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कोरोना के जंग में जमात का आघात

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जहां एक तरफ पूरा देश लॉक डाउन है, जहां देश ऐसे दुश्मन से जंग लड़ रहा है जिसे खुली आखों से हम देख भी नहीं सकते ऐसी परिस्थिति में दिल्ली में जमात ने आघात किया है, इन कड़े शब्दों का इस्तेमाल जरुरी है, जब देश कोरोना को रोकने के लिए कड़े फैसले कर रही है ऐसे में धार्मिक आयोजनों की क्या जरूरत है। निजामुद्दीन के मरकज से दिल्ली में कोरोना का और भी ख़तरा बढ़ गया है, यहां से जो आंकड़े सामने आ रहें है वो भयावह है। दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके की एक धार्मिक संस्था में बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी के बाद बवाल मचा हुआ है।

जमात में तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले गए तो हुआ कोरोना का खुलासा

दरअसल इस जमात में तमिलनाडु के 64 साल के बुजुर्ग को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाना पड़ा था, जहां रविवार को उनकी मौत हो गई।  मौत की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए मरकज में जांच की। यहां एक-एक कमरे में 8-10 लोग ठहरे थे। इनमें से कई को हल्की खांसी और जुकाम की शिकायत भी थी। तब जाकर इसका खुलासा हुआ।

जमात में 24 लोग कोरोना पॉजिटिव

दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में इस्लामिक धार्मिक आयोजन यानि मरकज के लिए 1500 से ज्यादा लोग एक जगह पर ठहरे हुए थे। मीडिया में खबर आने के बाद पिछले तीन दिनों से इन्हें यहां से निकाला जा रहा है। 1548 लोगों को डीटीसी बसों के जरिए अलग-अलग हॉस्पिटल्स ले जाया गया। इनकी जांच की जा रही है। रविवार के दिन 200 लोगों को यहां से हॉस्पिटल ले जाया गया था, इनमें से 24 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। बाकी लोगों की रिपोर्ट का इंतजार है।

मरकज से गए कई लोगों की हुई मौत

दिल्ली के मरकज में गए उनके तेलंगाना के 6 लोगों की मौत हो गई है। कश्मीर के सोपोर से यहां पहुंचे एक अन्य 65 साल बुजुर्ग ने भी पिछले हफ्ते श्रीनगर में कार्डियक अरेस्ट के बाद दम तोड़ दिया था। देश के अलग-अलग राज्यों ने तब्लीगी जमात में गए लोगों को चिह्नित करना शुरू कर दिया है। पिछले दिनों यहां से करीब 800 लोग बाहर जा चुके हैं। पुलिस इन्हें ढूंढ़ रही है। इनका कांटेक्ट ट्रेसिंग किया जा रहा है।

441 लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हैं

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 1548 लोगों को मरकज से निकाला जा चुका है, 441 लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हैं, सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, 1107 लोगों को ‘क्वॉरन्टीन’ किया गया है, सीएम केजरीवाल ने कहा कि इतने लोगों को एक जगह इकट्ठा नहीं किया जाना था, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा सब बंद है। इस मामले में अधिकारियों की गलती होगी तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी, सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के उपराज्यपाल को एफआईआर करने के लिए पत्र भी लिखा है।

आयोजकों का कहना कि जमात की जानकारी सरकार को दी गयी थी

देश में लॉकडाउन के ऐलान के बाद इस तरह लोगों का इकट्ठा होना अपराध है। लेकिन, मरकज आयोजित करने वाले मस्जिद प्रशासन का कहना है कि उन्होंने किसी तरह के नियमों का उल्लंघन नहीं किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने जब जनता कर्फ्यू की घोषणा की थी, उसी दिन से मरकज को बंद कर दिया गया, लेकिन ट्रेनें न चलने के कारण मरकज में आए लोग यहीं फंसे रह गए। जनता कर्फ्यू के एक दिन पहले ही रेलवे ने देशभर की कई ट्रेनों को रद्द कर दिया था। ऐसे में मरकज में आए लोगों कहीं नहीं जा पाए। बहरहाल गलती तो हुई है, और डर इस बात का भी है कि कहीं ये दिल्ली का एपिसेंटर न बन जाए।