महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड महाराष्ट्र में न सिर्फ बिजली का ट्रांसमिशन करती है नहीं बल्कि सीएसआर (Corporate Social Responsibility) से राज्य में सामाजिक परिवर्तन भी ला रही है। महाराष्ट्र स्टेट (Maharashtra) इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (महाट्रासंको – MahaTransCo) अपने सीएसआर (CSR) पहल से सामाजिक बदलाव ला रही है। महाट्रासंको अपने CSR Funds से बड़े पैमाने पर एजुकेशन में काम कर रही है। अभी हालही में MahaTransCo ने लातूर के उमरगा जयराम स्कूल के विद्यार्थियों के लिए सीएसआर पहल की है। जयराम स्कूल में जहां मिड डे मील (Mid-Day Meal News) बनता था वो इमारत जर्जर हो चुकी थी और खुले आसमान के नीचे भरी दोपहर में स्कूल के कर्मचारी मिड डे मील बनाते थे। MahaTransCo ने स्कूल की मदद के लिए सीएसआर फंड देने की पेशकश की और अब जाकर भोजन कक्ष का छप्पर बनाने के साथ ही स्वच्छ पानी पीने के लिए भी व्यवस्था किया गया है।
MahaTransCo ने नंदुरबार में भी सीएसआर से किया है आदिवासी स्कूल में बदलाव
इतना ही नहीं महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (Maharashtra State Electricity Transmission Company Limited) ने सीएसआर निधी से तरहाडी शहादा नंदुरबार में आदिवासी रेजिडेंशियल स्कूल के लिए भी भोजन कक्ष बनाकर दिया है। नंदुरबार के इस आदिवासी रेजिडेंशियल स्कूल की भी हालत जर्जर थी, यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बहुत तकलीफों का सामना करना पड़ता था लेकिन महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के सीएसआर पहल से आदिवासी विद्यार्थियों को बहुत राहत मिली है। हम आपको बता दें कि नंदुरबार महाराष्ट्र के पिछड़े जिलों में से एक है और ये एक एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट और आदिवासी बहुल इलाका भी है।
MahaTransCo एजुकेशन, स्पोर्ट्स, हेल्थ और इंफ़्रा के सीएसआर करती है
गौरतलब है कि पूरे महाराष्ट्र में बिजली ट्रांसमिशन की जिम्मेदारी महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के ऊपर है और ये कंपनी CSR Activities में भी अग्रसर है। MahaTransCo ज्यादातर सीएसआर Education पर खर्च करती है, उसके बाद Sports, Health और Infrastructure में काम करती है। MahaTransCo ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर में भी स्वच्छ पीने के पानी के लिए बड़े स्तर पर काम कर रही है।