बीजेपी शिवसेना के गठबंधन खत्म होने के बाद बीते कई दिनों से सरकार बनाने को लेकर जारी महाराष्ट्र का पॉलिटिकल ड्रामा अपने क्लाइमेक्स पर पहुंच गया है, अब तक ये साफ नही हो पाया है कि महाराष्ट्र में तीन पार्टियों के गठबंधन वाली सरकार बनेगी या नही, और अगर बनती है तो संभवतः उद्धव ठाकरे बतौर मुख्यमंत्री शपथ लेंगे या नही। लेकिन शाम तक ये साफ हो गया था कि शिवसेना का सीएम होगा और उन तमाम शिवसैनिकों को जश्न मनाने का मौका दे दिया जो इस बात को लेकर अडिग थे कि महाराष्ट्र का अगला सीएम शिवसेना से ही होना चाहिए।
दिन भर आज बड़ी तेजी से लगातार समीकरण बदलते रहे, जहां कल बीजेपी को सरकार बनाने का न्यौता राज्यपाल द्वारा दिया गया था और बीजेपी ने सरकार बनाने और बहुमत साबित करने में असमर्थता जाता दिया फिर राज्यपाल ने दूसरी बड़ी पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने का न्यौता दिया फिर क्या, सरकार बनाने को लेकर जो उठापठक हुई वो महाराष्ट्र की राजनीति में अबतक नही हुई थी। शिवसेना बीजेपी की सीएम पद को लेकर रस्साकशी रास्ते पर आ गयी और दोनों ही पार्टियों में इतना तल्खियां हो गयी कि तीस साल से चली आ रही शिवसेना बीजेपी गठबंधन टूट गया।मोदी 2.0 में मंत्री अरविंद सावंत अपना इस्तीफ़ा दे चुके हैं, बीजेपी और शिवसेना अक्सर दोस्ती के दम भरते रहे लेकिन किसी को क्या पता था कि सीएम की कुर्सी दोनों की दोस्ती पर भारी पड़ेगी।
बीजेपी के पाले से छिटककर शिवसेना ने एनसीपी- कांग्रेस का दामन थाम लिया है, और अब महाराष्ट्र में तीन पार्टियों की तिकडम सरकार बनने जा रही है। लेकिन इस्तिथि अभी भी साफ नही हुई है। उद्धव ठाकरे के बेटे अपने विधायक दल के नेता के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे, कयास लगाए गए कि सरकार बनने का फाइनल काउंटडाउन शुरू हो गया लेकिन जैसे ही आदित्य राज्यपाल कोशियारी से मुलाकात करके आये वैसे ही बताया कि राज्यपाल ने 2 दिन का अतिरिक्त समय देने से इनकार कर दिया लेकिन शिवसेना ने सरकार बनाने का जो दावा पेश किया उसे खारिज नही किया। ऐसे में अब सवाल कि महाराष्ट्र में क्या और कबतक सरकार बनेगी। अभीतक न एनसीपी और न कांग्रेस से समर्थन का ऐलान किया है बस दोनों ही पार्टियों ने सहमति जाहिर की है। लेकिन मौखिक सहमति से सरकार नही बन सकती। बहरहाल अब राज्यपाल के विवेक पर है कि सरकार का क्या होगा, राज्यपाल शासन होगा ये तीन पार्टियों की तिकडम सरकार बनेगी।