दमकल विभाग ने उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में संगम का जल पहुंचाने की नायाब पहल की है। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि जो लोग किन्हीं कारणों से महाकुंभ में स्नान करने नहीं आ पाए हैं, उनके लिए सरकार संगम का जल भिजवाएगी। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप अब Uttar Pradesh Fire Services अग्निशमन तथा आपात सेवा ने यह बीड़ा उठाया है। अग्निशमन तथा आपात सेवा की अपर पुलिस महानिदेशक पद्मजा चौहान ने मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ – Chief Fire Officer) प्रमोद शर्मा को निर्देश दिए हैं कि सभी 75 जनपदों से आए फायर टेंडर के माध्यम से संगम का जल भिजवाया जाए। Mahakumbh Sangam Jal by Fire Dept.
महाकुंभ से शुक्रवार को फायर टेंडर लौटना शुरू होंगे जिसमे भेजा जायेगा संगम का जल
हम आपको बता दें कि शुक्रवार से यूपी के अलग अलग जिलों से आए फायर टेंडर लौटना शुरू होंगे और उन सभी में संगम का जल भेजा जाएगा, ताकि लोग संगम के जल से घर पर स्नान कर पुण्य अर्जित कर सकें। वंचित लोगों तक अग्निशमन विभाग अब संगम का पवित्र जल पहुंचाने का काम करेगा। मेला ड्यूटी से वापसी में फायरकर्मी फायर टेंडर में जल भरकर अपने-अपने जिलों में रवाना होंगे। महाकुंभ में 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इसके बावजूद कई लोग संगम में डुबकी लगाने नहीं आ सके हैं। हालांकि वंचित लोगों तक अग्निशमन विभाग अब संगम का पवित्र जल पहुंचाने का काम करेगा। मेला ड्यूटी में पांच हजार से लेकर 42 हजार लीटर तक के 250 से अधिक फायर टेंडर आए थे। इन टेंडरों में संगम का जल भेजवाने में इस्तेमाल किया जाएगा।
महाकुंभ में 31 दिन में बिका 37,500 मिली लीटर गंगोत्री का गंगाजल
महाकुंभ 2025 के दौरान ऋषिकेश और गंगोत्री के गंगाजल की बिक्री ने तेजी पकड़ी। महज 31 दिनों (जनवरी माह) में 37,500 मिली लीटर गंगाजल बिक गया है। बीते जनवरी के आंकड़े के मुताबिक एक माह के दौरान देश-विदेश के 150 स्नानार्थियों ने गंगाजल खरीदा है। कुम्भ के दौरान संगम में स्नान करने के बाद श्रद्धालु जल भर ले रहे थे, लेकिन ऋषिकेश के जल की सुविधा डाक विभाग ने प्रदान किया था। डाक विभाग के पीआरओ राजेश वर्मा ने बताया कि गंगाजल की बिक्री के लिए सिविल लाइंस स्थित प्रधान डाकघर और मेला क्षेत्र स्थित केंद्रीय डाकघर में काउंटर खुले थे। 250 एमएल के बोतल की कीमत 30 रुपये तय किया गया था। जनवरी में 150 श्रद्धालुओं ने गंगाजल को खरीदा है। इसमें 100 प्रधान डाकघर और 50 मेला क्षेत्र के केंद्रीय डाकघर से खरीदारी की है। खास बात यह भी है कि यह आंकड़ा और भी बढ़ेगा। क्योंकि इसमें फरवरी माह के बिक्री का जिक्र नहीं है।