उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित एनसीएल (Northern Coalfields Limited) ने जन्मजात दिल की बीमारी से पीड़ित बच्चों को नया जीवन देने के उद्देश्य से एक सराहनीय पहल की शुरुआत की है। इस सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) पहल को “नन्हा-सा दिल-एनसीएल” नाम दिया गया है। इस अभियान के पहले चरण में वैढ़न तहसील के ग्रामीण इलाकों में 38 स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया, जिनमें अब तक 2,658 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से 87 बच्चों को ईको जांच के लिए चिन्हित किया गया है। अगर इनमें से किसी को गंभीर दिल की बीमारी की पुष्टि होती है, तो उन्हें श्री सत्य साईं हेल्थ एंड एजुकेशन ट्रस्ट के अस्पतालों में निशुल्क सर्जरी के लिए भेजा जाएगा।
नन्हा-सा दिल: एनसीएल के सीएसआर पहल से मिलेगा मुफ्त इलाज
नन्हा-सा दिल: एनसीएल के सीएसआर पहल की औपचारिक शुरुआत 22 मार्च, 2025 को की गई थी। इस अभियान का उद्देश्य है सिंगरौली क्षेत्र में रहने वाले उन बच्चों की पहचान करना जो कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज (CHD – Congenital Heart Disease) यानी जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित हैं। योजना के अंतर्गत एनसीएल कुल 345 स्क्रीनिंग शिविरों का आयोजन करेगा, जिनमें 17,000 से अधिक बच्चों की हृदय जांच की जाएगी।
लाखों बच्चों को होता है यह रोग, इलाज है महंगा, नन्हा-सा दिल पहल बनेगी जीवदानी
भारत में हर साल लगभग 3 लाख बच्चे सीएचडी के साथ जन्म लेते हैं। लेकिन महंगे इलाज के कारण केवल 5% बच्चे ही सर्जरी करवा पाते हैं। एनसीएल की इस पहल से सिंगरौली के ऐसे बच्चों को निःशुल्क इलाज और नया जीवन मिल सकेगा। यह पहल न केवल एक सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां देश के भविष्य यानी बच्चों की सेहत और जीवन को बेहतर बनाने में सकारात्मक भूमिका निभा सकती हैं।
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