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April 15, 2025

Mehul Choksi Arrested: मेहुल चोकसी बेल्जियम में हुआ गिरफ्तार 

 Mehul Choksi Arrested: मेहुल चोकसी के खिलाफ वित्तीय घोटाले के आरोप हैं और 12 अप्रैल को उसे बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है। भारत सरकार और यहां की जांच एजेंसियां लगातार उसके प्रत्यर्पण के लिए प्रयास कर रही हैं।
Mehul Choksi Arrested: भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को दो दिन पहले 12 अप्रैल को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक PNB के 13 हजार करोड़ रुपये का गबन करके भागने के संगीन आरोप हैं। चोकसी वित्तीय घोटाला करके भारत से भाग गया था। चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार ने अनुरोध किया था, जिसके चलते बेल्जियम में भगोड़े चोकसी पर एक्शन लिया गया है। भारतीय अधिकारियों ने बेल्जियम के शीर्ष अधिकारियों से बात की और मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने को कहा। इसके बाद वहां के प्रशासन ने चोकसी को हिरासत में लिया और फिर गिरफ्तार कर लिया है।

Mehul Choksi ने दो साल पहले दिया था भारत को झटका

करीब दो साल पहले मेहुल चोकसी कैरेबियाई देश Antigua aur Barbuda में था। वहां भी भारत ने उसे वापस लाने के प्रयास किए थे। हालांकि भारत को सफलता नहीं मिल सकी थी क्योंकि Antigua और Barbuda की हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मेहुल चोकसी को एंटीगुआ और बारबुडा से प्रत्यर्पित किए जाने से इनकार कर दिया था, जो कि भारत के लिए झटका था। मेहुल चोकसी पर आरोपों की बात करें तो उस पर अपने भतीजे Neerav Modi के साथ मिलकर Punjab National Bank PNB के 13,500 करोड़ रुपये केघोटाले का आरोप है। हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी की Diamond Jewellery Outlet ‘Geetanjali’ के देश भर में करीब 4000 स्टोर थे, जिसे चोकसी ने 1996 में स्थापित किया था। चोकसी को दिसंबर 2017 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता मिली थी। PNB से धोखाधड़ी का ये मामला जनवरी 2018 में सामने आया था और PNB ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके चाचा मेहुल चोकसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। बैंक ने आरोप लगाया था कि इन्होंने 2.81 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। मामला सामने आने के बाद जनवरी 2018 में चोकसी देश छोड़कर एंटीगुआ और बारबुडा भाग गया था।

जब जारी हुआ Red Corner नोटिस

Mehul Choksi Arrested: चोकसी के भागने के बाद CBI ने फरवरी 2018 जांच शुरू की थी। इसके तहत पहले PNB के ही दो कर्मचारियों की भी गिरफ्तारी हुई है। नीरव मोदी और चोकसी के चार हफ्ते के लिए पासपोर्ट जब्त कर करते हुए Mumbai कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती आदेश जारी किया था। 2018 दिसंबर में चोकसी के खिलाफ इंटरपोल ने Red Corner नोटिस जारी किया था। मार्च 2019 में एंटीगुआ और बारबुडा में चोकसी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की गई थी। ED ने जुलाई 2019 में चोकसी की करीब 24.77 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली। इसी साल CBI को कोर्ट ने चोकसी के खिलाफ गैर जमानती वारंट रद्द करने से मना कर दिया था। इस केस में SEBI ने Geetanjali Gems पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। ये जुर्माना लिस्टिंग नियमों का उल्लंघन करने के लिए लगाया गया था। एंटीगुआ और बारबुडा में 23 मई 2021 को चोकसी की गुमशुदगी की शिकायत हुई थी।

