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April 29, 2025

पहलगाम हमले के बाद गुजरात में अवैध प्रवासियों पर बड़ी कार्रवाई

Immigrants Detention in Gujarat: पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार के निर्देश पर अवैध अप्रवासियों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। गुजरात में एक हजार से अधिक बांग्लादेशी अवैध अप्रवासियों को हिरासत में लिया गया है। 500 से ज्यादा बांग्लादेशी नागरिकों को अब तक हिरासत में लिया जा चुका है। अकेले अहमदाबाद के चंदोला तालाब से 457 घुसपैठिये पकड़े जाने की खबर है। इस एक्शन को लेकर गुजरात पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस अभियान का उद्देश्य अवैध आप्रवासन पर रोक लगाना और राज्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
Immigrants Detention in Gujarat: गुजरात में 550 से भी ज्यादा अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया है जो अवैध रूप से जाली दस्तावेजों की मदद से भारत में रह रहे थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक सत्यापन और पूछताछ के बाद इन सभी के खिलाफ निर्वासन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस कार्रवाई का नेतृत्व राज्य की विशेष अभियान समूह (SOG), अपराध शाखा, मानव तस्करी निरोधक इकाई (AHTU), अपराध निरोधक शाखा (PCB) और स्थानीय पुलिस बल ने मिलकर किया। इतने बड़े पैमाने पर चलाए गए अभियान ने सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और आपसी समन्वय की एक बड़ी मिसाल पेश की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन अवैध अप्रवासियों ने झूठी पहचान और जाली दस्तावेजों के जरिए कामकाज और आवास की व्यवस्था की थी। इनमें से कई फैक्ट्रियों और निर्माण स्थलों पर मजदूरी कर रहे थे, जबकि कुछ लोग छोटे व्यवसायों में लगे हुए थे।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस अभियान का उद्देश्य अवैध आप्रवासन पर रोक लगाना और राज्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। साथ ही, स्थानीय स्तर पर जाली दस्तावेज बनाने वाले गिरोहों की भी पहचान कर उन पर कार्रवाई की जा रही है। यह कार्रवाई एक ओर जहां कानून-व्यवस्था की गंभीरता को दर्शाती है, वहीं यह भी संकेत देती है कि भारत सरकार अब अवैध अप्रवासन के मुद्दे को और गंभीरता से लेने के मूड में है। गुजरात में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई तेज़ हो गई है। सूरत में विशेष अभियान समूह (SOG), अपराध शाखा (DCB), मानव तस्करी निरोधक इकाई (AHTU), अपराध निरोधक शाखा (PCB) और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीमों ने रातभर चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान 100 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया।

बिना वैध दस्तावेजों के भारत में दाखिल हुए

Immigrants Detention in Gujarat: पुलिस उपायुक्त राजदीप सिंह नकुम ने जानकारी देते हुए बताया,’वे सभी व्यक्ति वैध दस्तावेजों के बिना भारत में दाखिल हुए थे और सूरत में जाली पहचान पत्रों के सहारे रह रहे थे। जांच पूरी होने के बाद इन्हें निर्वासित कर बांग्लादेश भेजा जाएगा।’अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि हिरासत में लिए गए सभी लोगों ने भारत में निवास स्थापित करने के लिए नकली दस्तावेजों का सहारा लिया था। इनमें से कई लोग निर्माण स्थलों और औद्योगिक इकाइयों में काम कर रहे थे, जबकि कुछ स्थानीय निवासियों के जरिए किराए पर रह रहे थे। यह कार्रवाई न केवल राज्य की आंतरिक सुरक्षा को मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि अवैध अप्रवासन और जाली दस्तावेजों के नेटवर्क को अब कानून प्रवर्तन एजेंसियां जड़ से खत्म करने की दिशा में काम कर रही हैं। सरकार का यह रुख आने वाले समय में अन्य राज्यों में भी इसी तरह की कार्रवाई के संकेत देता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां अवैध अप्रवासियों की मौजूदगी की आशंका अधिक है।
गुजरात पुलिस ने शहर में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ एक बड़ा और समन्वित अभियान चलाया जिसमें 450 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। यह कार्रवाई क्राइम ब्रांच, विशेष अभियान समूह (SOG), आर्थिक अपराध शाखा (EOW), जोन 6, और मुख्यालय की पुलिस टीमों द्वारा संयुक्त रूप से की गई। क्राइम ब्रांच के डीसीपी अजीत राजियन ने पुष्टि की कि ‘सुबह-सुबह की गई इस छापेमारी में 400 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया, जो वैध दस्तावेजों के बिना भारत में रह रहे थे।’ इस अभियान का नेतृत्व संयुक्त पुलिस आयुक्त शरद सिंघल ने किया। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई गृह मंत्री, पुलिस आयुक्त और राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) के निर्देशों के अनुपालन में की गई।

127 अवैध नागरिक गिरफ्तार, 77 को उनके देश भेजा

संयुक्त पुलिस आयुक्त शरद सिंघल ने कहा, ‘गृह मंत्री, पुलिस आयुक्त और डीजीपी ने निर्देश दिया था कि अवैध अप्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। हम उसी के अनुसार काम कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे जानकारी दी कि अप्रैल 2024 से अब तक क्राइम ब्रांच ने दो FIR दर्ज की हैं, जिसमें 127 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया और 77 को उनके देश वापस भेजा जा चुका है। इस ताजा कार्रवाई के तहत हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है। जांच के बाद यदि उनकी नागरिकता और दस्तावेज अवैध पाए जाते हैं, तो निर्वासन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह अभियान न केवल अहमदाबाद, बल्कि पूरे गुजरात में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ प्रशासन के सख्त रुख को दर्शाता है। इससे यह भी स्पष्ट है कि सरकार अब देश की आंतरिक सुरक्षा और पहचान संबंधी धोखाधड़ी को गंभीरता से ले रही है।

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