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April 25, 2025

पहलगाम हमला: कश्मीर में टुरिज़म की टूटी कमर, सामान्य होते हालात लड़खड़ाए

पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर टूरिज्म पर गहरा असर पड़ा है। एक सर्वे में पता चला है कि हमले के 2 दिनों के भीतर 62 प्रतिशत लोगों ने कश्मीर ट्रिप रद्द की है। Pahalgam Terror Attack के बाद ट्रैवल और टूर कंपनियों ने कई Cancellations की रिपोर्ट दी है। टूर ऑपरेटर न केवल तत्काल प्रभाव, बल्कि पर्यटन क्षेत्र पर दीर्घकालिक प्रभाव को लेकर भी चिंतित हैं। कुछ टूर ऑपरेटर को उम्मीद है कि सरकार के हस्तक्षेप से दीर्घकालिक प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है, खासकर अमरनाथ यात्रा पर, जो जून में शुरू होती है। आतंकवादी हमले के बाद घरेलू एयरलाइनों को श्रीनगर के लिए 15,000 फ्लाइट टिकट रद्द करने या पुनर्निर्धारित करने के अनुरोध प्राप्त हुए हैं।

Pahalgam Attack का टूरिज्म पर पड़ेगा असर

Pahalgam Attack: बता दें कि सर्वेक्षण में शामिल दस में से छह यात्री, जो इस साल मई से दिसंबर के बीच कश्मीर जाने की योजना बना रहे थे, उनकी योजना रद्द होने की संभावना है। इसमें कहा गया है कि पर्यटकों को निशाना बनाकर और अधिक आतंकवादी हमलों के डर से कई लोग कुछ समय के लिए कश्मीर जाना टाल सकते हैं। एक सर्वे में यात्रियों से पूछा गया-क्या आप या आपका परिवार अगले तीन वर्षों में कश्मीर की यात्रा की योजना बना सकते हैं? 33 प्रतिशत ने कहा कि यह इस पर निर्भर करेगा कि सरकार सुरक्षा स्थिति को कैसे संभालती है, जबकि 8 प्रतिशत ने स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। सर्वे के आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है कि अगले तीन सालों में कश्मीर लोगों की पहली पसंद तो नहीं रहेगा। हर किसी के मन में एक डर बैठ गया है, और लोग कश्मीर जाने की अपेक्षा कहीं और जाना पसंद करेंगे। पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा को बताया था कि 2025 में 2.3 करोड़ पर्यटक जम्मू-कश्मीर आएंगे। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 18,884,317 पर्यटन और 2023 में 21,180,011 पर्यटन जम्मू-कश्मीर आए।

Pahalgam Attack का कश्मीर की छवि पर नकारात्मक प्रभाव

Pahalgam Attack: जम्मू -कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले ने घाटी में खौफ फैला दिया है। इससे कश्मीर में पर्यटन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला पाकिस्तान की हताशा का नतीजा है, जिनसे घाटी के सामान्य होते हालात देखे नहीं गए। भारत के अन्य राज्यों में जब तेज गर्मी पड़ती है तो लोग छुट्टी में कश्मीर जाना पसंद करते हैं। हाल के सालों में कश्मीर घूमने का चलन बढ़ा है और कर्नाटक से लेकर ओडिशा तक के पर्यटक इन वादियों को सैर के लिए चुनते हैं। लेकिन पहलगाम के बैसरन में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का इस क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, जो आतंकवादी हमलों के लंबे प्रभाव से धीरे-धीरे उबर रहा था।

पहलगाम क्यों बना निशाना

Pahalgam Attack: अधिकारियों और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि आतंकवादियों ने घाटी में हमले के लिए सही समय को चुना। इस वक्त कश्मीर में घास के मैदान और मुगल गार्डन वसंत का आनंद लेने के लिए हजारों पर्यटक कश्मीर की ओर आकर्षित होते हैं। कश्मीर जाने वाले हर पर्यटक की लिस्ट में दक्षिण कश्मीर का पहलगाम पहली पसंद जरूर रहता है। पहलगाम कई वजहों से महत्वपूर्ण है- यह अमरनाथ गुफा के दो मार्गों में से एक है। यहां हर साल लाखों तीर्थयात्री पहुंचते हैं। बैसरन में देवदार का समृद्ध जंगल है और यह लोकप्रिय ट्रैकिंग मार्ग भी है। देश की वर्तमान सरकार के कड़े प्रयासों के चलते कश्मीर बहुत जल्दी सामान्य हो रहा था, बहुत सारे पर्यटक कश्मीर जा रहे थे, सिर्फ अमरनाथ यात्रा के लिए ही नहीं, बल्कि अलग-अलग तरह के पर्यटक वहां जा रहे थे। देश-विदेश के पर्यटकों के वहां जाने से आम कश्मीरियों के आर्थिक विकास में मदद हो रही थी। पहलगाम हमले ने आम कश्मीरियों की ज़िंदगी मुश्किल में डाल दी है, जिनकी रोज़ी-रोटी Tourism से चलती है। उनका कहना है की टुरिज़म के इन्ही 4 महीनों की कमाई से हमारे घरों में साल भर चूल्हा जलता है। अब हमें भूखों मरने की नौबत आ जाएगी। आतंकियों ने हमले के लिए पहलगाम को क्यों चुना, इस सवाल के जवाब में कुछ लोगों ने कहा, “हमारा पड़ोसी देश हमेशा ऐसा ही काम करता है। इस बार उसका तरीका बदल गया। उसको लगा कि पर्यटकों का कश्मीर जाना बंद हो जाए तो उसका लक्ष्य पूरा हो जाएगा”