डोमिनिका में हुई गिरफ्तारी, नहीं हुआ प्रत्यर्पण

Mehul Choksi को डोमिनिका में अवैध रूप से प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस पर चोकसी के वकील ने तर्क दिया कि वो अब भारत का नागरिक नहीं है, इसलिए उसे भारत में प्रत्यर्पित Extradition नहीं किया जा सकता। इस मामले में एंटीगुआ की सरकार ने उसे भारत से सीधे प्रत्यर्पित किए जाने की बात कही थी। इसके बाद 27 मई, 2021 को डोमिनिकन सरकार ने कहा कि चोकसी अगले आदेश तक बाहर नहीं जा सकता है। जब जमानत मिली थी तो वो वापस एंटीगुआ चला गया था। फरवरी, 2022 में भारत की सरकार ने Supreme Court में जानकारी दी थी कि मोदी, चोकसी और माल्या से 18 हजार करोड़ रुपये वसूले गए है। इस पूरे मामले में 2023 में एंटीगुआ हाई कोर्ट ने मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार को झटका दिया था, जिसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।

लंदन ही क्यों जाते हैं भगोड़े

नीरव मोदी, विजय माल्या ही नहीं, 31 बिजनेसमैन अब तक देश में बड़े आर्थिक घोटाले करके फरार हो चुके हैं। सरकार का कहना है कि विभिन्न जांच एजेंसियां जैसे CBI, ED इनसे जुड़े 15 मामलों की जांच कर रही हैं। देश छोड़कर भाग चुके बिजनेसमैन भारतीय बैंकों और सरकारी संस्थाओं को करीब 40,000 करोड़ का चूना लगा चुके हैं। विजय माल्या जहां 17 विभिन्न बैंकों से 9000 करोड़ रुपए के गबन के आरोपी हैं, वहीं नीरव मोदी, एमी मोदी, नीशल मोदी और मेहुल चौकसी करीब 13600 करोड़ रुपए के PNB घोटाले के आरोपी हैं। लेकिन इन दोनों बिजनेसमैन के अलावा कई अन्य बिजनेसमैन भी हैं, जो देश के बैंकों का पैसा लेकर विदेश भाग चुके हैं, लेकिन उनकी चर्चा मीडिया में कम हुई।
भारत और पाकिस्तान में Geograpic और Cultural Similarities के अलावा भी कई समानताएं हैं। इनमें से एक समानता यह भी है कि वहां से भागकर भी लोग लंदन में शरण लेते हैं। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़, बेनज़ीर भुट्टो के अलावा कई आमो-ख़ास लोग लंदन में रहते और छिपते आए हैं। भारत के नीरव मोदी, विजय माल्या से लेकर मेहूल चोकसी और संगीतकार नदीम सैफ़ी ने भी जाकर लंदन में शरण ली थी। आख़िर ऐसा क्या है जो भारत और पाकिस्तान के विवादित लोग लंदन में शरण लेते रहे हैं?
भारत के पूर्व विदेश सचिव और लंदन में भारत के उच्चायुक्त रहे सलमान हैदर इस सवाल का जवाब देते हैं। वह कहते हैं, इसकी सबसे बड़ी वजह भारत का ब्रिटेन का उप-निवेश Colony Or Settlement रहना है। लोग इसलिए भागकर जाते हैं क्योंकि भारत और ब्रिटेन का Settlement रहा है और इस वजह से वहां की और यहां की क़ानूनी प्रणाली लगभग एक जैसी है। ब्रिटेन और भारत के क़ानूनी जानकार दोनों देशों के क़ानूनों को बहुत अच्छे से जानते हैं जिससे भागकर गए शख़्स को बहुत क़ानूनी लाभ होता है।
क़ानूनी वजहों के अलावा ब्रिटेन में भारत और पाकिस्तान के लोगों का वहां होना भी एक बड़ी वजह है जो कुछ लोग भागकर वहां जाते हैं। लंदन में बहुत से भारतवासी रहते हैं जिसके कारण यहां रहना आसान है। UK में दक्षिण एशियाई खाना आराम से मिल जाता है। लंदन के बहुत सारे इलाक़े ‘मिनी भारत’ जैसे बन गए हैं। बहुत सारे लोगों के पहले से यहां पर ठिकाने हैं. बॉलीवुड के कई बड़े स्टार्स, उद्योगपतियों के यहां घर हैं। पहले से घर होने के कारण भी लंदन में भागकर आने में आसानी होती है।

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