महाराष्ट्र के किसानों के लिए खुशखबरी है। ये खुशखबरी सिर्फ किसानों के लिए नहीं बल्कि हमारे पर्यावरण के लिए भी है। दरअसल एनटीपीसी अब बिजली बनाने के लिए कोयले के साथ बांस से बने बायोमास का उपयोग करेगी। इसके लिए एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन) महाराष्ट्र में किसानों से बांस खरीदेगी। यह कदम पर्यावरण संरक्षण और शाश्वत ऊर्जा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। हम आपको बता दें कि महाराष्ट्र के सोलापुर में एनटीपीसी का प्लांट है इस Solapur NTPC Plant प्रोजेक्ट को सालाना 40 लाख टन कोयले की जरुरत होती है। शुरुआती चरण में, 10 फीसदी बांस बायोमास मिलाने से 4 लाख टन बायोमास की जरूरत होगी। भविष्य में बांस की उपलब्धता बढ़ने पर इसे 20-30 फीसदी तक बढ़ाया जाएगा।
NTPC महाराष्ट्र के किसानों से खरीदेगी बांस, किसानों को मिलेगा सीधा फायदा
एनटीपीसी किसानों से बांस खरीदने के लिए 50 साल का दीर्घकालीन करार करेगा। इससे सोलापुर, लातूर और धाराशिव जिलों के किसानों को सीधा फायदा होगा। यह फैसला मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मार्गदर्शन में और मुख्यमंत्री पर्यावरण एवं शाश्वत विकास टास्क फोर्स (Chief Minister’s Environment and Sustainable Development Task Force) के कार्यकारी अध्यक्ष पाशा पटेल (Pasha Patel) की सिफारिश पर लिया गया। सोलापुर में आयोजित इस बैठक में एनटीपीसी के अध्यक्ष गुरदीप सिंह, एमआईटीआरए (महाराष्ट्र इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन) के सीईओ प्रवीण सिंह परदेशी, पाशा पटेल और एनटीपीसी सोलापुर परियोजना प्रमुख तपन कुमार बंडोपाध्याय शामिल हुए।
बांस की खेती को महाराष्ट्र सरकार कर रही है प्रोत्साहित (NTPC News)
महाराष्ट्र इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन (Maharashtra Institution for Transformation – MITRA) के सीईओ प्रवीण सिंह परदेशी ने किसानों को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि एमआईटीआरए बांस बायोमास की प्रोसेसिंग के लिए मशीनरी उपलब्ध कराने और किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार है। पाशा पटेल ने मनरेगा और एशियन डेवलपमेंट बैंक की योजनाओं का लाभ उठाने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत प्रति हेक्टेयर ₹7.04 लाख का अनुदान मिलता है, जिससे किसान बांस की खेती कर सकते हैं। किसानों और उनकी उत्पादक कंपनियों ने इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पहले बांस की बिक्री को लेकर अनिश्चितता थी, लेकिन एनटीपीसी के 50 साल के करार से यह समस्या खत्म हो जाएगी।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस फैसले से होगा किसान और पर्यावरण को फायदा
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Maharashtra CM Devendra Fadnavis) ने हरित महाराष्ट्र के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इस प्रोजेक्ट को बढ़ावा दिया है। उनके नेतृत्व और एमआईटीआरए के सहयोग से महाराष्ट्र में शाश्वत ऊर्जा का नया अध्याय शुरू हो रहा है। हम आपको बता दें कि सीएम एनवायरनमेंट एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट टास्क फोर्स पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने और राज्य में शाश्वत विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। इसके कार्यकारी अध्यक्ष पाशा पटेल के नेतृत्व में यह संस्था नीतियां बनाने और शाश्वत परियोजनाओं के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभा रही है। एनटीपीसी की यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह किसानों की आय बढ़ाने और महाराष्ट्र को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगी।