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May 15, 2025

टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल बने नीरज चोपड़ा

Territorial Army: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच नीरज चोपड़ा को बड़ा सम्मान मिला है। ओलिम्पिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा को Territorial Army में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि प्रदान की गई है। इस बात की जानकारी भारत सरकार के अधिकृत कानूनी दस्तावेज द गजट ऑफ इंडिया में दी गई है। लेफ्टिनेंट कर्नल पद पर नीरज की नियुक्ति 16 अप्रैल 2025 से लागू हो गई है। गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के दौरान केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया था। इसके मुताबिक भारतीय सेना प्रमुख को यह अधिकार दे दिया गया था कि वह जरूरत पड़ने पर Territorial Army को बिना किसी अतिरिक्त मंजूरी के तैनात कर सकते हैं।

सेना में थे सूबेदार मेजर

Territorial Army: 27 साल के मशहूर जेवलिन थ्रो खिलाड़ी नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत में खंडारा गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने 2020 के टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। इसके बाद साल 2024 के पेरिस ओलंपिक में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था। नीरज भारतीय सेना में सूबेदार मेजर थे। पता चला है कि वह इस साल सेवानिवृत्त होने वाले थे। अधिसूचना में कहा गया है कि प्रादेशिक सेना विनियम 1948 के पैरा-31 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति हरियाणा के पानीपत के गांव और डाकघर खंडरा के पीवीएसएम, पद्मश्री, वीएसएम पूर्व सूबेदार मेजर नीरज चोपड़ा को 16 अप्रैल 2025 से प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का मानद पद प्रदान करती हैं।

क्या नीरज चोपड़ा को Territorial Army में ट्रेनिंग लेनी होगी

Territorial Army: नीरज चोपड़ा को टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद (Honorary) उपाधि दी गई है। इसका मतलब है कि यह एक सम्मानजनक रैंक है, जो उनकी खेल उपलब्धियों के लिए दी गई है। आमतौर पर टेरिटोरियल आर्मी में ऑफिसर्स को ट्रेनिंग अनिवार्य होती है, लेकिन मानद रैंक वाले व्यक्तियों, खासकर मशहूर खिलाड़ियों या हस्तियों (जैसे नीरज चोपड़ा, एमएस धोनी) के लिए ट्रेनिंग जरूरी नहीं होती।
नीरज पहले से ही 2016 में भारतीय सेना में नायब सूबेदार के रूप में भर्ती हो चुके थे और आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट (ASI), पुणे में ट्रेनिंग ले चुके हैं। यह ट्रेनिंग खेल से संबंधित थी, न कि सैन्य। उनकी नई मानद रैंक के लिए अतिरिक्त सैन्य ट्रेनिंग की जरूरत नहीं होगी। उनकी भूमिका युवाओं को प्रेरित करना, सेना के प्रचार में योगदान देना, और समारोहों में हिस्सा लेना हो सकती है।

टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army) क्या होती है

Territorial Army (TA) भारतीय सेना का एक स्वैच्छिक, अंशकालिक (part-time) संगठन है, जो उन नागरिकों को सेना में सेवा करने का मौका देता है जो पहले से ही किसी नौकरी या व्यवसाय में हैं। इसे ‘नागरिकों की सेना’(Citizens’ Army) भी कहा जाता है। यह नियमित सेना (Regular Army) का सहायक हिस्सा है और युद्ध, प्राकृतिक आपदा, या राष्ट्रीय संकट के समय सेना की मदद करती है। Territorial Army का मोटो है ‘सावधानी और वीरता’ (Savdhani Va Veerta)। टेरिटोरियल आर्मी का उद्देश्य युद्ध, आंतरिक सुरक्षा या आपातकाल में नियमित सेना की मदद करना है।

Territorial Army के सामान्य ट्रेनिंग नियम

रिक्रूट ट्रेनिंग: पहले साल में 32-36 दिन की ट्रेनिंग, जिसमें वीकेंड्स और छुट्टियों पर 4 घंटे की ट्रेनिंग एक दिन मानी जाती है. इसमें कम से कम 4 दिन का कैंप शामिल होता है।
पोस्ट-कमिशन ट्रेनिंग: नए ऑफिसर्स को 10 हफ्ते की ट्रेनिंग इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA), देहरादून में करनी होती है. लेकिन मानद रैंक वालों को यह छूट दी जा सकती है।
वार्षिक ट्रेनिंग: कम से कम 36 दिन की ट्रेनिंग, जो 60 दिन तक बढ़ सकती है, जिसमें 14 दिन का कैंप शामिल होता है।
मानद रैंक के लिए छूट: नीरज जैसे खिलाड़ियों को ट्रेनिंग से छूट मिलती है, क्योंकि उनकी भूमिका प्रेरणादायक और प्रचारात्मक होती है, न कि सक्रिय सैन्य सेवा। उदाहरण के लिए, एमएस धोनी (लेफ्टिनेंट कर्नल, टेरिटोरियल आर्मी) और सचिन तेंदुलकर (ग्रुप कैप्टन, वायुसेना) को भी ऐसी छूट मिली थी। नीरज को सक्रिय सैन्य सेवा में शामिल होने की जरूरत नहीं होगी। उनकी भूमिका युवाओं को सेना और खेल के लिए प्रेरित करने और सेना के प्रचार में योगदान देने की होगी।

Territorial Army की सैलरी और सुविधाएं

Territorial Army में लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक पर नियमित ऑफिसर्स को सातवें वेतन आयोग के तहत अच्छी सैलरी और सुविधाएं मिलती हैं। लेकिन मानद रैंक वाले व्यक्तियों को आमतौर पर सैलरी नहीं दी जाती, क्योंकि वे सक्रिय सेवा में नहीं होते। फिर भी, अगर नीरज को कभी ट्रेनिंग या विशेष ड्यूटी के लिए बुलाया जाता है, तो उन्हें नियमित ऑफिसर जैसी सैलरी और सुविधाएं मिल सकती हैं। यह सिर्फ तब तक दी जा सकती है जब तक वे ऑन ड्यूटी रहेंगे। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।

मानद रैंक की सुविधाएं

Territorial Army: नीरज चोपड़ा को मानद रैंक के तौर पर सेना की वर्दी पहनने का अधिकार, समारोहों में शामिल होने की सुविधा, और सेना की कुछ सुविधाएं (जैसे CSD, मेडिकल) मिल सकती हैं। Territorial Army में पेंशन के लिए ऑफिसर्स को 20 साल की सक्रिय सेवा चाहिए। क्योंकि नीरज मानद रैंक पर हैं, उन्हें पेंशन नहीं मिलेगी।

धोनी भी टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा

Territorial Army: नीरज मौजूदा विश्व चैंपियन हैं जिन्होंने हंगरी के बुडापेस्ट में 2023 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी को 2011 में प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का मानद पद दिया गया था। गौरतलब है कि 9 अक्टूबर, 1949 को स्थापित प्रादेशिक सेना (टीए) ने पिछले वर्ष 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इसने दशकों की अपनी घटनापूर्ण यात्रा के दौरान युद्ध के समय तथा मानवीय और पर्यावरण संरक्षण कार्यों में राष्ट्र की सेवा की है। यह पूरी तरह से नियमित सेना के साथ जुड़ी हुई है है। राष्ट्र निर्माण के प्रयासों और युद्ध या संघर्ष के दौरान किए गए योगदान के सम्मान में, टेरिटोरियल आर्मी में कई व्यक्तियों को वीरता के साथ-साथ विशिष्ट सेवा पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

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