियां लील लीं।
दरअसल गुरुवार की शाम दो साधु मुंबई के कांदिवली से ड्राइवर के साथ सूरत के लिए निकले थे, सूरत में इन साधुओं के किसी करीबी का निधन हो गया था उनकी अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए ये मुंबई से सूरत जा रहें थे। पालघर के जिस गांव से होकर गुजर रहे थे वहां अपहरण और चोरी की अफवाह फैली थी, अफवाह थी कि लॉकडाउन की आड़ में अपहरण किया जा रहा है, अफवाह ये भी थी कि अपहरण कर लोगों की किडनी निकाली जा रही है। इसी अफवाह की चपेट में गांव से गुजरने वाले ये तीनों लोग आए। लेकिन ये हत्या पुलिस की मौजूदगी में हुई। पुलिस भीड़ से बचाने के बजाय खुद बचती नज़र आयी। अगर मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी कुछ हिम्मत दिखाते तो इन तीन निर्दोषों की जान नहीं जाती।
पालघर मॉब लिंचिंग के मामले में सोमवार को गृहमंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से सोमवार को ही गृहमंत्री अमित शाह ने फोन पर बात की। इस बातचीत के बाद ऊद्धव ने कहा कि उन्होंने अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बारे में जानकारी दी है। राज्य सरकार ने इस मामले में कार्रवाई की है। 110 लोगों को रविवार को गिरफ्तार किया गया था, इसमें कुछ नाबालिग भी थे। उद्धव ने कहा कि हमने दो पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि पालघर मॉबलिंचिंग में सांप्रदायिक एंगल नहीं है।