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पुलिस हिरासत में मौत, संजीदगी से पुलिस फर्ज निभाती तो बच जाता विजय सिंह

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रात 2 बजे की वारदात, वडाला टीटी इलाके में कानून के रखवाले ही कानून की धज्जियां उड़ा रहे थे, पुलिस वाले रखवाले होने के बजाय भक्षक बन रहे थे, विजय सिंह पुलिस हिरासत में था और वो तिल तिल मर रहा था लेकिन पुलिस वाले उसकी जान बचाने के बजाय बेबस और मासूम को कथित पुलिस द्वारा थर्ड डिग्री से टॉर्चर किया जा रहा था। सोमवार देर रात वडाला के टीटी नगर इलाके में कथित तौर पर एक युवक की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि युवक को बुरी तरह से पीटा गया। उसके शरीर पर चोट के कई निशान भी मिले हैं।
मामला रविवार रात का है जब सायन कोलीवाड़ा इलाके में रहने वाले विजय सिंह रात को खाना खाने के बाद अपने 2 दोस्तों के साथ बाइक पर घूमने के लिए निकल गया और अपनी होने वाली बीवी से बात करने के लिए घर से कुछ दूर वडाला ट्रक टर्मिनल तक चला आया। वडाला में जब वह अपनी बाइक खड़ी कर रहा तभी उसी समय एक कपल पर बाइक की लाइट पड़ गयी, जिससे कपल नाराज हो गया। इसके बाद कपल ने विजय से झगड़ा करना शुरू कर दिया। यही नहीं उस कपल में शामिल लड़के ने फोन करके अपने अन्य दो दोस्तों को भी बुला लिया और सभी आपस में मारामारी करने लगे। तब तक किसी ने पुलिस को भी इस झगड़े की जानकारी दे दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर विजय और उसके दोनों दोस्तों को हिरासत में ले लिया और उन्हें पुलिस स्टेशन ले आई।
विजय के घर वालों के मुताबिक लॉकअप में पुलिस ने विजय को काफी मारा और प्रताड़ित किया। इतने में वहां विजय के घर वाले भी पहुंच गए। रात के करीब 2 बजे विजय सिंह ने पुलिस से सीने में दर्द होने की शिकायत की और पीने के लिए पानी की मांग की। लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी, यही नहीं जब विजय को उसकी मां पानी देने लगी तो पुलिस ने उसे डांट और वहां से भगा दिया, थोड़ी देर बाद जब विजय के छोटे भाई ने पानी पिलाना चाहा तो पुलिस ने उसे भी मारा और भगा दिया।
इसके थोड़ी देर बाद विजय बेहोश हो गया। विजय को बेहोश देख पुलिस ने उसे बाहर निकाल दिया। जब विजय के पिता ने पुलिस से विजय को अस्पताल ले जाने के लिए कहा तो पुलिस ने कहा कि उनके पास गाड़ी नहीं है। विजय के पिता ने एक टैक्सी की और अस्पताल ले गए। वहां ले जाने के बाद डॉक्टरों ने विजय को मृत घोषित कर दिया। विजय की मौत के बाद बड़ी संख्या में लोग पुलिस थाने के सामने जमा हो गए और दोषी पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करने लगे।
मामला तूल पकड़ता गया और राजनीतिक भी हो गया, संजय निरुपम, कृपाशंकर सिंह, संजय उपाध्याय जैसे कांग्रेस बीजेपी के नेता पुलिस के खिलाफ जांच की मांग करने लगे, परिजनों ने युवक की मौत के खिलाफ मंगलवार को प्रदर्शन किया, जिसके बाद टीटी नगर पुलिस स्टेशन के पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। मृतक विजय फार्मा कंपनी में मेडिकल रिप्रजेंटेटिव था, जबकि उसके पिता टैक्सी ड्राइवर हैं। बहरहाल विजय की मौत को लेकर जांच जारी है लेकिन पुलिस हिरासत में मौत पुलिस महकमे पर जरूर सवाल खड़े करती है कि शायद उस वक़्त पुलिस वाले विजय की मदद किये होते तो शायद आज विजय जिंदा होता और उसके सपने भी जिंदा होते।