पर्यटकों पर निशाना, कश्मीर को नुकसान

 Pahalgam Attack: पहलगाम हमले को रक्षा विशेषज्ञ पाकिस्तान की हताशा के तौर पर देख रहे हैं। पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने हाल ही में एक बयान दिया कि कश्मीर इस्लामाबाद के गले की अहम नस है। इस बयान की कोई जरूरत नहीं थी। पाकिस्तान सेना प्रमुख के इस बयान को हम इस घटना से अलग नहीं देख पाएंगे, इसको जोड़ कर ही देखना होगा। कश्मीर की हालत अच्छी हो रही है, वहां शांति हो रही है, यह उनको (पाकिस्तान) बर्दाश्त नहीं हो रहा है। जानकारों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख का बयान आतंकवादियों को हमले के लिए उकसाने वाला था। इंडियन आर्मी के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल उत्पल भट्टाचार्य के अनुसार पहलगाम और सोनमार्ग, दोनों ही महत्वपूर्ण जगहें हैं, क्योंकि यहां से अमरनाथ यात्रा होती है। इसिलिए यहां अगर कुछ होता है तो उसकी प्रतिक्रिया बहुत ज्यादा होती है, इसलिए आतंकवादियों ने इस इलाके को चुना है।

सोनमर्ग और लद्दाख को जोड़ने वाली सुरंग शुरू

Pahalgam Attack: दरअसल, 3 जुलाई से 9 अगस्त तक अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है और यात्रा के लिए 14 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है। अमरनाथ यात्रा के लिए पहलगाम रूट अहम है। इस रूट से गुफा तक पहुंचने में तीन दिन लगते हैं और यह रास्ता आसान है क्यूंकि इसमें खड़ी चढ़ाई नहीं पड़ती है। आतंकियों द्वारा यह हमला यात्रियों को डराने की कोशिश हो सकती हैं। “इस हमले के बाद भारत को अपने खुफिया तंत्र को और भी मजबूत करना पड़ेगा, विभिन्न संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाना होगा और सुरक्षा को तगड़ा करना पड़ेगा” भट्टाचार्य का मानना है, “भारत, कश्मीर के बारे में बार-बार कहता है कि वहां आतंकवादियों से निपटना संभव हो पाया है, और आतंकवादी इसे गलत साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए, भले ही यह अलग-थलग मामला हो, फिर भी ऐसी कुछ चीजें घटित हो सकती हैं। इन क्षेत्रों में स्लीपर सेल अभी भी सक्रिय हैं। इसलिए सुरक्षा बलों को अधिक सतर्क रहना होगा” 35 साल में पहली बार आतंक के साए से मुक्त हुआ कश्मीर पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। भारत सरकार जम्मू-कश्मीर को पर्यटन के लिए अनुकूल स्थान के रूप में बढ़ावा देने में सक्रिय रही है। मई 2023 में श्रीनगर ने तीसरी ‘G 20’ पर्यटन कार्य समूह बैठक की मेजबानी की, जिसमें कम से कम 60 विदेशी प्रतिनिधियों ने भाग लिया, लेकिन इसके लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। भारत की तरफ से बीते कुछ सालों में कश्मीर में कार्यक्रमों के आयोजन को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति शुरू की गई है। साथ ही, जम्मू-कश्मीर में फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए एक फिल्म नीति विकसित की गई है। पिछले महीने विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 2024 में 2.3 करोड़ से ज्यादा पर्यटक जम्मू-कश्मीर घूमने आए। राज्य पर्यटन विभाग के मुताबिक अनुच्छेद 370 के हटने के बाद और उसके बाद की पाबंदी से पहले, यानी 2018 में 1.6 करोड़ से ज्यादा पर्यटक राज्य में आए थे। इनमें से 8.3 लाख पर्यटक कश्मीर आए थे। TRF क्या है, और ये क्या चाहता है, इस बारे में रणनीतिक मामलों के जानकार कहते हैं, “इस हमले की टाइमिंग को देखना जरूरी है। यह हमला पर्यटन सीजन के शुरूआत में हुआ है और इसका एक मकसद जरूर होगा कि पर्यटकों से आम कश्मीरियों की होने वाली आय को नुकसान पहुंचे  और कश्मीर का युवा फिर से बंदूक और हैंड ग्रेनेड थामने को मजबूर हो जाए। पाकिस्तान सेना के प्रमुख मुनीर के हालिया बयान को भी इस हमले से जोड़कर देखना पड़ेगा।
Pahalgam Terror Attack से भारत और पाकिस्तान के बीच एक नए संकट का बहुत गंभीर खतरा पैदा हो गया है, और 2019 में हुए छोटे सैन्य संघर्ष के बाद यह संकट का सबसे गंभीर खतरा है।

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