ये तो हद है, बेशर्मी की इंतेहां है, निर्लज्जता है, ये तो अपराध है, कैसे कोई इस कारनामें को कर सकता है, इस तरह की घोर लापरवाही, चंद पैसों के लिए सेहत से खिलवाड़, गुस्सा आती है, गैरजिम्मेदाराना हरकत वो भी हमारें बच्चों के साथ, बिल्कुल बर्दाश्त नही किया जाना चाहिए, अब तक यही सुनते आए कि दूध में पानी की मिलावट है लेकिन ये क्या यहां दूध में पानी नही मिलाया जा रहा है बल्कि एक बाल्टी पानी में महज एक लीटर दूध मिलाया जा रहा है। वो भी उन नन्हें मुन्ने बच्चों के लिए जो इस आस में जाते है कि स्कूल जाएंगे, पढ़ेंगे, लिखेंगे, खेलेंगे, खाएंगे और पियेंगे, लेकिन ये क्या हो रहा है यूपी में, दूध के नाम पर आपको पानी ही पिलाया जा रहा है।
बच्चों को भरपूर पोषण मिले इसलिए सरकार मिडडे मील स्कीम की शुरवात की लेकिन हमारे बच्चों को कभी सुखी रोटी के साथ यूपी में नमक परोसा जा रहा है तो कभी मिडडे मील के खाने में कीड़े मकोड़े मिलते है, हद तब हो गई जब एक बाल्टी पानी मे दूध मिलाकर बच्चों को पिलाया गया। दूध में पानी की मिलावट होना आम बात है, लेकिन पानी में दूध मिलाना और फिर बच्चों को पिलाना। चौकाने वाला यह सच यूपी के सोनभद्र से सामने आया है। यहां चोपन ब्लाक स्थित सलईबनवा प्राथमिक स्कूल में एक लीटर दूध में एक बाल्टी पानी मिलाकर उसे 80 बच्चों को बांटा गया। मामला बुधवार 27 नवंबर का है, पानी में दूध मिलाकर बाकायदे गर्म किया गया और मिड-डे मील के साथ परोस दिया गया, बुधवार के मिडडे मील मेन्यू के मुताबिक़, बच्चों को तहरी और दूध दिया जाना था, हर बच्चे के लिए दूध की मात्रा 150-200 मिली लीटर निर्धारित की गयी है।
इस पूरे घटना का वीडियो भी वायरल हो गया, वीडियो में रसोईया पानी में दूध मिलाते हुए दिख रही है, जब अधिकारियों को इसकी सूचना मिली, तो अधिकारियों ने स्कूल में तैनात शिक्षामित्र को इसके लिए दोषी माना और उसे निलंबित कर दिया। वीडियो वायरल हुआ और सुर्खियां बन गयी फिर क्या आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हुआ, राजनीती भी खूब हो रही है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मसले पर राज्य सरकार को घेरा, अखिलेश ने ट्वीट किया, ‘दिखावटी भाजपा सरकार,मिलावटी पोषण-आहार!’
इसके पहले भी मिर्जापुर के प्राइमरी स्कूल में बच्चों को मिड-डे मील में रोटी और नमक परोसने का मामला सामने आया था, मामला खुलते ही मिर्जापुर प्रशासन ने रिपोर्टिंग करने वाले स्थानीय पत्रकार और ग्राम प्रधान के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर दिया, यूपी में मिडडे मील की लगभग इसी तरह की तस्वीर अक्सर आती रहती है, ऐसे में सीएम योगी पर सीधे सवाल उठना लाज़मी है। 26 नवंबर को ही केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में जवाब दिया था कि मिड-डे मील में घोटाले की सबसे अधिक शिकायतें यूपी से आई हैं, यानि यूपी में चंद रुपयों के लिए हम अपने बच्चों को पोषक आहार नहीं दे पा रहे है वो भी तब जब आज लगभग देश का हर तीसरा बच्चा कुपोषित है, देश में 5 साल से कम उम्र के कुपोषित बच्चे 35 प्रतिशत हैं, इनमें बिहार और उत्तर प्रदेश सबसे आगे हैं।