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April 15, 2025

IVF में AI की एंट्री! Mexico में पैदा हुआ दुनिया का पहला AI बेबी 

 AI In IVF-सोचिए, अगर कोई रोबोट या मशीन किसी को माता-पिता बनाने में मदद करे तो? सुनने में भले ही यह किसी साइंस फिक्शन मूवी की कहानी लगे, लेकिन अब यह हकीकत बन चुकी है। दुनिया का पहला ऐसा बच्चा जन्म ले चुका है, जिसकी IVF प्रक्रिया में इंसानों की जगह AI और रोबोटिक्स ने अहम भूमिका निभाई और 40 साल की महिला ने एक हेल्दी बच्चे को जन्म दिया है। इस तकनीक में AI ने वो काम किया जो अब तक केवल अनुभवी डॉक्टर और Embryologists करते थे।

Artificial Intelligence in In-Vitro Fertilisation (IVF)

World First Baby Born Using AI- आज के समय में AI हर काम को आसान बनाता जा रहा है। यही वजह है कि AI का इस्तेमाल हर एक क्षेत्र में होने लगा है। AI ने कई मामलों में जिंदगी को तेज, आसान और स्मार्ट बना दिया है। AI की एंट्री अब IVF यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (AI In IVF) में भी हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स (First Baby Born By IVF) के मुताबिक AI की मदद से IVF सिस्टम का इस्तेमाल करके दुनिया का पहला बच्चा पैदा हुआ है, जिसने अब इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट की दिशा ही बदल दी है। हर महिला के लिए मां बनने का अहसास बेहद खास होता है। कहते हैं कि एक बच्चे के साथ मां का भी नया जन्म होता है लेकिन किसी वजह से अगर कोई औरत मां नहीं बन पाती, तो यह किसी कमी की ओर संकेत करता है। यदि शादी के कुछ साल बाद तक तमाम कोशिशों के बाद भी कपल्स को गर्भधारण करने में दिक्कत आती है, तो उन्‍हें IVF की सलाह दी जाती है। आमतौर पर IVF में कई भ्रूण बनाए जाते हैं, ऐसी स्थिति में कई बार यह चुनना बहुत मुश्किल होता है कि कौन सा भ्रूण सबसे स्वस्थ और सफल गर्भधारण के लिए सही है। इस केस में AI के एल्गोरिद्म ने माइक्रोस्कोपिक इमेजेस का विश्लेषण करके सबसे सही भ्रूण चुना, जो कि किसी भी डॉक्टर के लिए आंख से देख पाना मुश्किल टास्क से कम नहीं है।

IVF में AI की मदद

 AI+IVF सिस्टम इंट्रासाइटोप्लाजमिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI) की पारंपरिक मैनुअल प्रक्रिया की जगह लेती है, जो कि IVF में इस्तेमाल की जाने वाली एक आम विधि है। इस प्रक्रिया में एक स्पर्म को सीधे अंडे में इंजेक्ट किया जाता है। ICSI या इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन, एक बांझपन उपचार है जिसमें प्रयोगशाला में शुक्राणु को अंडे में इंजेक्ट करके फर्टिलाइजेशन किया जाता है। यह आमतौर पर पुरुष बांझपन के मामलों में किया जाता है, जब शुक्राणु की संख्या कम हो, गतिशीलता कम हो, या शुक्राणु की गुणवत्ता खराब हो। हालांकि नया प्रोसेस अब AI या रिमोट डिजिटल कंट्रोल के माध्यम से (ICSI) प्रक्रिया के सभी 23 स्टेप्स को बिना किसी ह्यूमन हैंड के पूरा कर सकता है। जानकारी के मुताबिक Mexico के एक फर्टिलिटी क्लिनिक में AI टेक्नोलॉजी की मदद से सर्वश्रेष्ठ भ्रूण का चुनाव किया गया और इसी AI के द्वारा चुने हुए भ्रूण को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया गया, जिसकी मदद से सफल गर्भधारण हुआ और एक स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ।

AI की मदद से सस्ती और आसान हो सकती है IVF प्रक्रिया

बताया जा रहा है कि इस AI तकनीक ने भ्रूण की ग्रोथ, सेल्स के विभाजन की गति और अन्य बायोलॉजिकल संकेतों को स्कोर किया और इससे IVF की सफलता दर पहले से कहीं बेहतर पाई गई। ऐसे में AI ने इस काम को और भी आसान बना दिया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक IVF अक्सर महंगा और थकाने वाला प्रोसेस होता है। ऐसे में इस प्रक्रिया में AI की मदद से प्रोसेस को तेज और सटीक बनाकर समय और पैसा दोनों बचया जा सकता है। इसके अनुसार, IVF की सफलता दर पहले से कहीं बेहतर हो जाएगी। हालांकि यह तकनीक कितनी सफल होगी, ये तो एक- दो ऐसे ही मामले सामने आने के बाद स्पष्ट हो सकेगा।
 जैसे हर नई टेक्नोलॉजी के साथ होता है, वैसे ही AI पर भी नैतिक और कानून से जुड़ी कुछ चिंताएं उठ रही हैं। लोगों के मन में कई सवाल हो सकते हैं। जैसे कि Embryo का चुनाव, पूरी तरह मशीन के हवाले करना सही है? क्या बिना इंसानी एक्सपर्ट के बिना इतना बड़ा काम किया जाना सुरक्षित है? अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। अभी सख्त गाइडलाइंस के साथ बड़े पैमाने पर क्लीनिकल ट्रायल्स की जरूरत है ताकि इस तकनीक को पूरी तरह अपनाया जा सके।

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