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June 4, 2025

पूर्वोत्तर भारत में बाढ़: 34 लोगों की मौत, 19,000 से अधिक लोग स्थानांतरित

ऑपरेशन जल राहत 2: पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश के कारण आई भीषण बाढ़ से अब तक 34 लोगों की जान चली गई है, जबकि 19,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। असम, मणिपुर, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई इलाकों में सड़कें टूट गई हैं और कई गांव जलमग्न हो गए हैं।

सेना ने संभाला मोर्चा, बाढ़ से राहत और बचाव कार्य जारी

ऑपरेशन जल राहत 2: पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ा है। इस बीच, भारतीय सेना समेत NDRF की टीमें लगातार बाढ़ प्रभावित लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचा रही हैं। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर वीडियो शेयर कर भारतीय सेना और NDRF की तरफ से चलाए जा रहे मिशन की जानकारी दी। उन्होंने X पर वीडियो शेयर कर लिखा, ‘भारतीय वायु सेना, केंद्रीय सशस्त्र बल, एनडीआरएफ और राज्य सरकार के बलों द्वारा पूर्वोत्तर भारत में एक महत्वपूर्ण मानवीय सहायता और आपदा राहत मिशन शुरू किया जा रहा है।’

आपदा राहत मिशन-ऑपरेशन जलराहत 2

ऑपरेशन जल राहत 2- किरेन रिजिजू ने लोगों से सावधान रहने की अपील करते हुए बताया कि अरुणाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा मानसून की बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। कृपया सावधान और सुरक्षित रहें। सरकार आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। ‘ऑपरेशन जलराहत-2’ के दूसरे दिन रविवार को भी भारतीय सेना और असम राइफल्स ने मणिपुर में व्यापक बाढ़ बचाव अभियान जारी रखा। पिछले दो दिनों में बच्चों और बुजुर्गों सहित 1,300 से अधिक नागरिकों को बचाया गया। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

ऑपरेशन जलराहत-2,पूर्वोत्तर में बाढ़ से बचाव में लगी सरकार

ऑपरेशन जल राहत 2- रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल अमित शुक्ला ने कहा कि शनिवार को 800 लोगों को बचाया गया और रविवार को राजधानी इंफाल सहित सबसे अधिक प्रभावित इंफाल पूर्व और इम्फाल पश्चिम जिलों से 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों और राहत शिविरों में ले जाया गया। रविवार को सेना और असम राइफल्स के जवानों ने वांगखेई, हेइंगंग, लामलोंग, खुरई, JNIMS और अहलप जैसे गंभीर रूप से जलमग्न बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से लोगों को बचाया है। राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं, और एनडीआरएफ तथा स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों की मदद कर रहे हैं। प्रशासन लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रहा है और आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है।
मणिपुर में हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण आई भीषण बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस संकट की घड़ी में भारतीय सेना, असम राइफल्स और मणिपुर फायर सर्विस ने मिलकर बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य शुरू किए हैं।

सेना, इंजीनियर, डॉक्टर, सभी रेस्क्यू मिशन में तैनात

1,500 से अधिक लोगों का रेस्क्यू: इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों में सेना और असम राइफल्स की आठ कॉलम और चार रिजर्व यूनिट्स ने मिलकर अब तक 1,500 से अधिक लोगों को बाढ़ से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन की रणनीति: इंजीनियर टास्क फोर्स के कमांडर कर्नल गुणव्रत भिवगड़े ने बताया कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पहले से ही तैयारी की गई थी। सेना और असम राइफल्स ने नागरिक प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर तेजी से प्रतिक्रिया दी।
प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य: इंफाल नदी के चार स्थानों पर तटबंध टूटने से इंफाल पूर्वी जिले में व्यापक बाढ़ आ गई है। सेना के इंजीनियरों ने अरापटी लामखाई (थौबल जिला) में इरिल नदी की टूटी हुई दीवार की मरम्मत की, जिससे आगे की बाढ़ को रोका जा सके।
JNIMS अस्पताल से मरीजों की निकासी: जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (JNIMS) से मरीजों और मेडिकल स्टाफ को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। रेस्क्यू टीमों ने अस्पताल से रक्त की यूनिट्स को भी क्षेत्रीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान (RIMS) में स्थानांतरित किया।
अन्य सहायता कार्य: सेना और अन्य एजेंसियों ने प्रभावित परिवारों को पीने का पानी और आवश्यक आपूर्ति वितरित की है। रेस्क्यू ऑपरेशन में बोट्स और अन्य उपकरणों का उपयोग किया गया है।

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