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सीएसआर को प्रभावी बनाने पर हो ज्यादा जोर – अनुराग ठाकुर

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सीएसआर कानून की मदद से समाज में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी कानून को और भी ज्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए वित्त मंत्रालय ने हाल फिलहाल में कई संशोधन भी किये है। केंद्र सरकार चाहती है कि सीएसआर फंड का फायदा समाज के आखिरी जरूरतमंद तक पहुंचे। यही कारण है कि एक बार फिर से केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने मौजूदा दौर में Corporate Social Responsibility (CSR) के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सीएसआर गतिविधियों में प्रभावी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने की जरूरत है।

सीएसआर कार्यों और प्रभावों का आकलन होना चाहिए – अनुराग ठाकुर

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ‘इंस्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में CSR पर अपने संबोधन में कहा, “हमें सीएसआर को बेहतर प्रभावी एजेंडा बनाने की जरूरत है। सीएसआर गतिशील, मापनीय और वहनीय है। सीएसआर के तहत हमने वास्तव में क्या प्रभाव डाला है, इसकी एक रिपोर्ट होनी चाहिए। सीएसआर कार्यों के लक्ष्यों और प्रभावों का आकलन होना चाहिये। इसके पीछे सामाजिक उद्देश्य होना चाहिये। इसका समाज पर कहां क्या प्रभाव पड़ा उसकी निगरानी होनी चाहिये।”

अनुराग ठाकुर से कॉरपोरेट्स के सीएसआर को सराहा

अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि लाभ कमाने और सामाजिक रूप से जिम्मेदार होने में कोई टकराव नहीं है। उन्होंने कहा कि सीएसआर जीवन जीने का तरीका है यह कंपनियों के लिये जनसंपर्क बढाने का काम नहीं हो सकता। ये किसी से छुपा नहीं है कि CSR के तहत देश की कॉरपोरेट्स ने कोरोना महामारी में बहुत ही सराहनीय काम किये। अनुराग ठाकुर ने इसकी प्रशंसा की और कहा कि कई कंपनियों ने महामारी के इस दौर में अपने सीएसआर कोष का हिस्सा प्रधानमंत्री के आपात स्थिति में पीएम केयर्स में योगदान किया है, जो बेहद ही सराहनीय कदम है।

भारत में 8 लाख रजिस्टर्ड कंपनियां हैं, 15,000 ही सीएसआर के दायरे में

गौरतलब है कि भारत में करीब 8 लाख रजिस्टर्ड कंपनियां हैं जिनमें से लगभग 15,000 कंपनी अधिनियम के सीएसआर नियम के तहत आती हैं। इसके तहत कंपनी को अपने लाभ का 2 फीसदी हिस्सा सीएसआर गतिविधियों के लिए खर्च करना पड़ता है। सीएसआर की इन गतिविधियों के सही क्रियान्वयन के लिए मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में सीएसआर से जुड़े कानूनों में बेहद जरूरी बदलाव किए थे जिनका उद्देश्य कार्यान्वयन की प्रक्रिया को ज्यादा विस्तृत करना है।