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जागो ग्राहक जागो, अपने अधिकारों को पहचानो

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हम में से हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में उपभोक्ता है, ग्राहक है। हम हर दिन कुछ न कुछ खरीदते है, कंज्यूम करते है। आज उपभोक्ता जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावट, अधिक दाम, कम नाप-तौल जैसी समस्याओं से घिरा है। उपभोक्ता क्योंकि संगठित नहीं हैं इसलिए हर जगह ठगा जाता है। इसलिए उपभोक्ता को जागना होगा और खुद को इन संकटों से बचाना होगा। जब हमें हमारे अधिकारों की जानकारी होती है तब हम अपने अधिकारों के लिए लड़ सकते है। उपभोक्ताओं को उनके अधिकार से जागरूक करने के लिए आज राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (National Consumer Day 2021) मनाया जा रहा है। शब्द ‘उपभोक्ता’ का हम अक्सर इस्तेमाल करते हैं, लेकिन हमें ये नहीं पता होता है कि ‘उपभोक्ता कौन है’ और ‘उसके अधिकार या कर्तव्य’ क्या है।

आपको बता दें कि एक उपभोक्ता उस शख्स या संस्था को कहा जाता है जो खरीदारी करता है या सामान, उत्पाद और सेवाओं को घरेलू या सामाजिक इस्तेमाल के लिए खरीदना चाहता है। किसी भी दुकानदार या व्यापारी को यह हक नहीं कि वह आपका शोषण करें। घटिया क्वालिटी का या फिर खराब सामान दे। अगर, कोई ऐसा करता है तो वह दंड का पात्र है, लेकिन इसके लिए पहले आपको जागरूक होना पड़ेगा। जागो ग्राहक जागो। अपने अधिकारों को पहचानो। ‘जागो ग्राहक जागो’ अभियान का मतलब है ‘जागो उपभोक्ता, सावधान हो’।

जागरूक ग्राहक बनना चाहते हैं तो जानिए अपने ये खास कंज्यूमर राइट्स

एक जागरूक ग्राहक होने के नाते आपको भारत के ये खास कंज्यूमर राइट्स के बारे में जरूर जानना चाहिए। कंज्यूमर होने के नाते हमें कई अधिकार दिए गए हैं। लेकिन हममें से बहुत कम लोग ही इन अधिकारों के बारे में पूरी तरह से जानते होंगे। ये सभी अधिकार आपको कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत दिए जाते हैं। बता दें कि अपने अधिकारों के बारे में कम जानकारी होने के कारण लोग छोटी-छोटी खरीदारी में अपना नुकसान कर बैठते हैं। कई बार दुकानदार कम जागरूक ग्राहक को देखकर उसका फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। इस कारण आपको अपने कुछ बेसिक कंज्यूमर अधिकारों के बारे में जरूर पता होना चाहिए, ताकि आप एक जागरूक खरीदार बन सकें।

राइट टू सेफ्टी

राइट टू सेफ्टी आपको सुरक्षा का अधिकार देता है। बता दें कि कोई भी दुकानदार अपने ग्राहक को खराब वस्तु नहीं दे सकता है, जिससे भविष्य या वर्तमान में ग्राहक को उस सामान से कोई भी नुकसान हो। इस अधिकार के जरिए किसी भी दुकानदार को सामान देते वक्त इस बात का खासा ध्यान रखना चाहिए कि सामान की गुणवत्ता खराब ना हो। अगर कोई सामान खराब दिया जाता है, तो ग्राहक होने के नाते आप उसे बदलवा सकते हैं।

राइट टू इन्फॉर्मेशन

राइट टू इन्फॉर्म के तहत हर कंज्यूमर को किसी भी प्रोडक्ट की क्वालिटी या क्वांटिटी के विषय में जानने का पूरा अधिकार है। ग्राहक होने के नाते आपके पास पूरा अधिकार है कि आप प्रोडक्ट या सर्विस की शुद्धता,मूल्य और क्वालिटी स्टैंडर्ड से जुड़ा कोई भी सवाल दुकानदार से पूछ सकते हैं।

