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October 23, 2025

Mumbai Open Space Rule: झोपड़पट्टी पुनर्वसन योजनाओं में अब 35% खुली जगह रखना जरूरी, नहीं हुआ तो होगी कार्रवाई 

The CSR Journal Magazine
Mumbai Open Space Rule: महाराष्ट्र सरकार ने झोपड़पट्टी पुनर्वसन (Slum Rehabilitation) योजनाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब राज्य में बनने वाली किसी भी झोपड़पट्टी पुनर्वसन योजना में कम से कम 35% खुली जगह (Open Space) रखना अनिवार्य होगा। यह आदेश बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद जारी किया गया है। सरकार ने इस संबंध में 10 अक्टूबर 2025 को आधिकारिक अधिसूचना (Government Resolution) जारी की है। एनजीओ Alliance for Governance and Renewal (NAGAR) और अन्य संगठनों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी, जिसमें झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण (SRA) द्वारा विकसित प्रोजेक्ट्स में खुली जगहों की कमी पर सवाल उठाया गया था। इस पर कोर्ट ने 19 जून 2025 को आदेश दिया कि Development Control and Promotion Regulation (DCPR) 2034 के तहत 65% हिस्सा भवन निर्माण के लिए और 35% हिस्सा खुला रखने का नियम सख्ती से लागू किया जाए।

अब बनेगी Special Monitoring Committee

सरकार ने झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण, मुंबई में एक विशेष निगरानी समिति (Special Monitoring Committee) गठित की है, जिसकी अध्यक्षता उपमुख्य अभियंता (Deputy Chief Engineer) करेंगे। यह समिति हर योजना की जांच करेगी कि क्या 35% खुली जगह का नियम ठीक से लागू हुआ है या नहीं। समिति हर तीन महीने में अपनी रिपोर्ट तैयार कर ऑनलाइन प्रकाशित करेगी, ताकि जनता और अदालत दोनों को जानकारी मिल सके।

Mumbai Open Space Rule तोड़ने पर होगी कार्रवाई

अगर किसी योजना में कुल भूमि के 65% से अधिक हिस्सा इमारतों के लिए उपयोग किया गया या 35% खुली जगह नहीं छोड़ी गई, तो SRA उस प्रोजेक्ट में तुरंत सुधार कराएगा। आवश्यक होने पर संबंधित अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई (Disciplinary Action on SRA officials) भी की जाएगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि 35% खुली जगह न्यूनतम सीमा (Minimum Limit) है यदि कोई डेवलपर इससे ज्यादा खुली जगह रखता है, तो उसकी योजना की प्रशंसा की जाएगी।

खुली जगह का उपयोग पार्क या सार्वजनिक स्थल के रूप में

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि 35% खुली जमीन सिर्फ खाली नहीं छोड़ी जाएगी, बल्कि उसे सार्वजनिक उपयोग के लिए विकसित किया जाएगा। इन खुली जगहों पर पार्क, बगीचे और वॉकिंग ट्रैक बनाए जाएंगे, लाइटिंग, बेंच, फिटनेस जोन और बच्चों के झूले लगाए जाएंगे, साफ-सफाई और सुरक्षा की उचित व्यवस्था होगी और जगह पर यह सार्वजनिक क्षेत्र है ऐसा स्पष्ट बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा।

90 दिनों में खुली जगह महानगरपालिका को सौंपनी होगी

प्रोजेक्ट का Occupation Certificate (OC) मिलने के 90 दिनों के भीतर डेवलपर को यह 35% खुली जगह महानगरपालिका या स्थानीय निकाय (Local Authority) को हस्तांतरित करनी होगी। साथ ही डेवलपर को रखरखाव (Maintenance) के लिए पूंजी राशि (Capital Grant) जमा करनी होगी और तीन साल का देखभाल गारंटी पत्र (Indemnity Undertaking) देना अनिवार्य होगा।

हाईकोर्ट में हर छह महीने में रिपोर्ट देनी होगी

Slum Rehabilitation Authority को हर छह महीने में बॉम्बे हाईकोर्ट में एक हलफनामा (Affidavit) दाखिल करना होगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि किन योजनाओं को DCPR 2034 के तहत मंजूरी दी गई और उनमें 35% खुली जगहों का हस्तांतरण किस स्थिति में है। हाईकोर्ट खुद इन रिपोर्ट्स की निगरानी करेगा ताकि आदेशों का सही पालन सुनिश्चित किया जा सके।

सरकार का सख्त रुख, आदेशों का तात्कालिक पालन जरूरी

महाराष्ट्र सरकार ने साफ किया है कि हाईकोर्ट के सभी निर्देशों का कड़ाई से पालन (Strict Compliance) किया जाएगा। यह नियम अब हर झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्रोजेक्ट में लागू रहेगा ताकि मुंबई और अन्य शहरों में ओपन स्पेस और पर्यावरण संतुलन बरकरार रहे।
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