राइट टू चूज

राइट टू चूज आपको यह अधिकार देता है कि आप अपनी पसंद के किसी भी प्रोडक्ट का चुनाव करें। कोई भी दुकानदार आपको किसी भी सामान या सर्विस को चुनने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। ग्राहक सभी प्रकार की चीजों को देखकर अपनी पसंद के हिसाब से कोई भी सामान खरीद सकता है। ऐसा करने से ग्राहक को एक बेहतर कॉम्पिटेटिव मार्केट मिलता है, जिस कारण दुकानदार अपने ग्राहकों के लिए बेहतर प्रोडक्ट बनाने का प्रयास करते हैं।

राइट टू हर्ड

हर्ड का मतलब होता है सुनना या सुने जाना, ग्राहक होने के नाते आपको यह अधिकार है कि यदि आपके साथ कोई अन्याय हो तो उसे सुना जाए। बता दें कि कोई भी दुकानदार अपने ग्राहक के साथ बुरा व्यवहार नहीं कर सकता है, वहीं अगर ग्राहक के साथ कोई बेईमानी हो जाए, तो वह कंज्यूमर कोर्ट जाकर अपनी बात रख सकता है।

ग्राहक के लिए राइट टू रिड्रेसल

अगर दुकानदार ग्राहक को कोई खराब सामान देता है, तो उसे ग्राहक को रिलीफ अमाउंट या दूसरा सही प्रोडक्ट देना चाहिए। ऐसे में अगर किसी दुकानदार ने आपको खराब प्रोडक्ट दिया है तो आप उसे या तो बदलवा सकते हैं या उसकी जगह दुकानदार से रिलीफ अमाउंट की मांग कर सकते हैं।

राइट टू कंज्यूमर राइट्स एजुकेशन

ग्राहक होने के नाते आपको यह अधिकार है कि आप अपने अधिकारों के प्रति पूरी तरह से जागरूकता और जानकारी रखें। आपको अपने साथ होने वाले फ्रॉड या अन्याय के प्रति जानकारी हो, इसलिए भारत सरकार को समय-समय पर ग्राहक जागरूकता अभियान चलाना चाहिए, जिसमें आपको आपके अधिकारों के बारे में बताया जाए। जैसे कि आपने अक्सर टीवी पर प्रचार देखा होगा ‘जागो ग्राहक जागो’ जिसमें आपके सभी बेसिक कंज्यूमर राइट्स के बारे में बताया गया है।

अब कंज्यूमर कोर्ट जाना जरूरी नहीं, घर बैठे होगा समाधान

ये तो रहा आपके अधिकार, बावजूद अगर ग्राहकों के अधिकारों का हनन हो रहा हो तो ऐसे में क्या करें। अगर आप ऑनलाइन या ऑफलाइन शॉपिंग में ठगी का शिकार हुए हैं या किसी दुकानदार ने आपके साथ फ्रॉड किया है तो अब आपको कंस्यूमर अदालतों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब आप घर बैठे E-Daakhil Portal पर शिकायत भेज सकते हैं। उपभोक्ता अब अपनी शिकायतें इस पर कर सकते हैं। सरकार की इस ई-दाखिल सर्विस की मदद से लोगों को त्वरित न्याय मिल रहा है। उपभोक्ता शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज कराने के लिए सरकार ने एक पोर्टल बनाया है। इस पर कई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

ठगी के शिकार ग्राहक ऐसे दर्ज करा सकते हैं शिकायत

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपभोक्ताओं की शिकायतों को ऑनलाइन माध्यम से दर्ज कराने के लिए एनआईसी द्वारा एक पोर्टल https://edaakhil.nic.in/edaakhil/ विकसित किया गया है। यहां उपभोक्ता अपना नाम, नंबर और अन्य डिटेल्स डालकर अकाउंट बना सकते हैं और फिर अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। दर्ज शिकायत को उपभोक्ता ट्रैक भी कर सकते हैं कि उस पर क्या कार्रवाई हुई है। उपभोक्ता आयोगों में ई-फाइलिंग और शिकायत दर्ज करने के लिए ऑनलाइन भुगतान का प्रावधान किया गया है। डिजिटल माध्यम से उपलब्ध इस मंच पर कई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिसमें ई-नोटिस भी शामिल हैं।